नारदपुराण भगवान विष्णु को समर्पित ग्रंथ है। इसमें भगवान विष्णु की पूजा-आराधना करने की विधि और महत्व के बारे में बताया गया है। पुराण में 4 ऐसी भावनाएं बताई गई हैं, जिनसे भगवान की पूजा की जाए तो मनुष्य को उस पूजा का लाभ नहीं मिलता है।4 Houses Of Worship Of These Went Nardpuran Would…
यह आलेख निम्नलिखित के बारे में जानकारी प्रदान करता है : Lord Vishnu and नारदपुराण and भगवान विष्णु
नारदपुराण भगवान विष्णु को समर्पित ग्रंथ है। इसमें भगवान विष्णु की पूजा-आराधना करने की विधि और महत्व के बारे में बताया गया है। पुराण में 4 ऐसी भावनाएं बताई गई हैं, जिनसे भगवान की पूजा की जाए तो मनुष्य को उस पूजा का लाभ नहीं मिलता है।
नारदपुराण भगवान विष्णु को समर्पित ग्रंथ है। इसमें भगवान विष्णु की पूजा-आराधना करने की विधि और महत्व के बारे में बताया गया है। पुराण में 4 ऐसी भावनाएं बताई गई हैं, जिनसे भगवान की पूजा की जाए तो मनुष्य को उस पूजा का लाभ नहीं मिलता है।
1. लोभ से
कहा जाता है कि भगवान की पूजा-अर्चना निःस्वार्थ भाव से करनी चाहिए। जो मनुष्य किसी भी लालच से या किसी स्वार्थ से भगवान की पूजा-अर्चना करता है, उसे उसका फल कभी नहीं मिलता। बिना किसी लालच के की गई पूजा शुभ फल देने वाली होती है। जो मनुष्य बिना किसी लालच से पूरे समर्पण और श्रद्धा के साथ भगवान की पूजा करता है, उसे बिना मांगे ही सभी सुख मिल मिल जाते हैं।
2. दूसरों के कहने पर
कई लोग दूसरों के कहने पर या घर वालों के दबाव में आकर भगवान की पूजा करने लगते है। बिना मन से या दूसरों के कहने पर की गई पूजा निष्फल होती है। ऐसी पूजी का लाभ किसी भी मनुष्य को नहीं मिलता है। इसलिए मनुष्य को सच्चे मन और सच्चे भाव से भगवान की आराधना करनी चाहिए।
3. अज्ञान से
भगवान की पूजा करने से पहले पूजन विधि का पूरा ज्ञान होना जरूरी है। मनुष्य को बिना ज्ञान के या अधूरे ज्ञान से भगवान की पूजा-अर्चना नहीं करनी चाहिए है। अगर भगवान की पूजा विधि का ज्ञान न होने पर गलत विधि से पूजा या हवन किया जाए तो इसके नकारात्मक प्रभाव भी देखने पड़ सकते हैं। इसलिए, कभी भी अधूरे ज्ञान या गलत विधि से पूजा नहीं करनी चाहिए।
4. भय से
कई लोग किसी न किसी भय से भगवान पूजा-अर्चना करने हैं। ऐसे भाव से की गई पूजा का फल कभी नहीं मिलता है। मनुष्य को भगवान की पूजा शांत और पवित्र मन से करनी चाहिए। शांत मन से की गई पूजा हमेशा सफल होती है। ऐसे करने पर मनुष्य की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।