भारत हमेशा से अंधविश्वासी लोगों की भूमि रही है। हर धर्म, हर संस्कृति और समुदाय में लोगों ने अलग-अलग अंधविश्वासों को जगह दे रखी है। कुछ अंधविश्वासों को वैज्ञानिक कारणों से जोड़कर निभाया जाता है और कुछ को पुराने रीति-रिवाज मानकर। लेकिन इन सभी मूर्खतापूर्ण अंधविश्वासों को लोग बड़ी श्रद्धा से निभाते है। देश में…
यह आलेख निम्नलिखित के बारे में जानकारी प्रदान करता है : Menstrual and मासिक धर्म
भारत हमेशा से अंधविश्वासी लोगों की भूमि रही है। हर धर्म, हर संस्कृति और समुदाय में लोगों ने अलग-अलग अंधविश्वासों को जगह दे रखी है। कुछ अंधविश्वासों को वैज्ञानिक कारणों से जोड़कर निभाया जाता है और कुछ को पुराने रीति-रिवाज मानकर। लेकिन इन सभी मूर्खतापूर्ण अंधविश्वासों को लोग बड़ी श्रद्धा से निभाते है। देश में आधुनिकीकरण हो चुका है और नई पीढ़ी इन अंधविश्वासों से कुछ दूर दिख रही है लेकिन अभी भी कई छोटे और पिछड़े इलाकों में ये अंधविश्वास माने और निभाएं जाते है।
इस बात से खासा फर्क नहीं पड़ता है कि आप इन सभी अंधविश्वासों को मानते है या नहीं, लेकिन जब यही अंधविश्वास जी का जंजाल बन जाते है तो दिक्कत होती है। ऐसे ही दस भारतीय अंधविश्वासों के बारे में जानिए :
एक रूपया
भारतीय संस्कृति में एक रूपए का नोट या सिक्का काफी खास माना जाता है। किसी भी पावन अवसर पर एक का सिक्का लगाकर देना जरूरी होता है। बच्चे के जन्म से लेकर शादी के समय तक एक रूपए को बड़े नोट जैसे- 50, 100, 500 आदि के साथ लगाकर देने का रिवाज है। भारत में विषम संख्या में राशि देने को खराब माना जाता है।
नींबू मिर्च
आप भारत के कई घरों में नींबू मिर्च लटकी हुई देख सकते है। सात मिर्चो के साथ एक नींबू को लटकाना अच्छा माना जाता है, लोगों का मानना है कि इससे बुरी नजर नहीं लगती है। सात मिर्च इसलिए लटकाई जाती हैं क्योंकि सात अंक को जादुई नम्बर माना जाता है और लोग मानते है कि ऐसा करने से घर में या व्यवसाय में सुख-समृद्धि वापस आ जाती है।
काली बिल्ली
भारत में ऐसा माना है कि अगर आप किसी अच्छे काम के लिए बाहर जा रहे है और काली बिल्ली आपका रास्ता काट दे, तो आपका दिन अशुभ होगा और आपका काम बनने की बजाया बिगड़ जाएगा। इसलिए कई लोग काली बिल्ली के रास्ता काटने पर घर वापस आकर कुछ खा-पीकर जाते है।
दुर्भाग्यपूर्ण शनिवार
भारत में शनिवार को भगवान शनि का दिन माना जाता है और इस दिन को विशेष अवसरों और शुभ कामों के लिए अच्छा नहीं मानते है। इस दिन कई काम करना जैसे – लोहा खरीदना, तेल खरीदना आदि भी अशुभ माना जाता है।
नज़र लगना
नज़र लगना, भारत की सबसे बड़ी समस्याओं में से एक है। लोग मानते है कि अगर कोई बुरी दृष्टि से देखता है तो नज़र लग जाती है और फिर उसे कई तरीकों से उतारा जाता है। छोटे बच्चों, नई दुल्हन और नए जोड़े की नज़र खासकर उतारी जाती है ताकि वह बीमार न पड़ें।
पीपल वृक्ष
भारत के कई हिस्सों में माना जाता है कि पीपल में भूतों का वास होता है और आत्माएं रहती है जो कि कई लोगों को सच्चाई से परे बात लगती है। पीपल का पेड़, रात में भारी मात्रा में कार्बन डाई ऑक्साइड छोड़ता है जिसकी वजह से लोगों को भूतों का वास्ता देकर पेड़ से दूर कर दिया जाता है।
नाखून काटना
भारत में आपके नाखून कितने भी गंदे या बड़े हो गए हों, लेकिन आप उन्हे वृहस्पति या शनिवार के दिन नहीं काट सकते है। यहां तक कि मंगलवार के दिन भी नाखूनों को काटना गलत माना जाता है। लोग मानते है कि इन दिनों में नाखून काटने से दुर्भाग्य आता है। शाम के बाद भी नाखूनों को काटना मना होता है।
मासिक धर्म से जुड़े मिथक
भारतीय महिलाएं या लड़कियां, मासिक धर्म के दिनों में अछूत मान ली जाती है। इन दिनों में वह पूजा नहीं कर सकती है और न ही किचेन में प्रवेश कर सकती है। यहां तककि उन्हे किसी भी प्रकार की पूजा-पाठ में शामिल होने की अनुमति भी नहीं होती है।
चंद्र-ग्रहण प्रभाव
हर क्षेत्र में भारत में अंधविश्वास है ऐसे में ग्रहण क्यूं पीछे रह जाएं। भारत में माना जाता है कि ग्रहण के दौरान कुछ भी खाना-पीना नहीं चाहिये, घर के अंदर ही रहना चाहिये और गर्भवती महिला को कतई बाहर नहीं निकलना चाहिये। इस दौरान चाकू से कुछ काटना और खाना खाना भी मना होता है। ग्रहण पड़ने के दौरान सिर्फ पूजा करना उचित माना जाता है।
विधवा
भारत के अंधविश्वासी समाज में विधवा को बहुत खराब नज़र से देखा जाता है। पिछड़े इलाकों में आज भी विधवा स्त्री को जानवरों से भी बुरी स्थिति में रखा जाता है। उसे सिर्फ सफेद कपड़े पहनने होते है और वह सिर्फ उबला हुआ भोजन कर सकती है।