करवाचौथ वैसे तो पति की लंबी उम्र के लिए किया जाने वाला व्रत है, लेकिन इसमें प्रेम का भाव प्रमुख है। पत्नी का पति के प्रति आत्मीय प्रेम का इससे अच्छा उदाहरण और क्या होगा, कि वह अन्न जल का त्याग कर पति के प्रति आत्मीय प्रेम का इससे अच्छा उदाहरण और क्या होगा, कि वह…
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करवाचौथ वैसे तो पति की लंबी उम्र के लिए किया जाने वाला व्रत है, लेकिन इसमें प्रेम का भाव प्रमुख है। पत्नी का पति के प्रति आत्मीय प्रेम का इससे अच्छा उदाहरण और क्या होगा, कि वह अन्न जल का त्याग कर पति के प्रति आत्मीय प्रेम का इससे अच्छा उदाहरण और क्या होगा, कि वह अन्न जल का त्याग कर पति की लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करती है। ऐसे में पति का प्रेम पाना भी खास तौर से इन दिन महिलाओं का पहला हक है। तभी तो वे उनके लिए 16 श्रृंगार कर पति के लिए इतनी तन्मयता से सजती संवरती हैं। तो इस करवाचौथ पर आप भी कीजिए यह 16 श्रृंगार और उतर जाइए सजना की आंखों से उनके दिल में.
मांग टीका जब तक माथे पर न सजे, दुल्हन भी दुल्हन न लगे। जी हां, मांग टीका आपके मुखमंडल की शोभा को इतना बढ़ा देता है, कि हर नजर आप पर आकर यूं ही टिक जाती है। आजकल बाजार में एक से बढ़कर एक प्रकार और डिजाइन में मांग टीके उपलब्ध हैं, जिनमें कुंदन, स्टोन, मोती, मीनाकारी और फूलों से बने मांगटीके प्रमुख हैं। आप चाहें तो राजस्थानी रखड़ी से भी राजवाड़ी दिख सकती हैं।
बिंदी के बिना सुहागन का श्रृंगार अधूरा-सा लगता है। आप कितनी भी आधुनिक हों, लेकिन करवाचौथ के दिन पिया के नाम की बिंदी जरूर लगाइए। यकीन मानिए माथे पर चांद सी दमकती बिंदिया आपकी आभा का निखारने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। और यह आपके पिया को करीब होने का एहसास दिलाएगी।