मस्तिष्क रेखा का आरंभ तर्जनी उंगली के नीचे से होता हुआ हथेली के दूसरे तरफ जाता है जब तक उसका अंत न हो । ज्यादातर, यह रेखा life line के आरंभिक बिन्दु को स्पर्श करती है। यह रेखा व्यक्ति के मानसिक स्तर और बुद्धि के विश्लेषण को, सीखने की विशिष्ट विधा, संचार शैली और विभिन्न…
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मस्तिष्क रेखा का आरंभ तर्जनी उंगली के नीचे से होता हुआ हथेली के दूसरे तरफ जाता है जब तक उसका अंत न हो । ज्यादातर, यह रेखा life line के आरंभिक बिन्दु को स्पर्श करती है। यह रेखा व्यक्ति के मानसिक स्तर और बुद्धि के विश्लेषण को, सीखने की विशिष्ट विधा, संचार शैली और विभिन्न क्षेत्रों के विषय मे जानने की इच्छा को दर्शाती है।
मस्तष्कि रेखा की स्थिति व्यक्ति की बुद्धिमत्ता, सीखने की प्रवृत्ति, विशिष्ट विधा की दिशा को दर्शाती है तथा व्यक्ति की, बुद्धि और मन के निर्धारण मे महत्वपूर्ण भूमिका को व्यक्त करत है। इस रेखा का आरंभ तीन भिन्न स्थानों से हो सकता है। इसका आरंभ गुरु पर्वत के मध्य से, जीवन रेखा के प्रारंभ से या मंगल पर्वत से होता है।
मस्तिष्क रेखा का निरुपण हाथ के आकार के अनुसार भिन्न भिन्न होता है। हालांकि, सामान्य हाथ पर मस्तिष्क रेखा के विवरण की चर्चा पहले की जा चुकी है। मस्तिष्क रेखा की स्थिति के अनुसार कुछ सामान्य विवरण नीचे दिया जा रहा है,
यदि मस्तिष्क रेखा का उद्गम गुरु पर्वत से होता है और वह जीवन रेखा को छूती है तो यह दर्शाता है कि व्यक्ति अपने क्षेत्र मे उत्साही और कुशल प्रवृत्ति का होता है, और वह साहस और दृढ़ संकल्प के साथ अपने उद्देश्यों को पूर्ण करता है।
यदि मस्तिष्क रेखा का उदगम गुरु पर्वत से होता है परन्तु वह जीवन रेखा को नही छूती है तो यह इस बात को दर्शाती है कि व्यक्ति जल्दबाजी मे निर्णय लेने वाला और अविवेकी होगा है।
यदि मस्तिष्क रेखा प्रारंभ मे जीवन रेखा को छूती हुई हो तो व्यक्ति संवेदनशील और घबराने वाला होता है जिसके कारण वह सावधानी और रक्षात्मक दृष्टिकोण अपनाता है।
यदि मस्तिष्क रेखा का उदगम मंगल पर्वत से होता है और साथ ही यह जीवन रेखा को भी छूती है, तो यह एक अच्छा संकेत नही है, ऐसा व्यक्ति चिंतित और अस्थिर विचारों वाला होता है। ऐसा व्यक्ति अत्यधिक संवेदनशील और चिड़चिड़ा भी होता है।