भगवान गणेश को मंगलकारी एवम विघ्नहर्ता कहा गया है, वास्तु शास्त्र में भगवान गणेश को अत्यधिक महत्वता दी गई है. यदि कोई व्यक्ति वास्तुशास्त्र के अनुसार भगवान गणेश की मूर्ति अथवा प्रतिमा अपने घर में स्थापित करता है तो उसकी मनोकामना शीघ्र ही पूरी होती है.Ganesh Ji Ki Puja Karne Ki Vidhi in Hindi :-…
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भगवान गणेश को मंगलकारी एवम विघ्नहर्ता कहा गया है, वास्तु शास्त्र में भगवान गणेश को अत्यधिक महत्वता दी गई है. यदि कोई व्यक्ति वास्तुशास्त्र के अनुसार भगवान गणेश की मूर्ति अथवा प्रतिमा अपने घर में स्थापित करता है तो उसकी मनोकामना शीघ्र ही पूरी होती है.
आज हम आपको बताने जा रहे की भगवान गणेश की किस प्रकार की प्रतिमा स्थापित कर आप सुख सम्पति प्राप्त कर सकते है परन्तु भगवान गणेश की प्रतिमा अथवा मूर्ति स्थापित करने से पूर्व कुछ विशेष बातो का आपको ध्यान रखना होगा.
जैसे की भगवान गणेश को घर के किस दिशा अथवा कहा पर विराजमान रखना उचित होगा जिस से आपको धन लाभ की प्राप्ति हो सके.
1. भगवान गणेश की प्रतिमा या तस्वीर जब घर में लाये तो ध्यान की भगवान गणेश का सूड़ बाए हाथ की ओर घुमा होना चाहिए, क्योकि ऐसी मान्यता है की दायीं हाथ की ओर घुमि भगवान गणेश के सूंड वाली प्रतिमा की पूजा करने से मोनकामना पूर्ति में बहुत समय लगता है.
2. गणेश जी प्रतिमा में यह भी ध्यान रखें कि गणेश जी सायुज और सवाहन हों. यानी गणेश जी के हाथों में उनका एक दंत, अंकुश और मोदक होना चाहिए.
3. गणेश जी एक हाथ वरदान की मुद्रा में हो और साथ में उनका वाहन मूषक भी होना चाहिए. शास्त्रों में देवताओं का आवाहन इसी रुप में होता है. जो लोग संतान सुख की कामना रखते हैं उन्हें अपने घर में बाल गणेश की प्रतिमा या तस्वीर लानी चाहिए. नियमित इनकी पूजा से संतान के मामले में आने वाली विघ्न दूर होते है.
4. घर में आनंद उत्साह और उन्नति के लिए नृत्य मुद्रा वाली गणेश जी की प्रतिमा लानी चाहिए. इस प्रतिमा की पूजा से छात्रों और कला जगत से जुड़े लोगों को विशेष लाभ मिलता है. इससे घर में धन और आनंद की भी वृद्घि होती है.
5. गणेश जी आसान पर विराजमान हों या लेटे हुए मुद्रा में हों तो ऐसी प्रतिमा को घर में लाना शुभ होता है. इससे घर में सुख और आनंद का स्थायित्व बना रहता है. सिंदूरी रंग वाले गणेश को समृद्धि दायक माना गया है, इसलिए इनकी पूजा गृहस्थों एवं व्यवसायियों के लिए शुभ माना गया है.
6. वास्तु विज्ञान के अनुसार गणेश जी को घर के ब्रह्म स्थान (केंद्र) में, पूर्व दिशा में एवं ईशान में विराजमान करना शुभ एवं मंगलकारी होता है. इस बात का ध्यान रखें कि गणेश जी की सूंड उत्तर दिशा की ओर हो. गणेश जी को दक्षिण या नैऋत्य कोण में नहीं रखना चाहिए.