Indian Spiritual
  • होम
  • लोकप्रिय
  • धार्मिक तथ्य
  • धार्मिक कथा
  • धार्मिक स्थान
  • ज्योतिष
  • ग्रंथ
  • हस्त रेखाएं
  • व्रत त्योहार
  • तंत्र-मंत्र-यंत्र
होम | व्रत त्योहार | एकादशी | इस एकादशी पर तुलसी विवाह करवाइए और अपने दांपत्य जीवन को खुशहाल बनाइये !

इस एकादशी पर तुलसी विवाह करवाइए और अपने दांपत्य जीवन को खुशहाल बनाइये !

इस एकादशी पर तुलसी विवाह करवाइए और अपने दांपत्य जीवन को खुशहाल बनाइये !
In एकादशी, व्रत त्योहार
  • Share on Facebook
  • Share on Twitter
  • Share on Email
  • Share on Whatsapp
  • Share on Facebook
  • Share on Twitter

हिंदू धर्म की मान्यता के मुताबिक दिवाली के बाद आनेवाली देवउठनी या देव प्रबोधिनी एकादशी पर भगवान विष्णु नींद से जाग जाते हैं और इस बेहद ही खास दिन से सभी रुके हुए शुभ कार्यों की शुरूआत की जाती है. मान्यता है कि देवउठनी या देव प्रबोधिनी एकादशी के दिन देव अपने दरवाजे खोल देते…

हिंदू धर्म की मान्यता के मुताबिक दिवाली के बाद आनेवाली देवउठनी या देव प्रबोधिनी एकादशी पर भगवान विष्णु नींद से जाग जाते हैं और इस बेहद ही खास दिन से सभी रुके हुए शुभ कार्यों की शुरूआत की जाती है. मान्यता है कि देवउठनी या देव प्रबोधिनी एकादशी के दिन देव अपने दरवाजे खोल देते हैं इसलिए इसे छोटी दिवाली के रुप में भी मनाया जाता है.

Dev Uthni Ekadashi Tulsi Vivah in Hindi :-

इस एकादशी से कई तरह की धार्मिक मान्यताएं और परंपराएं जुड़ी हुई हैं. ऐसी ही एक परंपरा है तुलसी- शालिग्राम विवाह की, जिसे तुलसी विवाह कहते है. शालिग्राम को भगवान विष्णु का ही एक स्वरुप माना जाता है. जबकि तुलसी जी को विष्णु प्रिया, हरि प्रिया और वृंदा भी कहा जाता है. तुलसी भगवान विष्णु को अति प्रिय है इसलिए उनके बिना विष्णु पूजा अधूरी मानी जाती है.

तुलसी विवाह से दांपत्य जीवन होता है खुशहाल जो व्यक्ति तुलसी के साथ शालिग्राम का विवाह करवाता है यानि तुलसी विवाह की पूजा करता है उसके दांपत्य जीवन में खुशहाली का आगमन होता है जिससे पति-पत्नी के रिश्ते में प्यार और मधुरता बनी रहती है. तुलसी विवाह करानेवाले व्यक्ति को मृत्यु के बाद उत्तम लोक में स्थान मिलता है. इस दिन शालिग्राम और तुलसी का विवाह कराने वालों को कन्या दान का फल प्राप्त होता है.

{ पढ़ें :- भगवान विष्णु ने देवकी और वसुदेव के घर क्यों लिया कृष्णावतार... }

ऐसे करें तुलसी-शालिग्राम का विवाह – तुलसी विवाह

– देवउठनी या देव प्रबोधिनी एकादशी के दिन जो तुलसी विवाह कराते हैं वो व्रत रखते हैं. इस दिन शाम को तुलसी के पौधे को दुल्हन की तरह सजाया जाता है फिर शालिग्राम के साथ तुलसी के पौधे को परिणय बंधन में बांधा जाता है.

– एक विवाह में जिन चीजों का इस्तेमाल होता है, वो सारी चीजें जैसे- मेहंदी, मोली, रोली, धागा, फूल, चंदन, चावल, मिठाई, शगुन की हर चीज पूजन सामग्री के रूप में रखी जाती है.

– सबसे पहले तुलसी के गमले के ऊपर गन्ने का मंडप सजाएं. फिर तुलसी देवी पर सुहाग सामग्री के साथ लाल चुनरी चढ़ाएं.

– अब गमले में शालिग्राम या फिर भगवान विष्णु की तस्वीर को रखें. इस दौरान इस बात का खास ख्याल रखें कि शालिग्राम पर चावल नहीं चढ़ाया जाता है लेकिन चावल की जगह आप तिल चढ़ा सकते हैं.

{ पढ़ें :- जानिए दीवाली पर क्यों किया जाता है लक्ष्मी पूजन }

– तुलसी और शालिग्राम पर दूध में भीगी हल्दी लगाएं. गन्ने के मंडप पर भी हल्दी का लेप करें और उसका पूजन करें.

– हिंदू धर्म में विवाह के समय बोला जानेवाला मंगलाष्टक अगर आता है तो वह अवश्य करें.

– देव प्रबोधिनी या देव उठनी एकादशी से कुछ चीजों का सेवन करने की शुरूआत की जाती है. इसलिए भाजी, मूली, बेर और आंवला जैसी सामग्रियों को पूजा में चढ़ाने के लिए लेकर आएं.

– प्रसाद चढ़ाने के बाद कपूर से आरती करनी चाहिए और 11 बार तुलसी जी की परिक्रमा करनी चाहिए. परिक्रमा पूरी होने के बाद तुलसी और शालिग्राम को नमन करके इसका प्रसाद सबको बांटना चाहिए और खुद भी इसका सेवन करना चाहिए.

क्या है तुलसी विवाह की कथा?

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है कि प्राचीन काल में जालंधर नाम के एक राक्षस ने चारों तरफ बड़ा उत्पात मचा रखा था जिससे सभी देवगण बेहद परेशान थे. वह बड़ा वीर और पराक्रमी था. उसकी पत्नी वृंदा का पतिव्रता धर्म ही उसकी वीरता का सबसे बड़ा रहस्य था. बताया जाता है कि जालंधर के उपद्रवों से परेशान सभी देवगण भगवान विष्णु के पास गए और उनसे रक्षा की गुहार लगाई.

{ पढ़ें :- मां लक्ष्मी को खुश करने के 10 आसान उपाय }

लेकिन जालंधर को तब तक परास्त नहीं किया जा सकता था जब तक उसकी पत्नी वृंदा का पतिव्रता धर्म भंग नहीं हो जाता. इसलिए देवगणों की प्रार्थना को सुनकर भगवान विष्णु ने वृंदा के पतिव्रता धर्म भंग करने का निश्चय किया. उधर जालंधर देवताओं से युद्ध कर रहा था तभी भगवान विष्णु ने जालंधर का वेश धारण कर वृंदा के सतीत्व को भंग कर दिया.

जिसकी वजह से जालंधर युद्ध में मारा गया. जब वृंदा को इस बात का पता लगा तो उसने क्रोधित होकर भगवान विष्णु को श्राप दे दिया कि जिस तरह से तुमने छल से मेरा सतीत्व भंग किया है ठीक उसी तरह तुम पत्थर बन जाओगे और मैं तुलसी बनकर सदा तुम्हारे ऊपर विराजमान रहूंगी. जिसके बाद भगवान विष्णु ने वृंदा से कहा कि ‘ये तुम्हारे सतीत्व का ही फल है कि तुम तुलसी बनकर सदा मेरे साथ रहोगी’.

जो भी मनुष्य तुम्हारे साथ मेरा विवाह करेगा वह परम धाम को प्राप्त होगा. बिना तुलसी दल के शालिग्राम या विष्णु जी की पूजा अधूरी मानी जाएगी. तब से लेकर अब तक हर साल यह परंपरा निभाई जाती है. आपको बता दें कि तुलसी और शालिग्राम का विवाह भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी के विवाह का प्रतीकात्मक विवाह है.


एकादशी, व्रत त्योहार और भारतीय संस्कृति संबंधित ख़बरें

  1. भगवान विष्णु ने देवकी और वसुदेव के घर क्यों लिया कृष्णावतार…

  2. जानिये क्या है श्रीकृष्ण की 16000 पत्नियों का राज ?

  3. जन्माष्टमी का फल चाहिए तो कीजिए जरूर यह व्रत

  4. जन्माष्टमी को सुख-समृद्धि प्राप्ति के लिए करें ये ज्योतिष उपाय

यह आलेख निम्नलिखित के बारे में जानकारी प्रदान करता है : भगवान विष्णु  

2012-05-24T08:42:21+05:30
Indian Spiritual Team
Indian Spiritual
Tags: #भगवान विष्णु  
................... विज्ञापन ...................

ट्रेंडिंग टापिक

#सपने में घर की छत गिरते देखना #पुरुष की बायीं भुजा फड़कना #सपने में खुद को शौच करते देखना #Chipkali Ka Peshab Karna #सपने में इमारत का गिरना #Sapne Me Pita Ko Bimar Dekhna #Chipkali Ka Zameen Par Girna #जामवंत की पत्नी का नाम क्या था #Gems Stone (रत्न स्टोन) #Dream Meaning (स्वप्न फल)

पॉपुलर पोस्ट

  • List of Famous Indian Festival
  • Complete List of Indian Festival
  • ये 10 सपने बताते हैं घर में आने वाली है बड़ी खुशी
  • यह 10 सपने धन हान‌ि का संकेत माने जाते हैं
  • इन 10 अंगों पर छ‌िपकली का ग‌िरना अशुभ, यह होता है अंजाम
  • जानिए शरीर के किस अंग के फड़कने का क्या होता है मतलब !
  • जाने आखिर कैसे हुआ था रीछ मानव जामवन्त का जन्म, तथा उनसे जुड़े अनोखे राज !
  • एक रहस्य, ‘ब्रह्मा’ ने किया था अपनी ही पुत्री ‘सरस्वती’ से विवाह !

नया पोस्ट

  • भगवान विष्णु ने देवकी और वसुदेव के घर क्यों लिया कृष्णावतार…
  • जानिये क्या है श्रीकृष्ण की 16000 पत्नियों का राज ?
  • जन्माष्टमी का फल चाहिए तो कीजिए जरूर यह व्रत
  • जन्माष्टमी को सुख-समृद्धि प्राप्ति के लिए करें ये ज्योतिष उपाय
  • जन्माष्टमी विशेष: भगवान कृष्ण की मृत्यु कैसे हुई?
  • राधा जन्म की कहानी – ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार मां के गर्भ से नहीं जन्मी थी राधा
  • जन्‍माष्‍टमी की पूजा करने की विधि !
  • भगवान श्रीकृष्ण की पूजा में जरूर होनी चाहिए ये 10 चीजें
  • वेलेंटाइन डे पर आजमाएं ज्योतिष के ये टोटके, मिलेगा मनचाहा वेलेंटाइन
  • नवरात्री साल में दो बार क्‍यूं मनाई जाती है?
  • आइये जाने मां दुर्गा की उत्‍पत्ति की कहानी !
  • नवरात्रों में ये 9 काम से परहेज रखनी चाहिए !
  • नवरात्रों में माता को प्रसन्न करने के ये 5 टोटके जो आपके जीवन को खुशियों से भर देंगे !
  • इस पूरे नवरात्र करें 10 महाविद्या की उपासना ! आपके सभी कार्य होंगे सिद्ध !
  • सिंह माता दुर्गा की सवारी कैसे बना ये जानकार हैरान हो जायेंगे आप!

© Copyright 2023, Indian Spiritual: All about the spiritual news articles from around the globe in Hindi. All rights reserved.
Our Group Sites: Gotals | PardaPhash News | Holiday Travel