Indian Spiritual
  • होम
  • लोकप्रिय
  • धार्मिक तथ्य
  • धार्मिक कथा
  • धार्मिक स्थान
  • ज्योतिष
  • ग्रंथ
  • हस्त रेखाएं
  • व्रत त्योहार
  • तंत्र-मंत्र-यंत्र
  • वार्षिक राशिफल 2021
होम | धार्मिक कथा | जाने रावण के तीन जन्मों की कहानी

जाने रावण के तीन जन्मों की कहानी

जाने रावण के तीन जन्मों की कहानी
In धार्मिक कथा, लोकप्रिय, विजयादशमी स्पेशल, व्रत त्योहार
  • Share on Facebook
  • Share on Twitter
  • Share on Email
  • Share on Whatsapp
  • Share on Facebook
  • Share on Twitter

रावण नाम का इस दुनिया में कभी दूसरा नहीं हुआ। राजाधिराज लंकाधिपति महाराज रावण को ‘दशानन’ भी कहते हैं। कहते हैं कि रावण लंका का तमिल राजा था। रावण एक कुशल राजनीतिज्ञ, सेनापति और वास्तुकला का मर्मज्ञ होने के साथ-साथ ब्रह्मज्ञानी तथा बहुविद्याओं का जानकार था।Ravan Ke Tin Janmo Ki Kahani in Hindi :- उसे…

रावण नाम का इस दुनिया में कभी दूसरा नहीं हुआ। राजाधिराज लंकाधिपति महाराज रावण को ‘दशानन’ भी कहते हैं। कहते हैं कि रावण लंका का तमिल राजा था। रावण एक कुशल राजनीतिज्ञ, सेनापति और वास्तुकला का मर्मज्ञ होने के साथ-साथ ब्रह्मज्ञानी तथा बहुविद्याओं का जानकार था।

Ravan Ke Tin Janmo Ki Kahani in Hindi :-

उसे ‘मायावी’ इसलिए कहा जाता था कि वह इन्द्रजाल, तंत्र, सम्मोहन और तरह-तरह के जादू जानता था। उसके पास एक ऐसा विमान था, जो अन्य किसी के पास नहीं था। इस सभी के कारण सभी उससे भयभीत रहते थे। जैन शास्त्रों में रावण को प्रति‍नारायण माना गया है। जैन धर्म के 64 शलाका पुरुषों में रावण की गिनती की जाती है।

रावण अपने पूर्व जन्म में विष्णु का द्वारपाल था। एक पौराणिक कथा के अनुसार भगवान विष्णु के दर्शन हेतु सनक, सनंदन आदि ऋषि भगवान विष्णु के दर्शन हेतु पधारे, परंतु भगवान विष्णु के द्वारपाल जय और विजय ने द्वार पर ही रोककर उन्हें अंदर जाने से मना कर दिया। कहने लगे कि अभी भगवान के विश्राम का समय है। ऋषिगण ने क्रोध में आकर जय एवं विजय को शाप दे दिया – ‘जाओ तुम राक्षस हो जाओ’

{ पढ़ें :- क्‍या है श्रावण मास के सोमवार का महत्व ? }

बाद में जय और विजय ने ऋषियों से अपने अपराध के लिए क्षमा मांगी। भगवान विष्णु ने भी ऋषियों से क्षमा करने को कहा। तब ऋषियों ने कहा कि हमारा शाप खाली नहीं जा सकता। हां, इसमें यह परिवर्तन हो सकता है कि तुम हमेशा के लिए राक्षस नहीं रहोगे, लेकिन 3 जन्मों तक तो तुम्हें राक्षस योनि में रहना ही होगा और उसके बाद तुम पुन: इस पद पर प्रतिष्ठित हो सकोगे। लेकिन इसके साथ एक और शर्त यह है कि भगवान विष्णु या उनके किसी अवतारी-स्वरूप के हाथों तुम्हारा मरना अनिवार्य होगा।

इस शाप के चलते भगवान विष्णु के इन द्वारपालों ने अपने पहले जन्म में हिरण्याक्ष व हिरण्यकशिपु राक्षसों के रूप में जन्म लिया। हिरण्याक्ष राक्षस बहुत शक्तिशाली था। उसके कारण पृथ्वी पाताल-लोक में डूब गई थी। पृथ्वी को जल से बाहर निकालने के लिए भगवान विष्णु को वराह अवतार धारण करना पड़ा। इस अवतार में उन्होंने धरती पर से जल को हटाने के अथक कार्य किया। उनके इस कार्य में बार-बार हिरण्याक्ष विघ्न डालता था अत: अंत में श्रीविष्णु ने हिरण्याक्ष का वध कर दिया। उसके बाद धरती पुन: मनुष्यों के रहने लायक स्थान बन गई।

भगवान विष्णु द्वारा अपने भाई हिरण्याक्ष का वध करने के कारण वह विष्णु विरोधी था। लेकिन जब उसे पता चला कि उसका पुत्र प्रहलाद विष्णुभक्त है तो उसने उसे मरवाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी थी लेकिन वह अपने पुत्र को नहीं मार सका। अंत में उसने एक खंभे में लात मारकर प्रहलाद से पूछा- ‘यदि तेरा भगवान सभी जगह है तो क्या इस खंभे में भी है? ‘खंभे में लात मारते ही खंभे से भगवान विष्णु नृसिंह रूप में प्रकट हुए, जो न देव थे और न राक्षस और न मनुष्य। वे अर्द्धमानव और अर्द्धपशु थे। उन्होंने संध्याकाल में हिरण्यकशिपु को अपनी जंघा पर बिठाकर उसका वध कर दिया।

वध होने के बाद ये दोनों भाई त्रेतायुग में रावण और कुंभकर्ण के रूप में पैदा हुए और फिर श्रीविष्णु अवतार भगवान श्रीराम के हाथों मारे गए। अंत में वे तीसरे जन्म में द्वापर युग में शिशुपाल एवं दंतवक्त्र नाम के अनाचारी के रूप में पैदा हुए। इन दोनों का भी वध भगवान श्रीकृष्ण के हाथों हुआ।

{ पढ़ें :- रावण ने यहाँ की थी शिव की तपस्या, जहाँ शिव ने रावण को दिया एक वरदान ! एक चमत्कारी शिवलिंग की पूरी कहानी ! }

भगवान विष्णु द्वारा अपने भाई हिरण्याक्ष का वध करने के कारण वह विष्णु विरोधी था। लेकिन जब उसे पता चला कि उसका पुत्र प्रहलाद विष्णुभक्त है तो उसने उसे मरवाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी थी लेकिन वह अपने पुत्र को नहीं मार सका। अंत में उसने एक खंभे में लात मारकर प्रहलाद से पूछा- ‘यदि तेरा भगवान सभी जगह है तो क्या इस खंभे में भी है?’

खंभे में लात मारते ही खंभे से भगवान विष्णु नृसिंह रूप में प्रकट हुए, जो न देव थे और न राक्षस और न मनुष्य। वे अर्द्धमानव और अर्द्धपशु थे। उन्होंने संध्याकाल में हिरण्यकशिपु को अपनी जंघा पर बिठाकर उसका वध कर दिया।

वध होने के बाद ये दोनों भाई त्रेतायुग में रावण और कुंभकर्ण के रूप में पैदा हुए और फिर श्रीविष्णु अवतार भगवान श्रीराम के हाथों मारे गए। अंत में वे तीसरे जन्म में द्वापर युग में शिशुपाल एवं दंतवक्त्र नाम के अनाचारी के रूप में पैदा हुए। इन दोनों का भी वध भगवान श्रीकृष्ण के हाथों हुआ।


धार्मिक कथा, विजयादशमी स्पेशल, व्रत त्योहार और भारतीय संस्कृति संबंधित ख़बरें

  1. जानें क्या है मकर संक्रांति के अद्भुत 10 पौराणिक तथ्य

  2. जानें मकर संक्रांति पर तिल-गुड़ का ही महत्व क्यों है

  3. मकर संक्रांति क्यों कहते हैं? जानें मकर संक्रांति के बारे में 5 रोचक तथ्य

  4. ये हैं मकर संक्रांति के 7 उपाय, 1 से भी चमक सकती है किस्मत

यह आलेख निम्नलिखित के बारे में जानकारी प्रदान करता है : devi poojan,  Navratri,  navratri mantra,  ravana,  कहानी,  नवरात्रि,  रावण,  रावण का इतिहास,  रावण का गांव,  रावण का गोत्र क्या था,  रावण का जन्म स्थान,  रावण का जन्म स्थान कहाँ है,  रावण किस जाति का था,  रावण की कहानी,  रावण की जाति क्या थी,  रावण के पिछले जन्म की कहानी,  रावण के पूर्वजन्मों की कहानियां,  रावण के माता पिता का नाम  

2011-10-07T20:46:20+05:30
Indian Spiritual Team
Indian Spiritual
Tags: #devi poojan,  #Navratri,  #navratri mantra,  #ravana,  #कहानी,  #नवरात्रि,  #रावण,  #रावण का इतिहास,  #रावण का गांव,  #रावण का गोत्र क्या था,  #रावण का जन्म स्थान,  #रावण का जन्म स्थान कहाँ है,  #रावण किस जाति का था,  #रावण की कहानी,  #रावण की जाति क्या थी,  #रावण के पिछले जन्म की कहानी,  #रावण के पूर्वजन्मों की कहानियां,  #रावण के माता पिता का नाम  
................... विज्ञापन ...................

ट्रेंडिंग टापिक

#सपने में घर की छत गिरते देखना#पुरुष की बायीं भुजा फड़कना#सपने में खुद को शौच करते देखना#Chipkali Ka Peshab Karna#सपने में इमारत का गिरना#Sapne Me Pita Ko Bimar Dekhna#Chipkali Ka Zameen Par Girna#जामवंत की पत्नी का नाम क्या था#Gems Stone (रत्न स्टोन)#Dream Meaning (स्वप्न फल)

पॉपुलर पोस्ट

  • List of Famous Indian Festival
  • Complete List of Indian Festival
  • ये 10 सपने बताते हैं घर में आने वाली है बड़ी खुशी
  • यह 10 सपने धन हान‌ि का संकेत माने जाते हैं
  • इन 10 अंगों पर छ‌िपकली का ग‌िरना अशुभ, यह होता है अंजाम
  • जानिए शरीर के किस अंग के फड़कने का क्या होता है मतलब !
  • जाने आखिर कैसे हुआ था रीछ मानव जामवन्त का जन्म, तथा उनसे जुड़े अनोखे राज !
  • एक रहस्य, ‘ब्रह्मा’ ने किया था अपनी ही पुत्री ‘सरस्वती’ से विवाह !

नया पोस्ट

  • जल्द होने वाले है आप करोड़पति….. अगर आपको भी दिखाई दे रहे है इस प्रकार के सपने !
  • विस्तार से जानिये स्वप्नों का अर्थ !
  • स्वप्न में क्या संदेश देना चाहते हैं ‘मरे हुए लोग’ !
  • जानें क्या है मकर संक्रांति के अद्भुत 10 पौराणिक तथ्य
  • जानें मकर संक्रांति पर तिल-गुड़ का ही महत्व क्यों है
  • मकर संक्रांति क्यों कहते हैं? जानें मकर संक्रांति के बारे में 5 रोचक तथ्य
  • ये हैं मकर संक्रांति के 7 उपाय, 1 से भी चमक सकती है किस्मत
  • जानिए क्या करें मकर संक्रांति के दिन?
  • Makar Sankranti 2021: जानिये मकर संक्रांत‌ि का आपकी राश‌ि पर कैसा असर रहेगा
  • जानें क्या है उत्तरायन, क्यों माना जाता है शुभ
  • भारतीय साहित्य और धार्मिक ग्रंथों में पतंगबाजी , हनुमान और रामजी ने भी मकर संक्रांति पर उड़ाई थी पतंग…
  • मकर संक्रांति : पुण्यकाल स्नान, ध्यान तथा धार्मिक कार्यों के लिए विशेष महत्वपूर्ण होता है। 
  • जानिये मकर संक्रांति के दिन ही असरकारी है सूर्य का यह खखोल्क मंत्र
  • जानिए क्या है मकर संक्रांति, क्या करें इस दिन
  • जानिये क्या है भगवान जगन्नाथ की अधूरी मूर्ति का राज

© Copyright 2021, Indian Spiritual: All about the spiritual news articles from around the globe in Hindi. All rights reserved.