वक्रतुंड महाकाय सूर्यकोटी समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा ।। हे भव्य शरीर, वक्र सूंड, दश लक्ष सूर्यों की चमक वाले गणेशजी, मेरे सारे कर्मों को विघ्नों से हमेशा मुक्त करते रहना। सर्वप्रथम पूज्य गणेशजी की पूजा तो हर दिन हर घर में की जाती है।Ganesh Kripa Pane Ke Upay in Hindi :- सच्चे मन…
वक्रतुंड महाकाय सूर्यकोटी समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा ।। हे भव्य शरीर, वक्र सूंड, दश लक्ष सूर्यों की चमक वाले गणेशजी, मेरे सारे कर्मों को विघ्नों से हमेशा मुक्त करते रहना। सर्वप्रथम पूज्य गणेशजी की पूजा तो हर दिन हर घर में की जाती है।
सच्चे मन से गणेश की पूजा की जाए तो आपकी हर मनोकामना पूर्ण होगी। बुधवार के दिन इनकी पूजा का विशेष महत्व है। जिसके कारण भगवान गणेश की पूजा करने का सबसे शुभ दिन है। शिव-पार्वती के पुत्र गणेश जी को हम कई नामों से जानते है जैसे कि सुमुख, एकदंत, कपिल, गजकर्ण, लंबोदर, विकट, विघ्ननाशन, विनायक, धूमकेतु, गणाध्यक्ष, भालचंद्र, गजानन। जिन्हे हम कष्टो को हरने वाला मानते है।
ऐसे करें पूजा :- इस दिन ब्रह्म मूहुर्त में उठकर सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान कर लें। और भगवान की पूजा करें। इसके बाद दोपहर के समय अपनी इच्छा अनुसार सोने, चांदी, तांबे, पीतल या मिट्टी से बनी भगवान श्रीगणेश की प्रतिमा स्थापित करें। इसके बाद संकल्प मंत्र पढ़े और फिर श्री श्रीगणेश की षोड़शोपचार सोलह सामग्रियों से पूजन-आरती करें।
भगवान गणेशजी की मूर्ति पर सिंदूर चढ़ाएं। इसके बाद ऊं गं गणपतयै नम: मंत्र का उच्चारण करते हुए 21 दूर्वा दल चढ़ाएं। और बोग में गुड़ या बूंदी के 21 लड्डुओं खिलाएं। इनमें से 5 लड्डू मूर्ति के पास रख दें तथा 5 ब्राह्मण को दान कर दें। शेष लड्डू प्रसाद के रूप में बांट दें।
इसके बाद पूजा में भगवान श्रीगणेश स्त्रोत, अथर्वशीर्ष, संकटनाशक स्त्रोत आदि का पाठ करें। ब्राह्मणों को भोजन कराएं और उन्हें दक्षिणा प्रदान करने के बाद शाम के समय स्वयं भोजन ग्रहण करें। संभव हो तो उपवास करें। इस व्रत का आस्था और श्रद्धा से पालन करने पर भगवान श्रीगणेश की कृपा आप पर बनी रहेगी।आप जिस काम में हाथ डालोंगे उसमें आपको सफलता जरुर मिलेगी।
यह आलेख निम्नलिखित के बारे में जानकारी प्रदान करता है : Do such worship, God Shrignesh, Sixteen Ingredients, True mind, ऐसे करें पूजा, भगवान श्रीगणेश, सच्चे मन, सोलह सामग्रियों