Indian Spiritual
  • होम
  • लोकप्रिय
  • धार्मिक तथ्य
  • धार्मिक कथा
  • धार्मिक स्थान
  • ज्योतिष
  • ग्रंथ
  • हस्त रेखाएं
  • व्रत त्योहार
  • तंत्र-मंत्र-यंत्र
होम | धार्मिक स्थान | यहां ब्रह्म हत्या के पाप से शिव को मिली थी मुक्ति, अब करते हैं पिंडदान

यहां ब्रह्म हत्या के पाप से शिव को मिली थी मुक्ति, अब करते हैं पिंडदान

यहां ब्रह्म हत्या के पाप से शिव को मिली थी मुक्ति, अब करते हैं पिंडदान
In धार्मिक स्थान, पितृ पक्ष, लोकप्रिय, व्रत त्योहार
  • Share on Facebook
  • Share on Twitter
  • Share on Email
  • Share on Whatsapp
  • Share on Facebook
  • Share on Twitter

उत्‍तराखंड में एक ऐसी जगह है, जहां पिंडदान व तर्पण करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। हम बात कर रहे हैं चमोली जनपद के बदरीधाम स्थित ब्रहमकपाल की।Here Pitra Get Moksha After Pinddan in Hindi :- मान्यता है कि यहां भागवान शिव को ब्रह्म हत्या के पाप से मुक्ति मिली थी। चमोली…

यह आलेख निम्नलिखित के बारे में जानकारी प्रदान करता है : Badrinath and  Hinduism and  Religion and  Uttarakhand  

उत्‍तराखंड में एक ऐसी जगह है, जहां पिंडदान व तर्पण करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। हम बात कर रहे हैं चमोली जनपद के बदरीधाम स्थित ब्रहमकपाल की।

Here Pitra Get Moksha After Pinddan in Hindi :-

मान्यता है कि यहां भागवान शिव को ब्रह्म हत्या के पाप से मुक्ति मिली थी। चमोली जनपद में बदरीनाथ धाम में अलकनंदा के तट पर ब्रहमकपाल ऐसा स्थान है, जहां पिंडदान करने के लिए देश के कोने-कोने से लोग आते हैं।

ऐसी मान्यता है कि बिहार में गया जी में पितर शांति मिलती है किंतु ब्रह्मकपाल में मोक्ष मिलता है। यहां पर पितरों का उद्धार होता है। इस संबंध में धर्म शास्त्रों में उल्लेख मिलता है कि ब्रह्मकपाल में तर्पण करने से पितरों को मोक्ष, मुक्ति मिलती है।यहां पिंडदान व तर्पण करने के बाद श्राद्धकर्म व अन्य जगह पिंडदान की आवश्यकता नहीं पड़ती है।

{ पढ़ें :- जानिए स्त्रियों से सम्बंधित सपनों के संभावित फल }

पुराणों में उल्लेख मिलता है कि एक बार ब्रह्मा जी अपनी मानस पुत्री संध्या पर काम-मोहित हो गए। उनके इस कृत्य को देखकर उनके मानस पुत्र मरीचि और अन्य ऋषियों ने उन्‍हें समझाने का प्रयास किया। भगवान शिव ने अपने त्रिशूल से ब्रह्मा जी के सिर को धड़ से अलग कर दिया। तभी से ब्रह्मा चतुर्मुखी कहलाने लगे, क्योंकि इस घटना से पहले उनके पांच सिर थे।

तभी एक दिव्य घटना हुई। ब्रह्मा जी का वह पांचवां सिर भगवान शिव के हाथ से जा चिपका और भगवान महादेव को ब्रह्म हत्या का दोष लगा। भगवान शिव इस पाप से मुक्‍त‍ि पान के लिए अनेक तीर्थ स्थानों पर गए, लेकिन पाप से मुक्ति नहीं मिली। अपने धाम कैलास जाते समय उन्‍होंने बद्रीकाश्रम में अलकापुरी कुबेर नगरी से आ रही मां अलकनंदा में स्नान किया और बद्रीनाथ धाम की ओर बढ़ने लगे।

तभी एक चमत्कार हुआ। ब्रह्माजी का पांचवां सिर उनके हाथ से वहीं नीचे गिर गया। बद्रीनाथ धाम के समीप जिस स्थान पर वह सिर (कपाल) गिरा वह स्थान ब्रह्मकपाल कहलाया और भगवान देवाधिदेवमहादेव को इसी स्थान पर ब्रह्म हत्या के पाप से मुक्ति मिली.

{ पढ़ें :- सपने में किसी लड़की को देखने का मतलब जानते हैं आप ? }


धार्मिक स्थान, पितृ पक्ष, व्रत त्योहार और भारतीय संस्कृति संबंधित ख़बरें

  1. भगवान विष्णु ने देवकी और वसुदेव के घर क्यों लिया कृष्णावतार…

  2. जानिये क्या है श्रीकृष्ण की 16000 पत्नियों का राज ?

  3. जन्माष्टमी का फल चाहिए तो कीजिए जरूर यह व्रत

  4. जन्माष्टमी को सुख-समृद्धि प्राप्ति के लिए करें ये ज्योतिष उपाय

2011-09-17T20:16:48+05:30
Indian Spiritual Team
Indian Spiritual
Tags: #Badrinath,  #Hinduism,  #Religion,  #Uttarakhand  
................... विज्ञापन ...................

ट्रेंडिंग टापिक

#सपने में घर की छत गिरते देखना #पुरुष की बायीं भुजा फड़कना #सपने में खुद को शौच करते देखना #Chipkali Ka Peshab Karna #सपने में इमारत का गिरना #Sapne Me Pita Ko Bimar Dekhna #Chipkali Ka Zameen Par Girna #जामवंत की पत्नी का नाम क्या था #Gems Stone (रत्न स्टोन) #Dream Meaning (स्वप्न फल)

पॉपुलर पोस्ट

  • List of Famous Indian Festival
  • Complete List of Indian Festival
  • ये 10 सपने बताते हैं घर में आने वाली है बड़ी खुशी
  • यह 10 सपने धन हान‌ि का संकेत माने जाते हैं
  • इन 10 अंगों पर छ‌िपकली का ग‌िरना अशुभ, यह होता है अंजाम
  • जानिए शरीर के किस अंग के फड़कने का क्या होता है मतलब !
  • जाने आखिर कैसे हुआ था रीछ मानव जामवन्त का जन्म, तथा उनसे जुड़े अनोखे राज !
  • एक रहस्य, ‘ब्रह्मा’ ने किया था अपनी ही पुत्री ‘सरस्वती’ से विवाह !

नया पोस्ट

  • भगवान विष्णु ने देवकी और वसुदेव के घर क्यों लिया कृष्णावतार…
  • जानिये क्या है श्रीकृष्ण की 16000 पत्नियों का राज ?
  • जन्माष्टमी का फल चाहिए तो कीजिए जरूर यह व्रत
  • जन्माष्टमी को सुख-समृद्धि प्राप्ति के लिए करें ये ज्योतिष उपाय
  • जन्माष्टमी विशेष: भगवान कृष्ण की मृत्यु कैसे हुई?
  • राधा जन्म की कहानी – ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार मां के गर्भ से नहीं जन्मी थी राधा
  • जन्‍माष्‍टमी की पूजा करने की विधि !
  • भगवान श्रीकृष्ण की पूजा में जरूर होनी चाहिए ये 10 चीजें
  • वेलेंटाइन डे पर आजमाएं ज्योतिष के ये टोटके, मिलेगा मनचाहा वेलेंटाइन
  • नवरात्री साल में दो बार क्‍यूं मनाई जाती है?
  • आइये जाने मां दुर्गा की उत्‍पत्ति की कहानी !
  • नवरात्रों में ये 9 काम से परहेज रखनी चाहिए !
  • नवरात्रों में माता को प्रसन्न करने के ये 5 टोटके जो आपके जीवन को खुशियों से भर देंगे !
  • इस पूरे नवरात्र करें 10 महाविद्या की उपासना ! आपके सभी कार्य होंगे सिद्ध !
  • सिंह माता दुर्गा की सवारी कैसे बना ये जानकार हैरान हो जायेंगे आप!

© Copyright 2023, Indian Spiritual: All about the spiritual news articles from around the globe in Hindi. All rights reserved.
Our Group Sites: Gotals | PardaPhash News | Holiday Travel