दुर्योधन को महाभारत के मुख्य खलनायक के रूप में प्रस्तुत किया जाता है, राज लालसा के कारण दुर्योधन ने कुरुक्षेत्र में महाभारत का भीषण युद्ध करवाया था. परन्तु इससे हटकर भी दुर्योधन के संबंध में अनेक विचित्र बाते है जिनसे बहुत ही कम लोग परिचित है.How Duryodhan Got Married in Hindi :- दुर्योधन से जुडी…
दुर्योधन को महाभारत के मुख्य खलनायक के रूप में प्रस्तुत किया जाता है, राज लालसा के कारण दुर्योधन ने कुरुक्षेत्र में महाभारत का भीषण युद्ध करवाया था. परन्तु इससे हटकर भी दुर्योधन के संबंध में अनेक विचित्र बाते है जिनसे बहुत ही कम लोग परिचित है.
दुर्योधन से जुडी एक ऐसी ही अनसुनी कथा के बारे में आज हम आपको बताने जा रहे जिसके विषय में सायद ही आपने पहले कभी सूना हो. दुर्योधन का विवाह भानुमति से हुआ परन्तु यह कोई समान्य विवाह नहीं इस विवाह के सम्पन्न होने में एक बहुत ही विचित्र घटना घटी थी.
दरअसल भानुमति के साथ विवाह के लिए जो स्वयम्बर रखा गया था वह दुर्योधन ने नहीं किसी और ने जीता इसके बावजूद भी भानुमति दुर्योधन की पत्नी कहलाई. आइये जानते है पूरी कथा विस्तार में.
भानुमति काम्बोज राज्य की राजकुमारी थी तथा उनके पिता का नाम चंद्रवर्मा था. जब भानुमति विवाह योग्य हुई तो राजा वन्द्रवर्मा ने अपनी पुत्री का स्वयम्बर रखा जिसमे अनेक देशो के राजा पधारे. इनमे प्रमुख थे शिशुपाल, रुक्मी, जरासंध, वक्र, दुर्योधन तथा कर्ण.
जब स्वयम्बर प्रारम्भ हुआ तब भानुमति अपनी सखियो के साथ अपने हाथ में वरमाला लेकर आई. भानुमति की सुंदरता को देख दुर्योधन उस पर आकर्षित हो गया तथा उसे हर हाल में प्राप्त करने की लालसा दुर्योधन के मन में जगी.
भानुमति वर का चयन करते समय अनेक राजाओ के सामने से गुजरते हुए दुर्योधन के सामने भी आई तथा फिर कुछ देर रुकने के बाद वह आगे बढ़ गई. दुर्योधन को यह बात सहन नहीं हो पाई तथा वह तेजी से भानुमति की ओर लपका तथा उसके हाथो से वरमाला जबरजस्ती अपने गले में डलवा ली.
दुर्योधन की इस हरकत को देख भानुमति के पिता सहित स्वयम्बर में आये अन्य सभी राजा क्रोधित हो गये तथा उसका विरोध करने लगे. दुर्योधन ने अपने मित्र कर्ण की सहायता ली और सभी को युद्ध की चुनौती दे डाली.
कर्ण ने सभी राजाओ को पल भर में ही परास्त कर दिया. परन्तु जरासंध एवं कर्ण के मध्य बहुत भयंकर युद्ध हुआ, यह युद्ध लगातार 21 दिनों तक चलता रहा. अंत में जरासंध को कर्ण के सामने अपनी पराजय स्वीकार करनी पड़ी तथा युद्ध में भानुमति को जीत कर कर्ण ने उन्हें दुर्योधन को भेट किया.
दुर्योधन ने भी कर्ण के इस कार्य से प्रसन्न होकर कर्ण को मालिनी प्रदेश का राज्य दिया. जरासंध की यह पहली पराजय थी तथा दुर्योधन ने भानुमति के साथ इस तरह किया गया विवाह सही ठहराया क्योकि पितामाह भीष्म ने भी अपने दोनों सौतेले भाइयो का विवाह अम्बिका एवं अम्बालिका का हरण करके
दुर्योधन की पत्नी भानुमति से उन्हें दो संताने प्राप्त हुए. दुर्योधन के पुत्र लक्ष्मण का वध महाभारत के युद्ध में वीर अभिमन्यु ने किया तथा दुर्योधन की पुत्री का विवाह भगवान श्री कृष्ण की पत्नी जामवंती से जन्मे पुत्र साम्ब के साथ किया गया.
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