कर्म शुद्ध है तो भाग्य भी शुद्ध है। भाग्य जाग्रत है तो किसी भी कार्य में बाधा उत्पन्न नहीं होगी और हर तरह का मनचाहा कार्य निर्विघ्न संपन्न होगा। यदि भाग्य जाग्रत है तो आपको धनवान बनने से कोई रोक नहीं सकता। भाग्यवान बनने के लिए कुछ बातों में सावधानी रखना होगी और कुछ ऐसे…
कर्म शुद्ध है तो भाग्य भी शुद्ध है। भाग्य जाग्रत है तो किसी भी कार्य में बाधा उत्पन्न नहीं होगी और हर तरह का मनचाहा कार्य निर्विघ्न संपन्न होगा। यदि भाग्य जाग्रत है तो आपको धनवान बनने से कोई रोक नहीं सकता।
भाग्यवान बनने के लिए कुछ बातों में सावधानी रखना होगी और कुछ ऐसे उपाय करना होंगे जिन्हें हम टोटके कहते हैं। टोटके कहने से कुछ लोग इसका गलत अर्थ निकालते हैं जबकि यह सात्विक उपाय होते हैं।
दुर्भाग्य से बचें : शारीरिक दोष, वास्तु दोष और कर्म दोष से दुर्भाग्य निर्मित होता है। शरीर के सभी छिद्रों को अच्छे से जल से धोएं। शौचालय और स्नानघर का वास्तु सुधारें। ऐसा कोई कर्म न करें जिससे आप को पछताना पड़े। पूजा स्थान पर बांस से बनी हुई अगरबत्तियां न जलाएं। बांस के जलने से दुर्भाग्य पैदा होता है। ऐसी अगरबत्ति का इस्तेमाल करें जिसमें लकड़ी की तिलियां लगी हो। या केवल धूप बत्ति जलाएं।
मुक्त करें पक्षियों को : पिंजरे में आप किसी पक्षी को ले जाते हुए देखें या कोई पक्षी पिंजरे में है तो आप उन पक्षियों को लेकर उन्हें आजाद कर दें। इस कार्य से आपके ऊपर कैसा भी कर्ज हो आप उससे मुक्त हो जाएंगे। लेकिन यदि आपने अपने घर में किसी पक्षी को पिंजरे में रख रखा है तो आप आज नहीं तो कल कभी भी भयंकर कर्ज के बोझ तले दब जाएंगे।
धन के नुकसान से बचें : यदि बेवजह धन का नुकसान हो रहा है। धन चोरी हो रहा है, डूब रहा है या गायब हो जाता है तो रोज सुबह नीम की लकड़ी से दातुन करें। रात को झूठे बर्तन किचन में न रखें। उत्तर दिशा में बैठकर ही भोजन करें और भोजन की थाली में हाथ न धोएं।
एकादशी का व्रत रखें : हिन्दू धर्म में एकादशी और प्रदोष का व्रत रखने के पीछे का विज्ञान यह कि यह आपके चंद्र और शनि के खराब असर को बेअसर कर शुभ में बदल देता है। प्रत्येक पक्ष (शुक्ल और कृष्ण पक्ष) के ग्यारस और त्रयोदशी को विधिपूर्वक व्रत रखेंगे तो निश्चित ही आपके जीवन से निर्धनता और सभी तरह के संकट दूर हो जाएंगे।
मांगलिक कार्य निर्विघ्न संपन्न होने हेतु : यदि घर में कोई मांगलिक कार्य होने वाला है और आप चाहते हैं कि वह निर्विघ्न संपन्न हो जाए तो इसके लिए एक उपाय है। जिस दिन मंगल कार्य हो उस दिन एक मुठ्ठी गेहूं लें और उसे लाल कपड़े में पोटली जैसा बांधकर उसे घर की पूर्व दिशा में किसी कोने में रख दें। आपका जो भी मंगल कार्य है वह ईश्वर की कृपासे आपके ईष्टदेव की कृपा से बिना किसी बाधा के पूरा हो जाएगा।
साहस और आत्म विश्वास हेतु : एक सूर्ख लाल रंग के मोटे कागज का टुकड़ा ले लीजिये। इसको त्रिभुजाकार काट लीजिये। तीनों भुजाएं बराबर होना चाहिए। इस त्रिभुज वाले टुकड़े को अपने काम के स्थान पर रखें। वहां रखे जाहां आप बराबर आप उसे देख सकें। इससे आपका मणिपुर चक्र इंप्रूव होगा और आपके साहस एवं आत्म विश्वास का स्तर बढ़ जाएगा।
कपड़े पहने सोच समझ कर : हमारे भाग्य का संबंध कपड़ों से भी होता है। अत: आप कौन से ग्रहों के वस्त्र पहनते हैं इससे भी आपका भाग्य निर्मित होता है। यदि आप राहु और केतु से संबंधित वस्त्र पनन रहे हैं तो जीवन में अचानक आने वाले संकटों का सामना करना होगा।
महिलाओं को चाहिए कि वे अपने वस्त्रों में पीले रंग का उपयोग करें और पुरुषों को चाहिए कि वे अपने वस्त्रों में चमदार सफेद, गुलाबी और आसमानी रंग का इस्तेमाल करें। पेंट काली पहन सकते हैं। इसी तरह आप अपने घर के पर्दों और अन्य वस्तुओं के रंग पर भी ध्यान दें। काला, भूरा, कत्थई, मटमेला, सूर्ख लाल, जामूनी आदि रंगों का कम ही इस्तेमाल करें।
मालामाल होने का टोटका : यदि आप मालामाल होना चाहते हैं तो काली मिर्च के 5 दाने लें और उन्हें अपने सिर पर से 7 बार वार लें। इसके बाद किसी चौराहे या किसी सुनसान स्थान पर खड़े होकर चारों दिशाओं में 4 दाने फेंक दें। इसके बाद 5वें दाने को ऊपर आसमान की ओर फेंक दें।
इसके बाद चौराहे से पुन : लौटते वक्त पीछे पलटकर न देंगे। माना जाता है कि इस उपाय से अचानक धन प्राप्ति के योग बनते हैं। दूसरा टोटका यह कि 10-10 के 100 अच्छे नोट इकट्ठे करें और उनको तिजोरी में रखें। इसी तरह 10 की एक गड्डी और 40-50 सिक्कों का एक सेट बनाएं और उसे प्रतिदिन रात में सोते समय गिनकर उचित स्थान पर रख दें। हो सके तो नोटों के ढेर का एक चित्र खरीदकर ले आएं और उसे घर में वहां पर चिपका दें जहां पर आपकी नजर सहज ही रूप से जाती हो।
भाग्य चमकाने का अचूक टोटका : एक साबूत पानीदार नारियल लें और उसे अपने उपर से 21 बार वारकर किसी देवस्थान की आग में डाल दें। यह उपाय आप मंगलवार और शनिवार को ही करें। ऐसा पांच बार करें। ऐसा घर के सभी सदस्यों के उपर से वारकर करेंगे तो उत्तम होगा।
इसके अलावा मंगलवार और शनिवार को हनुमानजी के मंदिर में जाकर हनुमान चालीसा पढ़े और एक बार उनको चौला अवश्य चढ़ा दें।
ताला खोलेगा आपकी किस्मत का ताला : सबसे पहले आप ताले की दुकान पर किसी भी शुक्रवार को जाएं और एक स्टील या लोहे का ताला खरीद लें। लेकिन ध्यान रखें ताला बंद होना चाहिए खुला ताला नहीं। ताला खरीदते समय उसे न दुकानदार को खोलने दें और न आप खुद खोलें। ताला सही है या नहीं यह जांचने के लिए भी न खोलें। बस बंद ताले को खरीदकर ले आएं।उस ताले को एक डिब्बे में रखें और शुक्रवार की रात को ही अपने सोने वाले कमरे में बिस्तर के पास रख लें। शनिवार सुबह उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर ताले को बिना खोले किसी मंदिर या देवस्थान पर रख दें। ताले को रखकर बिना कुछ बोले, बिना पलटें वापिस अपने घर आ जाए।
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