हिंदू धर्म के पारंपरिक विवाह में ‘सप्तपदी’ अर्थात ‘सात फेरे’ का विशेष महत्व है। इसी के बाद विवाह कराने वाला पंडित दोनों के पति – पत्नी होने की घोषणा करता है। सात फेरे के संस्कार में पवित्र अग्नि के साथ फेरे लिए जाते हैं। हर फेरे के साथ वर – वधू एक वचन लेते हैं। यानी कि…
यह आलेख निम्नलिखित के बारे में जानकारी प्रदान करता है : hindu religion and हिंदू धर्म
हिंदू धर्म के पारंपरिक विवाह में ‘सप्तपदी’ अर्थात ‘सात फेरे’ का विशेष महत्व है। इसी के बाद विवाह कराने वाला पंडित दोनों के पति – पत्नी होने की घोषणा करता है। सात फेरे के संस्कार में पवित्र अग्नि के साथ फेरे लिए जाते हैं। हर फेरे के साथ वर – वधू एक वचन लेते हैं। यानी कि कुल सात वचन लिए जाते हैं। आइए हम आपको इन सात वचनों के बारे में बताते हैं।
विकिपीडिया के अनुसार वर – वधू प्रेम, कर्तव्य, सम्मान, स्वामि भक्ति और अच्छे से साथ रहने का वचन लेकर हमेशा—हमेशा के लिए साथ रहने पर सहमत होते हैं। वर – वधू के लिए संसार की शांति और कल्याण के लिए सात फेरे की खास अहमियत होती है।
भारतीय विवाह शुद्धता और दो अलग – अलग व्यक्ति, समुदाय और संस्कृति के आपस में मिलने का प्रतीक है। कुछेक छोटे अंतर को छोड़ दिया जाए तो सभी हिंदू विवाह में एक ही तरह के संस्कार से होते हैं।
1. भोजन और कल्याण: वर—वधू ईश्वर से विनम्रतापूर्वक निवेदन करते हैं कि वह उनके लिए उचित भोजन का प्रबंध करें ताकि उनके जीवन में सुख—समृद्धि आए। पुरुष आजीविका जुटाने की जिम्मेदारी लेते हैं और महिला घर गृहस्थी की जिम्मेदारी लेती है।
2. स्वास्थ: दुल्हा यह वादा करता है कि वह हर समय अपने परिवार की रक्षा में मजबूती के साथ डटा रहेगा और परिवार को हौसला देगा। दुल्हन वचन देती है कि वह दुल्हे का हर स्थिति में सहयोग करेगी और उनकी शारीरिक, आत्मिक और मानसिक स्वास्थ के लिए प्रार्थनाएं करेंगी।
3. धन और घनिष्ठता : इस वचन में वर—वधू हमेशा साथ रहने की कसमें खाते हैं और ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि उनपर धन की कृपा हो।
4. प्रेम: वर—वधू न सिर्फ अपने लिए बल्कि अपने नए परिवार के लिए भी प्रेम और सम्मान की अपेक्षा करते हैं। चौथे फेरे में वर—वधू ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि उनके परिवार पर धन की कृपा हो ताकि परस्पर तालमेल बना रहे।
5. बच्चे: वर—वधू प्रार्थना करते हैं कि उन्हें प्रकृति के सबसे बड़े उपहार अर्थात बच्चे की प्राप्ति हो।
6. दीर्घायु: वर—वधू सुख दुख के साथ लंबे शांतिपूर्ण जीवन की कामना करते हैं।
7. गुणवत्ता: इस वचन में वर—वधू ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि उनके नए संबंध में सहचारिता, विश्वास, परिपक्वता, ईमानदारी और समझदारी हो।