आज शुक्रवार की 13 तरीख है, जिसे दुनिया में कई लोग बहुत ही अशुभ मानते हैं। दुनिया में शुक्रवार की 13 तरीख अनगिनत कहानियां, मिथकों और अंधविश्वासों को अपने करीब समेटें हुए हैं। विदेशो में शुक्रवार की 13 तरीख को लोग अपने घरों से बाहर निकलना पसंद नहीं करते।Fridays 13th Is Bad Or Good in…
यह आलेख निम्नलिखित के बारे में जानकारी प्रदान करता है : Friday and शुक्रवार
आज शुक्रवार की 13 तरीख है, जिसे दुनिया में कई लोग बहुत ही अशुभ मानते हैं। दुनिया में शुक्रवार की 13 तरीख अनगिनत कहानियां, मिथकों और अंधविश्वासों को अपने करीब समेटें हुए हैं। विदेशो में शुक्रवार की 13 तरीख को लोग अपने घरों से बाहर निकलना पसंद नहीं करते।
यहां तक की होटलों में 13 नंबर के कमरे अकसर होते ही नहीं हैं, हॉस्टल या घर लेते समय लोग 13 नंबर लेने से झिझकते हैं। यूरोप में अकसर लोग 13 तारीख को पड़ने वाले शुक्रवार को अशुभ मानते हैं जबकि ग्रीस में शुक्रवार के बजाय मंगलवार को बुरा दिन माना जाता है। फ्रांस में लोगों का मानना है कि खाने की मेज पर 13 कुर्सियां होना अच्छा नहीं है।
क्या आप भी मानते हैं कि 13 तरीख सच-मुच खराब अशुभ संख्या है? हिंदू धर्म के अनुसार 13 तरीख किसी के लिये खराब नहीं है, बल्कि यह तो सबसे शुभ दिनों में से एक है। आइये जानते हैं कि शुक्रवार की 13 तरीख किसी के लिये भी बुरी नहीं है।
यूनानी मान्यता : प्राचीन ग्रीस में, पौराणिक कथाओं में एक जीउस भगवान हुआ करते थे जो कि तेरहवें सबसे शक्तिशाली परमेश्वर थे। इस प्रकार, 13 नंबर ईमानदार प्रकृति, शक्ति और पवित्रता का प्रतीक माना जाता है।
13 एक पूर्ण संख्या है. : 13 प्रमुख संख्या होती है जो कि केवल खुद से ही विभाजित की जा सकती है। इसलिए यह अपने आप में एक पूर्ण संख्या है। इस तरह से 13 नंबर समग्रता, समापन और प्राप्ति का प्रतीक होता है।
थाई मान्यता के अनुसार : थाई नया साल 13 अप्रैल को मनाया जाता है। यह एक शुभी दिन माना जाता है, जिस दिन लेागों के ऊपर पवित्र जल छिड़का जाता है, जिससे उनके ऊपर आई सभी बुरी आत्माओं का नाश हो जाए।
हिंदू मान्यता के अनुसार : किसी भी महीने की 13 तारीख हिंदू धर्म के हिसाब से बड़ी ही महत्वपूर्ण मानी जाती है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार 13वां दिन त्रयोदशी का होता है। जो कि भगवान शिव को अर्पित है। प्रदोष व्रत भगवान शिव के सम्मान में रखा जाता है जो कि महीने के 13वें दिन पर आता है। इस दिन जो भी यह व्रत रखता है, वह पैसे, बच्चे, खुशियों और समृद्धि से भर जाता है। यही नहीं माहा शिवरात्री भी माघ महीने के 13वें दिन की रात्रि में मनाई जाती है।