रक्षाबंधन हो चाहे कृष्ण जन्माष्टमी या फिर गणेश चतुर्थी आदि, श्रद्धालु उपवास करने से नहीं चूकते। उपवास हर धर्म के लोग कर सकते हैं। कई लोग 2-3 दिन तक उपवास करते हैं तो कई भक्तगण महीनों-महीनों तक उपवास पर ही टिकते हैं।Heal Yourself Fasting in Hindi :- लेकिन कभी आपने सोंचा है कि उपवास होता…
रक्षाबंधन हो चाहे कृष्ण जन्माष्टमी या फिर गणेश चतुर्थी आदि, श्रद्धालु उपवास करने से नहीं चूकते। उपवास हर धर्म के लोग कर सकते हैं। कई लोग 2-3 दिन तक उपवास करते हैं तो कई भक्तगण महीनों-महीनों तक उपवास पर ही टिकते हैं।
लेकिन कभी आपने सोंचा है कि उपवास होता क्या है? कुछ देर बिना खाए रहना उपवास कहलाता है। हमारे यहां उपवास को धार्मिक तौर पर जोड़ा गया है लेकिन यह चिकित्सा के रूप में भी बड़ा लाभकारी होता है।
उपवास कई प्रकार का हो सकता है। कुछ निर्जल उपवास होते हैं। इनमें दिनभर न तो कुछ खाया जाता है और न जल पिया जाता है। संसार के सभी धर्मों में उपवास को ईश्वर के निकट पहुँचने का एक सबसे कारगर उपाय माना गया है। धार्मिक मान्यताओं के परे यह निर्विवाद सत्य है कि उपवास करने से शरीर स्वस्थ रहता है। आइये जानते हैं उपवास क्या है और यह बीमारी को कैसे दूर भगाता है।
उपवास में कुछ दिनों तक शारीरिक क्रियाएं संचित कार्बोहाइड्रेट पर, फिर विशेष संचित वसा पर और अंत में शरीर के प्रोटीन पर निर्भर रहती हैं। मूत्र और रक्त की परीक्षा से उन पदार्थों का पता चल सकता है, जिनका शरीर उस समय उपयोग कर रहा होता है।
लंबे समय तक उपवास रखने वालों के लिये उठना-बैठना मुश्किल हो जाता है। उन्हें हर वक्त थकान का एहसास होता है। रक्त में ग्लूकोज की कमी से शरीर क्लांत तथा क्षीण होता जाता है और अंत में शारीरिक यंत्र अपना काम बंद कर देता है। उपवास लंबे समय के लिये हो या कम समय के लिये, शरीर पर उसका प्रभाव अवधि के अनुसार समान होता है।