वैदिक अथवा तांत्रोक्त अनेक ऐसे मंत्र हैं, जिसमें साधना करने के लिए अत्यंत सावधानी की जरूरत होती है। असावधानी से कार्य करने पर प्रभाव प्राप्त नहीं होता अथवा सारा श्रम व्यर्थ चला जाता है, परंतु शाबर मंत्रों की साधना या सिद्धि में ऐसी कोई आशंका नहीं होती। यह सही है कि इनकी भाषा सरल और…
वैदिक अथवा तांत्रोक्त अनेक ऐसे मंत्र हैं, जिसमें साधना करने के लिए अत्यंत सावधानी की जरूरत होती है। असावधानी से कार्य करने पर प्रभाव प्राप्त नहीं होता अथवा सारा श्रम व्यर्थ चला जाता है, परंतु शाबर मंत्रों की साधना या सिद्धि में ऐसी कोई आशंका नहीं होती। यह सही है कि इनकी भाषा सरल और सामान्य होती है।
मंत्रों को पढ़ने पर ऐसा कुछ भी अनुभव नहीं होता कि इनमें कुछ विशेष प्रभाव है, परंतु मंत्रों का जप किया जाता है तो असाधारण सफलता दृष्टिगोचर होती है। कुछ मंत्र तो ऐसे हैं कि जिनको सिद्ध करने की जरूरत ही नहीं है, केवल कुछ समय उच्चारण करने से ही उसका प्रभाव स्पष्ट दिखाई देने लगता है। यदि किसी मंत्र की संख्या निर्धारित नहीं है तो मात्र 1008 बार मंत्र जप करने से उस मंत्र को सिद्ध समझना चाहिए।
दूसरी बात शाबर मंत्रों की सिद्धि के लिए मन में दृढ़ संकल्प और इच्छा शक्ति का होना आवश्यक है। जिस प्रकार की इच्छा शक्ति साधक के मन में होती है, उसी प्रकार का लाभ उसे मिल जाता है। यदि मन में दृढ़ इच्छा शक्ति है तो अन्य किसी भी बाह्य परिस्थितियों एवं कुविचारों का उस पर प्रभाव नहीं पड़ता।
धन प्राप्ति मंत्र: दीपावली के दिन भी इस मंत्र का प्रयोग किया जा सकता है और कहते हैं कि यदि दीपावली की रात्रि को इस मंत्र की 21 माला फेरे तो उसके व्यापार में उन्नति एवं आर्थिक सफलता प्राप्त होती।
ऊँ नमो पद्मावती पद्मनये लक्ष्मी दायिनी वाँछाभूत प्रेत विंध्यवासिनी सर्व शत्रु संहारिणी दुर्जन मोहिनी ऋद्धि-सिद्धि वृद्धि कुरू कुरू स्वाहा। ऊँ क्लीं श्रीं पद्मावत्यैं नमः।
सर्व कार्य सिद्ध मंत्र : आर्थिक, व्यावसायिक या व्यापारिक दृष्टि से किसी भी प्रकार की सफलता एवं उन्नति के लिए इस मंत्र का प्रयोग किया जा सकता है। 31 माला मंत्र जप करने पर यह मंत्र सिद्ध हो जाता है। दीपावली की रात्रि को इस मंत्र का प्रयोग किया जाता है। किसी भी प्रकार की माला का प्रयोग साधक कर सकता है। आसन किसी भी प्रकार हो सकता है। यदि रात्रि में इस मंत्र को सिद्ध किया जाए तो विशेष सफलता प्राप्त होती है।
ऊँ नमो महादेवी सर्वकार्य सिद्धकारिणी जो पाती पूरे विष्णु महेश तीनों देवतन मेरी भक्ति गुरु की शक्ति श्री गुरु गोरखनाथ की दुहाई फुरोमंत्र ईश्वरो वाचा।
बिक्री बढ़ाने का मंत्र : व्यापार में बिक्री बढ़ाने का यह अद्भुत एवं अचूक मंत्र है। इसका प्रयोग मात्र रविवार के दिन ही किया जाता है। किसी भी रविवार को प्रातः उठकर अपने हाथ में काले उड़द लेकर इस मंत्र का 21 बार जप करके उन उड़दों को व्यापार स्थल पर डाल दें, इस प्रकार केवल रविवार करें अर्थात् यह प्रयोग केवल रविवार के दिन ही किया जा सकता है। ऐसा करने पर उसके व्यापार में उन्नति होती है और आश्चर्यजनक रूप से बिक्री बढ़ती है।
भंवर वीर तूं चेला मेरा, खोल दुकान कहा कर मेरा, उठे जो डंडी बिकै जो माल भंवर वीर खाली नहीं जाय।
यह आलेख निम्नलिखित के बारे में जानकारी प्रदान करता है : achanak dhan prapti ke mantra, achanak dhan prapti ke upay, culture, debt relief measures, deep parva, Deepawali, deepotsav, dhan paane ke upaye, dhan prapti ke liye kya kare, dhan prapti ke upay, dhan prapti ke upay bataye, dhan prapti ke upay lal kitab, dhan prapti laxmi mantra, Diwali, diwali festival, festivals, Golden Festival, gupt dhan prapti sadhana, Lakshmi Pane Ke Upay, Lakshmi Prapti Ke Achuk Totke, Laxmi Prapti ke Gharelu Upay, MONEY, अकूत धन प्राप्ति के उपाय, अचानक धन प्राप्ति, उपाय, कर्ज मुक्ति उपाय, काली मिर्च से धन प्राप्ति के अचूक उपाय, त्योहार, दीपपर्व, दीपावली, दीपावली पर लक्ष्मी प्राप्ति के सरल उपाय, दीपोत्सव, दीवाली, धन प्राप्ति, धन प्राप्ति के लिए मंत्र, धन प्राप्ति के लिए रत्न, धन प्राप्ति के सामान्य टोटके, धन प्राप्ति मंत्र, धन बढ़ाने के उपाय, धन लाभ, धन वृद्धि के उपाय, भारती पंडित, महालक्ष्मी, राष्ट्रलक्ष्मी, रोशनी, लक्ष्मी पाने के उपाय, लक्ष्मी पूजन, लक्ष्मी प्राप्ति के अचूक उपाय, लक्ष्मी प्राप्ति के उपाय, लक्ष्मी प्राप्ति के घरेलू उपाय, लक्ष्मी प्राप्ति के सरल उपाय, लक्ष्मी प्राप्ति के सरल टोटके, लक्ष्मीजी, विशेष आराधना, शीघ्र धन प्राप्ति के उपाय, संस्कृति, स्वर्णिम पर्व