भारतीय समाज हमेशा से हीं वर्ण और जाति व्यवस्था के आधार पर बंंटा हुआ है.Good Brahmin Perform Puja in Hindi :- जाति व्यवस्था के इस पायदान में सबसे उच्च स्थान पर ब्राह्मण को रखा गया है. शुरुआत से हीं ब्राह्मण से पूजा – पाठ, धर्म इत्यादि से सम्बंधित कार्यों को करवाना रहा है. हम हर…
यह आलेख निम्नलिखित के बारे में जानकारी प्रदान करता है : Indian society and Magic and worship and जादू-टोना and पूजा पाठ and भारतीय समाज
भारतीय समाज हमेशा से हीं वर्ण और जाति व्यवस्था के आधार पर बंंटा हुआ है.
जाति व्यवस्था के इस पायदान में सबसे उच्च स्थान पर ब्राह्मण को रखा गया है. शुरुआत से हीं ब्राह्मण से पूजा – पाठ, धर्म इत्यादि से सम्बंधित कार्यों को करवाना रहा है. हम हर धार्मिक कार्यों, धार्मिक अनुष्ठानों में ब्राह्मण से हीं हर कार्य करवाते हैं. लेकिन हम में से ज्यादातर लोगों को इस बात की बिल्कुल भी जानकारी नहीं कि पूजा पाठ कराने के लिए जितने सारे नियमों के पालन का ध्यान हमें रखना पड़ता है, उतना ही ध्यान हमें उस ब्राह्मण का भी चुनाव करने में रखना चाहिए, जिससे हम कोई अनुष्ठान कराने जा रहे हैं.
गरूड़ पुराण में बताया गया हैं कि किस तरह के ब्राह्मण से पूजा करानी चाहिए और किस से नहीं. जिन ब्राह्मणों के बारे में गरुड़ पुराण में बताया गया है कि उनसे हमें अनुष्ठान नहीं करानी चाहिए. ऐसे में अगर हम उन ब्राह्मणों का चुनाव करते हैं, तो हमें पूजा का फल तो नहीं हीं मिलता है, साथ हीं हम पाप के भागी भी हम बन सकते हैं.
तो आइए हम आपको बताने जा रहे हैं कि किस तरह के ब्राह्मण से पूजा नहीं करनी चाहिए और किस तरह के ब्राह्मण से पूजा करानी चाहिए.
1 – जादू टोना करने वाले पंडित
गरुड़ पुराण के अनुसार जो पंडित जादू – टोना जैसे कार्यों को करते हैं. उनसे अपने घर में कभी भी यज्ञ-हवन, श्राद्ध इत्यादि करवाने से हमें पाप का भागी बनना पड़ता है. और हमारे पितरों को स्वर्ग के स्थान पर नर्क में जगह मिलती है.
2 – बकरी पालन करने वाले पंडित
जो ब्राह्मण बकरी पालन का कार्य करते हैं. और साथ हीं ज्योतिष विद्या के जानकार हो. या फिर चित्रकार हो. उनसे कभी भी धार्मिक अनुष्ठान नहीं करना चाहिए. क्योंकि ऐसा करने से उस अनुष्ठान का फल हमें नहीं मिलता.
3 – जिन पर संशय हो
दृष्टिहीन या मूक ब्राह्मण से कभी भी धार्मिक कार्य नहीं करवानी चाहिए. इसके अलावा जो ब्राह्मण देखने में विचित्र लगता हो, या जिसके ऊपर किसी भी प्रकार का संशय हो. ऐसे ब्राह्मण से कभी भी पूजा – पाठ का कार्य नहीं करवाना चाहिए.
4 – लालची पंडित
धन की कामना करने वाला या लालची ब्राह्मण, जिसे वेदों का जरा भी ज्ञान ना हो. ऐसे ब्राह्मण से भी शुभ कार्य या श्राद्ध का कार्य नहीं करवाना चाहिए. ऐसे में हमें उसका फल नहीं मिलता.
5 – बुरी संगत वाला पंडित
ऐसा ब्राह्मण जिसका संगत बुरे लोगों के साथ हो. या फिर जो शनि का दान लेता हो. ऐसे ब्राह्मण भी पूजा करवाने के काबिल नहीं होते.
6 – ईर्ष्यालु पंडित
ऐसे ब्राह्मण जिनके मन में कुंठा या दूसरों के प्रति ईर्ष्या की भावना हो. ऐसे ब्राह्मण को भी पूजा करने के लिए आमंत्रित नहीं करनी चाहिए.
7 – धन हड़पने वाला पंडित
जिसने दूसरों के धन को हड़पा हो, किसी तरह की हिंसा की हो या झूठ बोलकर किसी की धन-संपत्ति को हथिया लिया हो. ऐसे ब्राह्मण से कभी भी पूजा – पाठ या किसी भी प्रकार के धार्मिक अनुष्ठान नहीं करवानी चाहिए. ऐसे में अगर आप ऐसे पंडित से पूजा करवाते हैं, तो आपको भी उसके पाप का भागीदार बनना पड़ सकता है.
8 – आभूषण बेचने वाले पंडित
ऐसे पंडित जो सोने के आभूषण बेचता हो. ऐसे पंडित से किसी भी प्रकार के धार्मिक अनुष्ठान नहीं करवानी चाहिए. इसे शास्त्रीय रूप से अनुकूल नहीं माना गया है.
9 – चरित्रहीन पंडित
ऐसे ब्राह्मण जो दूसरों की पत्नी पर गलत नजर रखता हो. अपनी बीवी के साथ मारपीट करता हो. या उसके किसी और स्त्री के साथ अनैतिक संबंध हो. ऐसे ब्राह्मण से कभी भी, किसी भी तरह के धार्मिक अनुष्ठान नहीं करवानी चाहिए.
10 – नशेड़ी पंडित
ऐसे पंडित जो किसी भी प्रकार के नशा करने का आदी हो. या दूसरों की चुगली करने वाला हो. उनसे किसी भी तरह की सेवा नहीं लेनी चाहिए. नहीं तो खुद को ही नर्क का भागी बनना पड़ सकता है.