हिंदू धर्म मे हम हमेशा से हीं त्रिदेव यानी की ब्रहमा, विष्णु और महेश को सर्वोपरि और निराकार परमात्मा मानते आए हैं, जिनके ऊपर कोई नहीं.Father Of Brahma Vishnu Mahesh in Hindi :- जब कि वेदों की बात करें तो उनके अनुसार जिसने जन्म लिया हो या प्रकट हुआ ईश्वर नहीं हो सकता. हमारे कहने…
हिंदू धर्म मे हम हमेशा से हीं त्रिदेव यानी की ब्रहमा, विष्णु और महेश को सर्वोपरि और निराकार परमात्मा मानते आए हैं, जिनके ऊपर कोई नहीं.
जब कि वेदों की बात करें तो उनके अनुसार जिसने जन्म लिया हो या प्रकट हुआ ईश्वर नहीं हो सकता.
हमारे कहने का तात्पर्य यह बिल्कुल नहीं है कि ब्रहमा, विष्णु और महेश सर्वोपरि नहीं है. हम तो बस इस बात को जानना और समझना चाहते हैं कि क्या इनसे भी सर्वोपरि कोई है जिन्होंने ब्रहमा, विष्णु और महेश को जन्म दिया.
शिव पुराण की बात करें तो ब्रह्म को अविकारी परमेश्वर माना गया है. शिव पुराण के अनुसार जब इस संसार की उत्पत्ति भी नहीं हुई थी उस समय तत्सद ब्राह्म ही थे. ना तो ब्रहमा थे ना विष्णु और ना ही महेश. तत्सद यानी कि अविनाशी परमात्मा.
कहते हैं काल के बाद तत्सद ब्रह्म की एक से अनेक होने की इच्छा हुई. वह परब्रह्म सदाशिव है. उस सदाशिव ने शक्ति की सृष्टि की जो उनके अंग से अलग होने वाली नहीं थी. सदाशिव की उस शक्ति को विकार रहित बताया गया है.
भगवान सदाशिव के उस शक्ति को अंबिका कहा गया. कहा जाता है कि देवी अंबिका ने ही लक्ष्मी, सावित्री और पार्वती के रुप में जन्म लेकर ब्रहमा, विष्णु और महेष से विवाह किया और उस कालरुप सदा शिव की अर्धांगिनी है दुर्गा.
कहते हैं मोक्ष के स्थान काशी में शक्ति और शिव अर्थात सदाशिव और दुर्गा पति और पत्नी के रूप में निवास करते हैं. एक बार शिव और शिवा की किसी दूसरे पुरुष की उत्पत्ति करने की इच्छा हुई जिसके बाद परमेश्वर रुपी शिव ने अपने वामांग पर अमृत मलकर एक पुरुष को प्रकट किया और उनका नाम विष्णु रखा
शिवपुराण के अनुसार भगवान विष्णु को प्रकट करने के बाद अपने दाहिने अंग से ब्रहमा जी को उत्पन्न किया और विष्णु के नाभि कमल में डाल दिया.
इस प्रकार उस कमल के पुत्र के रुप में ब्रहमा जी का जन्म हुआ. इस प्रकार ब्राह्म से सदाशिव, सदाशिव से दुर्गा और दुर्गा सदाशिव से ब्रहमा, विष्णु और महेश.
यह आलेख निम्नलिखित के बारे में जानकारी प्रदान करता है : दुर्गा, पार्वती, विष्णु, सावित्री