महाभारत में आदर्श जीवन की कई नीतियां बताई गई हैं, जिनका पालन करने पर मनुष्य जीवन में सभी सुख-सुविधा पा सकता है। महाभारत की एक नीति में 5 ऐसे लोगों के बारे में कहा गया है, जिन्हें खाना खिलाना बहुत ही शुभ माना जाता है और ऐसा करने वाले मनुष्य की तकलीफें दूर होती है…
यह आलेख निम्नलिखित के बारे में जानकारी प्रदान करता है : God and Religious texts and Verse and धर्म ग्रंथ and भगवान and श्लोक
महाभारत में आदर्श जीवन की कई नीतियां बताई गई हैं, जिनका पालन करने पर मनुष्य जीवन में सभी सुख-सुविधा पा सकता है। महाभारत की एक नीति में 5 ऐसे लोगों के बारे में कहा गया है, जिन्हें खाना खिलाना बहुत ही शुभ माना जाता है और ऐसा करने वाले मनुष्य की तकलीफें दूर होती है तथा जाने-अनजाने किए गए पापों से मुक्ति भी मिल जाती है।
श्लोक-
पितृन् देवानृषीन् विप्रानतिथींश्च निराश्रयान्।
यो नरः प्रीणयत्यन्नैस्तस्य पुण्यफलं महत्।।
बेघर लोगों को :
जो मनुष्य बेघर को अपना समझ कर उनके साथ प्यार से व्यवहार करता है और उन्हें खाना खिलाता है, उसे पापों से मुक्ति और हर काम में सफलता मिलती है।
घर आए मेहमान को :
जिस घर में मेहमानों का भोजन आदि से आदर-सत्कार किया जाता है, वहां देवता निवास करते हैं। ऐसे घर पर कोई भी मुसीबत ज्यादा समय तक टिक नहीं पाती।
भगवान को :
जिस घर में रोज़ भगवान को भोजन का भोग लगाया जाता है, वहां पर भगवान की कृपा हमेशा बनी रहती है।
पितरों को :
पितरों को भोजन का भोग लगाने पर घर की परेशानियां ख़त्म हो जाती हैं और पापों से मुक्ति मिलती है। इसलिए हमेशा अपने पितरों को अन्न का भोग जरूर लगाएं।
पंडितों या ऋषियों को :
श्रेष्ठ पंडितों और ऋषियों को भोजन करवाने से सभी कामों में सफलता मिलती है। इससे मनुष्य के जाने-अनजाने में किए गए पापों का प्रायश्चित हो जाता है।