चार वेदो में आयुर्वेद में मनुष्य के लिए सभी बाते विस्तार से लिखी है। की मानव अपनी जीवन शैली खानपान रहन सहन को कैसे करे। अगर हम आयुर्वेद के मुताबिक काम करे तो कुछ भी न मुमकिन नहीं है।If You Want A Good Child Then Take This Remedy in Hindi :- यहाँ आपको संतान प्राप्ति…
चार वेदो में आयुर्वेद में मनुष्य के लिए सभी बाते विस्तार से लिखी है। की मानव अपनी जीवन शैली खानपान रहन सहन को कैसे करे। अगर हम आयुर्वेद के मुताबिक काम करे तो कुछ भी न मुमकिन नहीं है।
यहाँ आपको संतान प्राप्ति अपने अनुसार से कैसे करे। आयुर्वेद में कुछ नियम है जिसके फलस्वरूप मनचाही संतान प्राप्त की जा सकती है जाने कैसे :
वैसे तो बेटी हो या बेटा दोनों हीं भगवान के वरदान हैं, न तो कोई किसी से कम है न कोई किसी से ज्यादा। संस्कार और माहौल से उनके अंदर गुण और अवगुण आते हैं जिससे अनुसार आपके बेटा या आपकी बेटी का स्वाभाव होता है।
लेकिन माँ बाप के अज्ञानता के कारण भी बच्चों का चरित्र और स्वाभाव होता है। आप कहेंगे वो कैसे ? क्यूंकि आजकल लोगो ने सम्भोग(Sex) को भोग की वस्तु समझ लिया है। जिसके दौरान स्त्री को गर्भ(GET PREGNANT) रह जाता है। लोग संतान प्राप्ति के लिए सहवास(Sex) नहीं करते बल्कि मज़े के लिए करते है। सहवास के दौरान स्त्री और पुरुष का स्वाभाव जैसा होता है। वैसा ही स्वाभाव गर्भ में पल रहे बच्चे का भी हो जाता है। इसलिए जब भी अगर आप अच्छे विचार गुणवान चरित्रवान संतान की चाह रखते है तो
नीचे दिए निर्देश को जरूर ध्यान में रखे
आइए जानते हैं कि, पीरियड के बाद किस दिन गर्भ ठहरने से आपको पुत्र की प्राप्ति होगी, तो किस दिन गर्भ ठहरने से पुत्री की प्राप्ति होगी. किस रात को गर्भ ठहरने से किस तरह का सन्तान जन्म लेगा. PeriodS शुरू होने वाले दिन से चौथी, छठी, 8वीं, 10वीं, 12वीं, 14वीं और 16वीं रात को गर्भ ठहरने से पुत्र प्राप्त होता है. जबकि PeriodS शुरू होने वाले दिन से 5वीं, 7वीं, 9वीं, 11वीं, 13वीं तथा 15वीं रात को गर्भ ठहरने से पुत्री प्राप्त होती है.
किसी समय किस तरह की संतान होने की सम्भावना होती है यह जानने के कुछ नियम
ध्यान रखे योग्य बाते
माहवारी या मासिक-धर्म की गणना सही होनी चाहिए।माहवारी या मासिक-धर्म शुरू होने वाले दिन को पहला दिन गिना जाता । अगर आपका Period 1 April को रात 9 बजे शुरू हुआ है तो 2 April को रात 9 बजे आपके Period का एक दिन पूरा होगा।ध्यान रखें – आप 11 April को दूसरा दिन न गिनें. मासिक-धर्म शुरू होने के 24 घंटे के बाद हीं दूसरा दिन गिनें. पुत्र प्राप्ति के लिए मासिक-धर्म शुरू होने वाले दिन से गिन कर चौथी, छठी, 8वीं, 10वीं, 12वीं, 14वीं और 16वीं रात को सम्भोग करना चाहिए. जबकि पुत्री प्राप्ति के लिए 5वीं, 7वीं, 9वीं, 11वीं, 13वीं तथा 15वीं रात को सम्भोग करना चाहिए.
अगर आपको बेटा चाहिए तो जबतक गर्भ ठहर नहीं जाता है, तब तक 5वीं, 7वीं, 9वीं, 11वीं, 13वीं तथा 15वीं रात को सहवास नहीं करें। उसी तरह अगर आपको बेटी चाहिए तो चौथी, छठी, 8वीं, 10वीं, 12वीं, 14वीं और 16 वीं रात को गर्भधारण होने से पहले सहवास न करें। आपकी गिनती में 1 भी घंटे की गलती नहीं होनी चाहिए। गलत गिनती इच्छित परिणाम नहीं प्राप्त होने देगी। जिस रात को आपने गर्भधारण के लिए चुना है,
उसी रात को गर्भ ठहरे इस बात को सुनिश्चित करने के कुछ उपाय
ध्यान रखें कि जिस रात को आपने गर्भ ठहरने के लिए चुना है। उस रात को गर्भ ठहरना चाहिए, न कि सिर्फ सम्भोग होना चाहिए। उसी रात को गर्भ ठहरे यह सुनिश्चित करने के लिए आपको उस रात को 2-3 बार सम्भोग करना चाहिए। आप जितनी ज्यादा बार सम्भोग करेंगे, गर्भ ठहरने की सम्भावना उतनी ज्यादा बनेगी.
गर्भ ठहरना सुनिश्चित करने के लिए, सेक्स करने के बाद लिंग को योनी से तबतक बाहर नहीं निकालिए जबतक वह खुद न बाहर आ जाए. और योनी को भी सहवास के बाद तुरंत साफ न करें, अगले दिन नहाते समय हीं योनी साफ करें।
जिस रात को आपने गर्भधारण के लिए चुना है, उससे 2-4 दिन पहले से आप न तो सहवास करें और न हस्तमैथुन. इससे शुक्राणुओं की प्रबलता बढ़ जाएगी.
उस दिन तनावमुक्त रहें और उस दिन मानसिक या शारीरिक थकावट न हो इस बार का ध्यान रखें. सम्भव हो तो उस दिन घर-बाहर सारे कामों से छुट्टी ले लें.
स्त्री के चरमोत्कर्ष पर पहुँचने के बाद वीर्य के स्खलित होने से गर्भधारण की सम्भावना बढ़ जाती है. अतः स्त्री के साथ सहवास करने से पहले उसे पूरी तरह उत्तेजित कर लें.
साथ ही साथ इस मंत्र का पूरी श्रदा के साथ जाप करे।
सन्तान गोपाल मन्त्र
||ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ग्लौं देवकीसुत गोविन्द वासुदेव जगत्पते देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गतः||
इस मन्त्र का हर दिन 108 बार जाप कीजिए.
यह आलेख निम्नलिखित के बारे में जानकारी प्रदान करता है : Ayurveda, आयुर्वेद