लक्ष्मी हिंदू धर्म के प्रमुख देवी-देवताओं में से एक है। इन्हें धन-धान्य की देवी माना जाता है और दिवाली का त्योहार मुख्य रूप से देवी लक्ष्मी को ही समर्पित माना जाता है। दिवाली के त्योहार पर हम आपको देवी लक्ष्मी के ऐसे ही 8 मंदिरों के बारे में बताने जा रहें हैं, जो की सुंदर…
लक्ष्मी हिंदू धर्म के प्रमुख देवी-देवताओं में से एक है। इन्हें धन-धान्य की देवी माना जाता है और दिवाली का त्योहार मुख्य रूप से देवी लक्ष्मी को ही समर्पित माना जाता है। दिवाली के त्योहार पर हम आपको देवी लक्ष्मी के ऐसे ही 8 मंदिरों के बारे में बताने जा रहें हैं, जो की सुंदर से साथ ही महत्वपूर्ण भी है।
लक्ष्मी नारायण मंदिर, वेल्लूर
तमिलनाडु राज्य के खास शहर वेल्लूर से 7 किलोमीटर दूर थिरुमलाई कोड़ी में यह स्वर्ण मंदिर स्तिथ है। इस मंदिर को बनने में 7 वर्षों का समय लगा, जो लगभग 100 एकड़ भूमि के ऊपर बना हुआ है। महालक्ष्मी मंदिर के निर्माण में तक़रीबन 15,000 किलोग्राम विशुद्ध सोने का इस्तेमाल हुआ है। 24 अगस्त 2007 को यह मंदिर दर्शन के लिए खोला गया था।
महालक्ष्मी मंदिर, मुंबई
समुद्र किनारे स्तिथ यह मंदिर सुन्दर और आकर्षक है। मंदिर में कई देवी-देवताओं की प्रतिमाएं स्थापित हैं। कहते है कि मां ने एक ठेकेदार के सपने में आकर समुद्र में से तीनों मूर्तियां निकाल स्थापित करने को कहा था। मुम्बई के महालक्ष्मी मंदिर में वही तीन मूर्तियां महालक्ष्मी, महाकाली एवं महासरस्वती के रूप में स्थापित है।
लक्ष्मी नारायण मंदिर, दिल्ली
इसे दिल्ली का बिड़ला मंदिर भी कहते है। यह मंदिर भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी को समर्पित है। यह मंदिर राजा बलदेव बिड़ला द्वारा बनवाया गया था और महात्मा गांधी ने इसका उदघाटन किया था। यह मंदिर मूल रूप में 1622 में वीर सिंह देव ने बनवाया था और 1793 में पृथ्वी सिंह ने में जीर्णोद्वार कराया। 1938 में बिड़ला समूह ने इसका विस्तार और पुनरोद्धार कराया।
लक्ष्मी मंदिर, कोल्हापुर
कोल्हापुर महाराष्ट्र का जिला है। यहां देवी लक्ष्मी को अम्बा जी के नाम पुकारा जाता है। कहते हैं इस मंदिर का निर्माण प्राचीन काल में चालुक्य शासक कर्णदेव ने 7वीं शताब्दी में करवाया था। मंदिर के गर्भगृह में लक्ष्मी की लगभग 40 किलो की प्रतिमा है, जिसकी लंबाई चार फ़ीट है। इस मंदिर में मां की मूर्ति पर सूर्य की किरणें पड़ती है।
अष्टलक्ष्मी मंदिर, चेन्नई
इलियट समुद्र तट के पास यह मंदिर स्तिथ है। यह मंदिर देवी लक्ष्मी के आठ रूप- वंश, सफलता, समृद्धि, धन, साहस, वीरता, भोजन और ज्ञान को समर्पित है। यह मंदिर लगभग 65 फ़ीट लम्बा और 45 फ़ीट चौड़ा है। मंदिर में देवी लक्ष्मी के आठ स्वरुप 4 मंजिल में बने 8 अलग-अलग कमरों में स्थापित है। भगवान विष्णु के साथ देवी लक्ष्मी मंदिर की दूसरी मंजिल में विराजित है।
अष्टलक्ष्मी मंदिर, हैदराबाद
हैदराबाद के बाहरी इलाके में देवी लक्ष्मी का अष्टलक्ष्मी नामक मंदिर है। यह मंदिर दक्षिण भारत की वास्तु कला के आधार पर बनाया गया है। इस मंदिर को 1996 में भक्तों के लिए खोला गया था। देवी के 8 अलग-अलग रूपों में विराजित होने की वजह से यह मंदिर अपने आप में खास है।
लक्ष्मी कुबेर मंदिर, वडलूर, चैन्नई
न्नई के वडलूर नाम के क्षेत्र में एक अनोखा मंदिर है। यह मंदिर अनोखा इसलिए है क्योंकि इस मंदिर में भगवान कुबेर और देवी लक्ष्मी एक साथ विराजित है। यह मंदिर लगभग 4000 स्क़्वायर फ़ीट में बना हुआ है और इसको बनाने में लगभग 30 लाख रूपए की लागत लगी थी।
लक्ष्मी नारायण मंदिर, जयपुर
बिरला परिवार ने देशभर में कई मंदिरों का निर्माण करवाया है। उन्हीं में से एक है जयपुर का यह मंदिर। इस मंदिर का निर्माण 1988 में हुआ था। विशाल परिसर में बना संगमरमर का यह मंदिर बहुत ही सुन्दर है। यह मंदिर मुख्य रूप से दक्षिण शैली में बना हुआ है। मंदिर के गर्भगृह में भगवान लक्ष्मीनारायण की बहुत ही सुन्दर मूर्ति स्थापित है।
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