होली का त्यौहार ( holi festival 2020 ) भारत के प्रमुख त्योहारो में से एक माना जाता है इस त्यौहार के आने से बच्चो से लेकर बड़ो तक के चेहरे में एक अलग सा उत्साह देखा जा सकता है. होली का त्यौहार लोगो के बिच एकता और प्यार को लेकर आता है. यह त्यौहार एक…
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होली का त्यौहार ( holi festival 2020 ) भारत के प्रमुख त्योहारो में से एक माना जाता है इस त्यौहार के आने से बच्चो से लेकर बड़ो तक के चेहरे में एक अलग सा उत्साह देखा जा सकता है. होली का त्यौहार लोगो के बिच एकता और प्यार को लेकर आता है. यह त्यौहार एक पराम्परिक और सास्कृतिक हिन्दू प्रतीक है जो हमारी प्राचीन पीढियो से मानाया जा रहा है. होली का त्यौहार रंग महोत्सव नाम से भी जाना जाता है.
होली प्यार तथा रंगों का त्यौहार है जो प्रत्येक वर्ष हिन्दू धर्म के लोगो के द्वारा आनन्द तथा उत्साह के साथ मनाया जाता है. इसके साथ ही यह मन को तरोताजा करने वाला त्यौहार है, जो न केवल मन को तरोताजा करता है बल्कि रिश्तो को भी सवारता है.
इस दिन लोग लाल रंग और लाल गुलाल का प्रयोग करते है जो केवल लाल रंग नही है बल्कि एक दूसरे से प्यार और स्नेह का भी प्रतीक हैं। वास्तव मे यह न केवल लोगों को बाहर से रंगता हैं, बल्कि उनकी आत्मा को भी विभिन्न रंगों मे रंग देता हैं। इसे साधारण त्यौहार ( holi festival 2018 ) कहना उचित नही है क्योंकि यह बिना रंगे व्यक्तियों को रंग देता हैं। यह लोगों के व्यस्त जीवन की सामान्य दिनचर्या मे एक अल्पविराम लाता हैं।
यह भारतीय मूल के हिंदुओं द्वारा हर जगह मनाया जाता है हालांकि, यह मुख्य रूप से भारत और नेपाल के लोगों द्वारा मनाया जाता है। यह एक त्यौहारी ( holi festival 2018 ) रस्म है, जिसमे सब एक साथ होलिका के आलाव को जलाते है, गाना गाते है और नाचते है, इस मिथक के साथ कि सभी बुरी आदतें और बुरी शक्तियॉ होलिका के साथ जल गयी और नई ऊर्जा और अच्छी आदतों से अपने जीवन में उपलब्धियों को प्राप्त करेंगें। अगली सुबह उनके लिये बहुत खुशियॉ लेकर आती है जिसे वे पूरे दिन रंग और जुआ खेलकर व्यक्त करते हैं।
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, होली महोत्सव फाल्गुन पूर्णिमा में मार्च (या कभी कभी फरवरी के महीने में) के महीने में वार्षिक आधार पर मनाया जाता है। यह त्यौहार ( holi festival 2020 ) बुराई की सत्ता पर अच्छाई की विजय का भी संकेत है। यह ऐसा त्यौहार है जब लोग एक दूसरे से मिलते हैं, हँसते हैं, समस्याओं को भूल जाते हैं और एक दूसरे को माफ करके रिश्तों का पुनरुत्थान करते है। यह चंद्र मास, फाल्गुन की पूर्णिमा के अंतिम दिन, गर्मी के मौसम की शुरुआत और सर्दियों के मौसम के अंत में, बहुत खुशी के साथ मनाया जाता है। यह बहुत सारी मस्ती और उल्लास की गतिविधियों का त्यौहार है जो लोगों को एक ही स्थान पर बाँधता है। हर किसी के चेहरे पर एक बड़ी मुस्कान होती है और अपनी खुशी को दिखाने के लिए वे नए कपड़े पहनते हैं।
प्रत्येक वर्ष मनाई जाने वाली होली के त्यौहार को मनाने के पीछे अनेक कारण है. यह त्यौहार रंग, एकता, प्रेम तथा स्वादिष्ट खाद्य पदार्थ और पेम का भव्य उत्सव है. परम्परागत रूप से, यह बुराई की अच्छाई पर सफलता के रूप में मनाया जाता है. यह फगवाह के रूप में नामित किया गया है, क्योकि यह हिंदी महीने, फाल्गुन में मनाया जाता है.
होली ( holi festival 2020 ) शब्द “होला” शब्द से उत्पन्न हुआ है जिसका अर्थ है नई और अच्छी फसल प्राप्त करने के लिए भगवान की पूजा। होली के त्योहार पर होलिका दहन इंगित करता है कि, जो भगवान के प्रिय लोग है उन्हे पौराणिक चरित्र प्रहलाद की तरह बचा लिया जाएगा, जबकि जो भगवान के लोगों से तंग आ चुके है उन्हे एक दिन पौराणिक चरित्र होलिका की तरह दंडित किया जाएगा ।
होली का त्यौहार ( holi festival 2020 ) मनाने के पीछे (भारत में पौराणिक कहानी के) कई ऐतिहासिक महत्व और किंवदंतियों रही हैं। यह कई सालों से मनाया जाने वाला, सबसे पुराने हिंदू त्यौहारों में से एक है। प्राचीन भारतीय मंदिरों की दीवारों पर होली उत्सव से संबंधित विभिन्न अवशेष पाये गये हैं। अहमदनगर चित्रों और मेवाड़ चित्रों में 16 वीं सदी के मध्यकालीन चित्रों की मौजूदा किस्में हैं जो प्राचीन समय के दौरान होली समारोह का प्रतिनिधित्व करती है।
होली का त्योहार प्रत्येक राज्य में अलग-अलग है जैसे देश के कई राज्यों में, होली महोत्सव लगातार तीन दिन के लिए मनाया जाता है जबकि, अन्य विभिन्न राज्यों में यह एक दिन का त्यौहार है। लोग पहला दिन होली (पूर्णिमा के दिन या होली पूर्णिमा), घर के अन्य सदस्यों पर रंग का पाउडर बरसाकर मनाते हैं। वे एक थाली में कुछ रंग का पाउडर और पानी से भरे पीतल के बर्तन डालने से समारोह शुरू करते हैं। त्यौहार ( holi festival 2020 ) का दूसरा दिन “पुनो” कहा गया इसका अर्थ है कि त्यौहार का मुख्य दिन, जब लोग मुहूर्त के अनुसार होलिका का अलाव जलाते है।