विजयादशमी हमारा राष्ट्रीय पर्व है जिसे सभी भारतीय बड़े हर्षोल्लास एवं गर्व के साथ मनाते हैं। आश्विन मास में नवरात्रि का समापन होने के दूसरे दिन यानी दशमी तिथि को मनाया जाने वाला दशहरे का यह पर्व बहुत ही शुभ माना जाता है।Dussehra Special Things in Hindi :- इस दिन खासकर खरीददारी करना शुभ माना जाता…
विजयादशमी हमारा राष्ट्रीय पर्व है जिसे सभी भारतीय बड़े हर्षोल्लास एवं गर्व के साथ मनाते हैं। आश्विन मास में नवरात्रि का समापन होने के दूसरे दिन यानी दशमी तिथि को मनाया जाने वाला दशहरे का यह पर्व बहुत ही शुभ माना जाता है।
इस दिन खासकर खरीददारी करना शुभ माना जाता है जिसमें सोना, चांदी और वाहन की खरीदी बहुत ही महत्वपूर्ण है। आश्विन शुक्ल दशमी को मनाए जाने वाला यह त्योहार ‘विजयादशमी’ या ‘दशहरा’ के नाम से प्रचलित है। यह त्योहार वर्षा ऋतु की समाप्ति का सूचक है। इन दिनों चौमासे में स्थगित कार्य फिर से शुरू किए जा सकते हैं।
दशहरे पर पूरे दिनभर ही शुभ मुहूर्त होते हैं इसलिए सारे बड़े काम आसानी से संपन्न किए जा सकते हैं। यह एक ऐसा मुहूर्त वाला दिन है जब बिना मुहूर्त देखे ही आप किसी भी नए काम की शुरुआत कर सकते हैं। दशहरे के दिन भगवान श्रीराम की पूजा का दिन भी है। इस दिन घर के दरवाजों को फूलों की मालाओं से सजाया जाता है। घर में रखे शस्त्र, वाहन आदि भी पूजा की जाती है। दशहरे का यह त्योहार बहुत ही पावनता के साथ संपन्न किया जाता है।
उसके बाद रावण दहन किया जाता है। उन्होंने रावण को युद्ध में परास्त करके उसे मुक्ति देने का महान कार्य करके दशमी के दिन को पावन कर दिया। श्रीराम ने रावण के अहंकार को चूर-चूर करके दुनिया के लिए भी एक बहुत बहुत मूल्यवान शिक्षा प्रदान की जिसकी हम सभी को रोजमर्रा के जीवन में बहुत जरूरत है।
श्रीराम की यही सीख मानवीय जीवन में बहुउपयोगी सिद्ध होगी। हमें भी अपने जीवन में अहंकार, लोभ, लालच और अत्याचारी वृत्तियों को त्यागकर क्षमारूपी बनकर जीवन जीना चाहिए। भगवान श्रीराम की यह सीख बहुत ही सच्ची और हमें मोक्ष प्राप्ति की ओर ले जाने वाली है।
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