भारत में भगवान शिव को प्रमुख हिंदू ईश्वर माना जाता है और इनकी पूजा कई तरीकों से की जाती है। भगवान शिव, त्रिमूर्ति का एक हिस्सा हैं और इन्हें विनाश का स्वामी माना जाता है। भगवान शिव की पूजा, लिंग के रूप में की जाती है और भगवान शिव के कुल 12 ज्योतिर्लिंग है।Know About…
भारत में भगवान शिव को प्रमुख हिंदू ईश्वर माना जाता है और इनकी पूजा कई तरीकों से की जाती है। भगवान शिव, त्रिमूर्ति का एक हिस्सा हैं और इन्हें विनाश का स्वामी माना जाता है। भगवान शिव की पूजा, लिंग के रूप में की जाती है और भगवान शिव के कुल 12 ज्योतिर्लिंग है।
भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग का अपना अलग महत्व है। सभी शिवभक्त अपने जीवन में इन 12 ज्योतिर्लिंगों का कभी न कभी दर्शन करना अवश्य चाहते हैं। लेकिन हर किसी के लिए इनका दर्शन, अपने जीवनकाल में कर पाना संभव नहीं होता है। तब भी कई लोग कोशिश करके एक या दो ज्योतिर्लिंगों में दर्शन कर ही आते हैं।
इन ज्योतिर्लिंगों को द्वादशा ज्योतिर्लिंग के नाम से भी जाना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि भगवान शिव, इन स्थानों पर अवतरित हुए थे और शिवलिंग के रूप में विद्मान हो गए थे। जो भी व्यक्ति इन 12 ज्योतिर्लिंगों की यात्रा कर लेता है उसे जीवन-मृत्यु के चक्र से मुक्ति मिल जाती है। हिंदू धर्म के अनुसार, मोक्ष की प्राप्ति के लिए इन स्थानों की यात्रा सबसे सरल उपाय है।
दूसरा विश्वास यह भी है कि ये सभी ज्योतिर्लिंग, शिव के लिंग के रूप में हैं। इसमें ज्योति विद्मान रहती है। इस ज्योति को हर किसी के द्वारा नहीं देखा जा सकता है। जो व्यक्ति उच्च दार्शनिक और आध्यात्मिक स्तर को छू लेता है उसे ये ज्योजि दिखाई देने लग जाती है। इन 12 ज्योतिर्लिंग का विवरण, इस श्लोक में इस प्रकार दिया गया है: सौराष्ट्रे सोमनाथं च श्रीशैले मल्लिकार्जुनम्। उज्जयिन्यां महाकालमोङ्कारममलेश्वरम्॥ परल्यां वैद्यनाथं च डाकिन्यां भीमशङ्करम्। सेतुबन्धे तु रामेशं नागेशं दारुकावने॥ वाराणस्यां तु विश्वेशं त्र्यम्बकं गौतमीतटे। हिमालये तु केदारं घुश्मेशं च शिवालये॥ एतानि ज्योतिर्लिङ्गानि सायं प्रातः पठेन्नरः। सप्तजन्मकृतं पापं स्मरणेन विनश्यति॥ एतेशां दर्शनादेव पातकं नैव तिष्ठति। कर्मक्षयो भवेत्तस्य यस्य तुष्टो महेश्वराः॥: ऐसा कहा जाता है कि जो भी व्यक्ति, इन 12 ज्योतिर्लिंगों की पूजा करता है उसके सभी पाप माफ़ हो जाते हैं और उसे जीवन-मृत्यु के चक्र से मुक्ति मिल जाती है।
आइए इन 12 ज्योतिर्लिंगों में से पहले ज्योतिर्लिंग के बारे में विस्तारपूर्वक पढिए:
सोमेश्वर ज्योतिर्लिंग स्थान: यह ज्योतिर्लिंग, गुजरात के सौराष्ट्र में प्रभास पाटन में सोमनाथ मंदिर में है। इसके अलावा, गुजरात में एक और ज्योतिर्लिंग, द्वारका भी है जिसे नागेश्वर ज्योतिर्लिंग के नाम से जाना जाता है।
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