शास्त्रों में कहा गया है की व्यक्ति को यथासंभव कर्जा लेने से बचना चाहिए। कर्ज लेना किसी को भी अच्छा नहीं लगता लेकिन कई बार मज़बूरी वश या अपनी आवश्यकताओं के कारण लोगो को कर्जा लेना ही पड़ता है। कर्ज लेने वाले व्यक्ति को सामने वाले की बहुत सी सही / गलत मनमानी शर्तों को…
यह आलेख निम्नलिखित के बारे में जानकारी प्रदान करता है : Astrology Tips and debt and How To Get Rid Of Debt and karz mukti ke upay in hindi and karz mukti remedies and karz mukti upay by lal kitab and karz mukti upay in marathi and karz mukti yantra and karz se mukti paane ka upaye and karz se mukti paane ke upay and karz se mukti pane ke upay and karz utarne ke upay and rid of debt and totake and turant karz mukti ke upay and एक ऐसा कर्ज and कर्ज कैसे खत्म करें and कर्ज से छुटकारा पाने के आसान उपाय and कर्ज से मिलेगा छुटकारा and कर्ज से मुक्ति का अचूक समाधान and कर्ज से मुक्ति के अचूक उपाय and जल के टोटके and जल्द मिलेगी कर्ज से मुक्ति and टोटके and पानी का टोटका
शास्त्रों में कहा गया है की व्यक्ति को यथासंभव कर्जा लेने से बचना चाहिए। कर्ज लेना किसी को भी अच्छा नहीं लगता लेकिन कई बार मज़बूरी वश या अपनी आवश्यकताओं के कारण लोगो को कर्जा लेना ही पड़ता है। कर्ज लेने वाले व्यक्ति को सामने वाले की बहुत सी सही / गलत मनमानी शर्तों को भी मानना पड़ता है।आजकल तो हर छोटा बड़ा आदमी कहीं न कहीं से मकान, गाड़ी,गृह उपोयोगी वस्तुओं,शिक्षा, व्यापार आदि के लिए कर्ज लेता है ।कई बार गलत समय पर कर्ज लेने के कारण या किसी भी अन्य कारण से कर्ज लेने के बाद उसे लौटाना व्यक्ति को भारी हो जाता है वह लाख चाहकर भी कर्ज समय पर नहीं चुका पाता है उस पर कर्ज लगातार बहुत अधिक बड़ता ही जाता है और कई बार तो उसकी पूरी जिंदगी कर्ज चुकाते-चुकाते समाप्त हो जाती है। यहाँ पर हम शास्त्रों और प्राचीन मान्यताओं के अनुसार कर्ज लेने व देने संबंधी कुछ आसान से उपाय बता रहे है इन पर अमल करने पर निश्चित ही आपका कर्ज, बिलकुल समय से सुविधानुसार आपके सिर से उतर जाएगा।
कर्जा मुक्ति मन्त्र :
1 – ॐ ऋण-मुक्तेश्वर महादेवाय नमः
2 – ॐ मंगलमूर्तये नमः।
3 – ॐ गं ऋणहर्तायै नमः।
इनमे से किसी भी मन्त्र के नित्य कम से कम एक माला के जप से व्यक्ति को अति शीघ्र कर्जे से मुक्ति मिलती है ।
1. पूर्णिमा व मंगलवार के दिन उधार दें और बुधवार को कर्ज लें।
2. कभी भूलकर भी मंगलवार को कर्ज न लें एवं लिए हुए कर्ज की प्रथम किश्त मंगलवार से देना शुरू करें। इससे कर्ज शीघ्र उतर जाता है।
3.कर्ज मुक्ति के लिए ऋणमोचन मंगल स्तोत्र का पाठ करें |
4. कर्जे से मुक्ति पाने के लिए लाल मसूर की दाल का दान दें।
5. अपने घर के ईशान कोण को सदैव स्वच्छ व साफ रखें।
6. ऋणहर्ता गणेश स्तोत्र का शुक्लपक्ष के बुधवार से नित्य पाठ करें।
7. बुधवार को सवा पाव मूंग उबालकर घी-शक्कर मिलाकर गाय को खिलाने से शीघ्र कर्ज से मुक्ति मिलती है|
8. सरसों का तेल मिट्टी के दीये में भरकर, फिर मिट्टी के दीये का ढक्कन लगाकर किसी नदी या तालाब के किनारे शनिवार के दिन सूर्यास्त के समय जमीन में गाड़ देने से कर्ज मुक्त हो सकते हैं।
9. घर की चौखट पर अभिमंत्रित काले घोड़े की नाल शनिवार के दिन लगाएं।
10. ५ गुलाब के फूल, १ चाँदी का पत्ता, थोडे से चावल, गुड़ लें। किसी सफेद कपड़े में २१ बार गायत्री मन्त्र का जप करते हुए बांध कर जल में प्रवाहित कर दें। ऐसा ७ सोमवार को करें।
11.सर्व-सिद्धि-बीसा-यंत्र धारण करने से सफलता मिलती है।
12.मंगलवार को शिव मंदिर में जाकर शिवलिंग पर मसूर की दाल “ॐ ऋण-मुक्तेश्वर महादेवाय नमः”मंत्र बोलते हुए चढ़ाएं।
13.हनुमानजी के चरणों में मंगलवार व शनिवार के दिन तेल-सिंदूर चढ़ाएं और माथे पर सिंदूर का तिलक लगाएं।हनुमान चालीसा या बजरंगबाण का पाठ करें|
14..घर अथवा कार्यालय मे गाय के आगे खड़े होकर वंशी बजाते हुए भगवान श्री कृष्ण का चित्र लगाने से कर्जा नहीं चडता और दिए गए धन की डूबने की सम्भावना भी कम रहती है |
15. यदि व्यक्ति अपने घर के मंदिर में माँ लक्ष्मी की पूजा के साथ 21 हक़ीक पत्थरों की भी पूजा करें फिर उन्हें अपने घर में कहीं पर भी जमीन में गाड़ दे और ईश्वर से कर्जे से मुक्ति दिलाने के लिए प्रार्थना करें तो उसे शीघ्र ही कर्जे से छुटकारा मिल जायेगा ।
16.कर्जे से मुक्ति प्राप्त करने के लिए व्यक्ति लाल वस्त्र पहनें या लाल रूमाल साथ रखें। भोजन में गुड़ का उपयोग करें।
17.बुधवार को स्नान पूजा के बाद व्यक्ति सर्वप्रथम गाय को हरा चारा खिलाये उसके बाद ही खुद कुछ ग्रहण करें तो उसे शीघ्र ही कर्जे से छुटकारा मिल जाता है।
18. कर्जा लेने वाला व्यक्ति यदि अपनी तिजोरी में स्फुटिक श्रीयंत्र के साथ साथ मंगल पिरामिड की स्थापना करें और नित्य धूप दीप दिखाएँ तो उसे शीघ्र ही ऋण से मुक्ति मिलती है ।