सभी का सपना होता है कि उसका अपना एक घर हो, जिसमें वह अपने परिवार के साथ सुख-चैन से रह सके। कुछ लोग जल्दबाजी में ऐसे स्थान पर घर बना लेते हैं, जहां उन्हें अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। भविष्य पुराण में कुछ ऐसे स्थानों के बारे में बताया भी गया है, जिनके…
सभी का सपना होता है कि उसका अपना एक घर हो, जिसमें वह अपने परिवार के साथ सुख-चैन से रह सके। कुछ लोग जल्दबाजी में ऐसे स्थान पर घर बना लेते हैं, जहां उन्हें अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। भविष्य पुराण में कुछ ऐसे स्थानों के बारे में बताया भी गया है, जिनके निकट घर नहीं बनवाना चाहिए, जो इस प्रकार है-
नगर के द्वार से यहां अर्थ है वह स्थान, जहां शहर की सीमा समाप्त होती है। शहर की सीमा से बाहर घर बनवाने के कई नुकसान हो सकते हैं जैसे- आपत्ति काल में वहां किसी प्रकार की मदद मिलने की संभावना बहुत कम रहती है। ऐसे स्थान पर चोर, डाकू आदि का भय भी बना रहता है।
ऐन वक्त पर यदि किसी जरूरी वस्तु की जरूरत हो तो वह भी नहीं मिलती। अगर कोई बाहरी विपत्ति आए तो उसका असर सबसे पहले नगर के बाहर रहने वाले लोगों पर पड़ता है। जरूरी सेवाओं के लिए भी ऐसे स्थान पर घर बनवाना सुविधाजनक नहीं है। इसलिए नगर के द्वार यानी शहर के बाहर घर नहीं बनवाना चाहिए।
भविष्य पुराण के अनुसार, चौक यानी चौराहे पर भी घर नहीं होना चाहिए। चौराहे पर लोगों व वाहनों का आवागमन निरंतर बना रहता है, उनकी आवाजों का असर घर के ओरा मंडल पर पड़ता है। जिसके कारण अनेक प्रकार की परेशानियां घर में बनी रहती हैं। चौराहों पर अक्सर बाजार विकसित किए जाते हैं, जिससे वहां चहल-पहल बनी रहती है।
इसका विपरीत प्रभाव भी घर की पॉजीटिव एनर्जी पर पड़ता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार भी चौराहे पर घर होना अच्छा नहीं माना गया है। इसलिए घर ऐसे स्थान पर बनवाना ही शुभ रहता है, जहां अधिक शोर-शराबा न हो और शांति का वातावरण हो।
यज्ञशाला वह स्थान होता है, जहां यज्ञ किए जाते हैं। यज्ञशाला में प्रतिदिन ब्राह्मणों द्वारा मंत्रोच्चार के साथ विभिन्न कार्यों की सिद्धि के लिए यज्ञ किए जाते हैं। ऐसे स्थान के आस-पास घर नहीं होना चाहिए क्योंकि ये स्थान बहुत ही पवित्र होते हैं। इनके आस-पास गृहस्थ लोगों का निवास होने से उनकी पवित्रता पर असर पड़ता है।
ऐसा भी नियम है कि यज्ञशाला में तथा उसके आस-पास सोना नहीं चाहिए। इस दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए यज्ञशाला के आस-पास घर होना उचित नहीं है। अतः घर ऐसे स्थान पर भी बनवाना चाहिए, जिसके निकट कोई यज्ञशाला न हो।
जिस स्थान पर शिल्पी यानी कारीगर लोग रहते हैं, वहां भी घर नहीं बनवाना चाहिए। शिल्पी यानी वे लोग जो लकड़ी, पत्थर, लोहे आदि को ठोक-ठोक पर उपयोगी वस्तु बनाते हैं। जिस स्थान पर शिल्पी रहते हैं, वहां निरंतर उनके काम के द्वारा शोर होता रहता है।
ऐसे स्थान पर रहने से घर की पॉजीटिव एनर्जी पर उसका असर पड़ता है, जो परिवार के लोगों को भी प्रभावित करती है। लगातार आवाज आने से मनोमस्तिष्क पर भी उसका असर पड़ता है। अतः जिस स्थान पर शिल्पी रहते हों, वहां घर नहीं बनवाना चाहिए।
जिस स्थान पर जुआ खेला जाता है तथा मांस-मदिरा आदि मादक पदार्थ बेचे जाते हैं, वहां भी घर नहीं बनवाना चाहिए। ऐसे स्थान पर असामाजिक लोगों का आना-जाना लगातार बना रहता है, जो कि सामाजिक व पारिवारिक दृष्टिकोण से ठीक नहीं है। ऐसे स्थानों पर आए दिन मारपीट, हुड़दंग व अन्य अवैधानिक गतिविधियां होती रहती हैं।
ऐसे स्थान पर घर होने से उसका असर परिवार के लोगों पर भी पड़ता है, विशेषकर बच्चों पर। बच्चे जब ऐसी गतिविधियां देखते हैं तो वे उस ओर जल्दी आकर्षित हो सकते हैं। इसका प्रभाव उन बच्चों पर उनके परिवार के भविष्य पर भी पड़ सकता है। इसलिए जिन स्थानों पर जुआ खेला जाता हो व मांस-मदिरा का व्यापार किया जाता हो, ऐसे स्थान पर घर नहीं बनवाना चाहिए।
जिस स्थान पर पाखंडी लोग व राजा के नौकर रहते हों, वहां भी घर नहीं होना चाहिए। पाखंडी लोगों के पास घर होने से वे आपको अपने जाल में फंसाकर आर्थिक नुकसान कर सकते हैं। ऐसे लोगों से बच कर रहने में ही भलाई है। पाखंडी लोग सदैव अपने हित की बात सोचते हैं, ऐसे में वे अपने आस-पास रहने वाले लोगों का नुकसान करने से भी नहीं चूकते।
जिस स्थान पर राजा के नौकर रहते हों, उसके निकट रहना भी ठीक नहीं है। राजा के नौकर आपकी छोटी से गलती को भी बढ़ा-चढ़ा कर राजा के सामने बता सकते हैं। ऐसी स्थिति में राजा आपको कठोर दंड भी दे सकता है। इसलिए जिस स्थान पर पाखंडी लोग व राजा के नौकर निवास करते हों, वहां आस-पास घर नहीं बनवाना चाहिए।
भविष्य पुराण में जिस रास्ते पर आगे जाकर कोई मंदिर हो, वहां भी घर बनवाने की मनाही है। ऐसा इसलिए क्योंकि उस मार्ग पर लोगों का आना-जाना लगातार बना रहता है। ऐसे स्थान पर सड़क पर हमेशा भीड़ ही नजर आती है, जिनका शोर घर में सुनाई देता है, जिसके कारण घर में सुख-शांति नहीं रहती।
जो लोग किसी बीमारी से ग्रसित होते हैं, वे भी स्वास्थ्य लाभ के लिए मंदिर जाते हैं, ऐसे में उनके बैक्टीरिया-वायरस का असर हम पर भी हो सकता है। इसलिए मंदिर जाने वाले रास्ते पर भी घर नहीं बनवाना चाहिए।
वर्तमान में राज मार्ग वह स्थान हैं, जिन पर किसी मंत्री या मिनिस्टर का घर होता है व राजा के महल से तात्पर्य है सरकार में किसी उच्च पद पर आसीन व्यक्ति का घर। ऐसे स्थानों पर आम तौर पर सामान्य लोगों का आने-जाने पर पाबंदी होती है। सुरक्षा के दृष्टिकोण से कुछ विशेष मौकों पर वहां रहने वाले लोगों पर भी नजर रखी जाती है, जिसका असर हमारे निजी जीवन पर भी पड़ता है। अतः राज मार्ग तथा सरकार में किसी ऊंचे पद वाले व्यक्ति के घर के आस-पास घर नहीं बनवाना चाहिए।
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