हृदय रेखा का उद्गम कनिष्ठा उंगली के नीचे से हथेली को पार करता हुआ तर्जनी उंगली के नीचे समाप्त होता है। यह हथेली के उपरी हिस्से में उंगलियों के ठीक नीचे होती है। यह हृदय के प्राकृतिक और मनोवैज्ञानिक स्तर को दर्शाती है। यह रोमांस कि भावनाओं, मनोवैज्ञानिक सहनशक्ति, भावनात्मक स्थिरता और अवसाद की संभावनाओं…
हृदय रेखा का उद्गम कनिष्ठा उंगली के नीचे से हथेली को पार करता हुआ तर्जनी उंगली के नीचे समाप्त होता है। यह हथेली के उपरी हिस्से में उंगलियों के ठीक नीचे होती है। यह हृदय के प्राकृतिक और मनोवैज्ञानिक स्तर को दर्शाती है। यह रोमांस कि भावनाओं, मनोवैज्ञानिक सहनशक्ति, भावनात्मक स्थिरता और अवसाद की संभावनाओं का विश्लेषण करने के साथ ही साथ हृदय संबंधित विभिन्न पहलुओं की भी व्याख्या करती है।
जीवन में प्यार के सभी अहसासों और प्यार की सारी कहानी को हृदय रेखाएं अपने अंदर समा कर रहती है।
हथेली पर हृदय रेखा तर्जनी और मध्यमा के बीच से शुरु होकर हथेली के दूसरे छोर तक जाती है।
कई जातकों की हथेली पर यह रेखा तर्जनी के निचले हिस्से से शुरु होती है तो कई जातकों की हथेली पर यह रेखा बेहद छोटी भी होती है।
इस रेखा का विश्लेषण कर यह बताया जा सकता है कि जीवन में प्रेम विवाह का योग है या नहीं।
जिन जातकों के हाथों में गहरी और स्पष्ट हृदय रेखाएं हों जो तर्जनी या मध्यमा या गुरु या शुक्र पर्वत पर खत्म हो रही हो उन्हें जातक जीवन में अपार सफलता हासिल होती है और प्रेम संबंधों में कामयाबी मिलती है।
लेकिन अगर किसी जातक के हाथों में हृदय रेखा का अंत तर्जनी या मध्यमा के मूल यानि नीचे की तरफ झुका हो उनपर प्यार के मामलों में भरोसा नहीं करना चाहिए। ऐसे पुरुष या स्त्री बेहद कामुक और बेवफाई के भावों से युक्त होते हैं।
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