यमराज एवम यमुना दोनों भाई बहन सूर्य देव और छाया की संताने हैं. दोनों में बहुत प्रेम था. बहन हमेशा अपने भाई को मिलने बुलाती लेकिन कार्य की अधिकता के कारण भाई बहन से मिलने नहीं जा पाता.Bhai Dooj Story in Hindi :- एक दिन यमराज नदी के तट पर गया वही उसकी मुलाकात अपनी…
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यमराज एवम यमुना दोनों भाई बहन सूर्य देव और छाया की संताने हैं. दोनों में बहुत प्रेम था. बहन हमेशा अपने भाई को मिलने बुलाती लेकिन कार्य की अधिकता के कारण भाई बहन से मिलने नहीं जा पाता.
एक दिन यमराज नदी के तट पर गया वही उसकी मुलाकात अपनी बहन यमुना से हुई. उससे मिलकर बहन बहुत खुश हुई. ख़ुशी में बहन ने अपने भाई का स्वागत किया, उसे मिष्ठान खिलायें. वह दिन कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया का दिन था.
तब ही यमी ने कहा कि भाई यमराज आज के बाद प्रति वर्ष आप मुझसे इसी दिन मिलने आओगे. तभी से यह दिन भाईदूज के नाम से जाना जाता हैं.
कहते हैं इस दिन जो भी भाई यमुना नदी का स्नान करता हैं उसे उस दिन मृत्यु का भागी नहीं बनना पड़ता. इस दिन उसके सारे संकट टल जाते हैं. अब उसके भाई की शादी का वक्त निकट आया, जैसे ही भाई को सेहरा बांधने को जीजा उठा. बहन चिल्लाने लगी कि पहले मेरा मान करो. मैं सहरा पहनूंगी.
सबने उसे सेहरा दे दिया. उसके अंदर एक सांप था, जिसे बहन ने फेंक दिया. अब भाई घोड़े पर बैठा तो बोली की पहले मैं बैठूंगी वहाँ भी उसकी सुनी, जैसे ही वो बैठी घोड़े पर एक सांप था उसे भगाया. फिर बारात आगे निकली. जब दुल्हे का स्वागत हुआ. तब भी इसने कहा पहले मेरा स्वागत करो जैसे ही उसके गले में माला डाली उसमे भी सांप था.
उसने उसे भी फेका. अब शादी शुरू हुई उस वक्त सांपो का राजा खुद डसने आया. तब बहन ने उसे पकड़ कर टोकनी में ढक दिया. फेरे होने लगे. तब नागिन बहन के पास आई बोली मेरे पति को छोड़. तब बहन बोली पहले मेरे भाई से अपनी कुदृष्टि हटाओ तब तेरे पति को छोडूंगी. नागिन ने ऐसा ही किया.
इस प्रकार बहन ने दुनियाँ के सामने अपने आप को कर्कश साबित किया, लेकिन अपने भाई के प्राणों की रक्षा की.