श्रीकृष्ण के छल – धर्म और अधर्म के बीच लड़े गए महाभारत के युद्ध में भगवान श्रीकृष्ण को भी आशंका थी कि पांडव नहीं जीत पाएंगे। इसलिए खुद भगवान कृष्ण ने धर्म की जीत के लिए चतुराई और छल किये थे. श्रीकृष्ण के छल से पांडवो को इस युद्ध में जीत हासिल हुई।Krishna Played Tricks…
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श्रीकृष्ण के छल – धर्म और अधर्म के बीच लड़े गए महाभारत के युद्ध में भगवान श्रीकृष्ण को भी आशंका थी कि पांडव नहीं जीत पाएंगे। इसलिए खुद भगवान कृष्ण ने धर्म की जीत के लिए चतुराई और छल किये थे. श्रीकृष्ण के छल से पांडवो को इस युद्ध में जीत हासिल हुई।
आज हम आपको बतानें जा रहे है श्रीकृष्ण के छल – महाभारत के युद्ध में भगवान कृष्ण ने कैसे अपनी चतुराई से पांडवों को जीत दिलाई थी।
1. जब अर्जुन को कर्ण से बचाया-
कर्ण के पास एक ऐसा दिव्यास्त्र था जिसके वार से ना तो देवता बच सकता था और ना ही इंसान।
कर्ण ने ये दिव्यास्त्र अर्जुन को मारने के लिए संभाल कर रखा था। कृष्ण ये बात अच्छे से जानते थे कि जब तक कर्ण क पास ये दिव्यास्त्र है तब पांडव कौरवों को नहीं हरा सकते। इसलिए कृष्ण ने महाभारत के इस युद्ध में भीम के विशालकाय पुत्र घटोत्कच को ले आये। घटोत्कच के आते ही कौरव सेना में हाहाकार मच गया, कोई भी योद्धा घटोत्कच का सामना नहीं कर पा रहा था। तब दुर्योधन के कहने पर कर्ण ने उस दिव्यास्त्र का उपयोग किया और घटोत्कच को मार दिया।
इस प्रकार कृष्ण ने कर्ण के दिव्यास्त्र का उपयोग करवा दिया और अर्जुन को बचा लिया।
2. कृष्ण की चतुराई से अर्जुन ने ऐसे हराया भीष्म को-
जब युद्ध में भीष्म को पराजित करना मुश्किल हो गया था तब कृष्ण शिखंडी को लेकर आये। शिखडीं स्त्री से पुरुष बने थे इसलिए भीष्म उसे स्त्री ही मानते थे, युद्ध में कृष्ण ने शिखंडी को अर्जुन की ढाल बना दिया। शिखंडी को देख भीष्म ने शस्त्र रख दिए क्योंकि वे किसी भी स्त्री के सामने शस्त्र नहीं उठा सकते थे।
इसका फायदा उठाकर अर्जुन ने शिखंडी की पीछे से भीष्म पर बाणों की बारिश कर दी और भीष्म बाणों की शय्या पर पहुँच गए।
3. जब कृष्ण जयद्रथ को चालाकी से लेकर आये अर्जुन के सामने-
अर्जुन ने प्रतिज्ञा की थी की सूर्यास्त से पहले जयद्रथ का वध कर दूंगा नहीं तो अपने प्राण त्याग दूंगा।
कौरवों अर्जुन की इस प्रतिज्ञा की वजह से जयद्रथ की रक्षा के लिए पूरी सेना लगा दी। वे जानते थे की सूर्यास्त तक जयद्रथ बच गया तो अर्जुन खुद ही अपने प्राण त्याग देगा। जब काफी समय तक अर्जुन जयद्रथ तक नहीं पहुँच पाया तो कृष्ण ने अपनी माया से सूर्य को छिपा लिया। कौरवो को लगा की सूर्यास्त हो गया और जयद्रथ खुद अर्जुन के सामने आ गया और हंसने लगा। ठीक उसी समय सूर्य फिर से निकल आया और अर्जुन ने जयद्रथ का वध कर दिया।
ये है श्रीकृष्ण के छल – इस तरह पांडवों ने कौरवों को हराकर महाभारत का युद्ध जीत लिया और भगवान कृष्ण की चतुराई ने धर्म की अधर्म पर जीत में महान भूमिका निभाई थी।