Astrological Measures (Jyotish Upay) of Janmashtmi : तंत्र शास्त्र के अनुसार किसी भी सिद्धि या मनोकामना को पूरा करने के लिए चार रात्रियां सर्वश्रेष्ठ मानी गई है। इनमें पहली कालरात्रि है, जिसे नरक चतुर्दशी या दीपावली भी कहा जाता है। दूसरी अहोरात्रि या शिवरात्रि है। तीसरी दारुणरात्रि या होली है। चौथी मोहरात्रि या जन्माष्टमी है।…
Astrological Measures (Jyotish Upay) of Janmashtmi : तंत्र शास्त्र के अनुसार किसी भी सिद्धि या मनोकामना को पूरा करने के लिए चार रात्रियां सर्वश्रेष्ठ मानी गई है। इनमें पहली कालरात्रि है, जिसे नरक चतुर्दशी या दीपावली भी कहा जाता है। दूसरी अहोरात्रि या शिवरात्रि है। तीसरी दारुणरात्रि या होली है। चौथी मोहरात्रि या जन्माष्टमी है। शास्त्रों के अनुसार श्री कृष्ण की पत्नी रुक्मणी माँ लक्ष्मी का अवतार थी अत: अगर इस दिन भगवान श्रीकृष्ण को प्रसन्न करने के लिए विशेष उपाय किए जाएं तो माता लक्ष्मी भी प्रसन्न हो जाती हैं और भक्तों पर कृपा बरसाती हैं। यदि आप जन्माष्टमी के दिन ये उपाय पूर्ण श्रद्धा एवं विश्वास से करेंगे तो आपको अभीष्ट फल की प्राप्ति होगी।
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