Indian Spiritual
  • होम
  • लोकप्रिय
  • धार्मिक तथ्य
  • धार्मिक कथा
  • धार्मिक स्थान
  • ज्योतिष
  • ग्रंथ
  • हस्त रेखाएं
  • व्रत त्योहार
  • तंत्र-मंत्र-यंत्र
  • वार्षिक राशिफल 2021
होम | धार्मिक कथा | यह था वास्तविक कारण लंकापति रावण के तपस्या करने का, ब्रह्म देव भी न समझ सके इसे !

यह था वास्तविक कारण लंकापति रावण के तपस्या करने का, ब्रह्म देव भी न समझ सके इसे !

यह था वास्तविक कारण लंकापति रावण के तपस्या करने का, ब्रह्म देव भी न समझ सके इसे !
In धार्मिक कथा
  • Share on Facebook
  • Share on Twitter
  • Share on Email
  • Share on Whatsapp
  • Share on Facebook
  • Share on Twitter

हम जब तक सामाजिक रूप से प्रमाणित अच्छे कार्य करते जाते हैं, तब तक समाज भी हमारी प्रशंसा करता है, लेकिन जैसे ही समाज के विरुद्ध एक बुरा काम किया नहीं कि हम सदा के लिए बुराई का पात्र बन जाते हैं. लंकापति रावण के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ…Lankapati Ravan History in Hindi…

यह आलेख निम्नलिखित के बारे में जानकारी प्रदान करता है : lankapati and  ravan and  रावण and  रावण का इतिहास and  रावण का गोत्र क्या था and  रावण का जन्म स्थान and  रावण का जन्म स्थान कहाँ है and  रावण किस कुल का ब्राह्मण था and  रावण किस जाति का था and  रावण के माता पिता का क्या नाम था and  रावण के माता पिता का नाम and  लंकापति रावण and  लंकापति रावण के तपस्या करने का कारण  

हम जब तक सामाजिक रूप से प्रमाणित अच्छे कार्य करते जाते हैं, तब तक समाज भी हमारी प्रशंसा करता है, लेकिन जैसे ही समाज के विरुद्ध एक बुरा काम किया नहीं कि हम सदा के लिए बुराई का पात्र बन जाते हैं. लंकापति रावण के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ…

Lankapati Ravan History in Hindi :-

कहते हैं- इक लख पूत सवा लख नाती. ता रावण घर दिया न बाती. रावण को प्रकांड पंडित वरदानी राक्षस जिसे कालजयी कहा जाता था. लेकिन कैसे वो कालजयी जिसके बल से त्रिलोक थर-थर कांपते थे एक स्त्री के कारण समूल मारा गया. वो भी वानरों की सेना लिये एक मनुष्य से. इन बातों पर गौर करें तो ये मानना तर्क से परे होगा. लेकिन रावण के जीवन के कुछ ऐसे रहस्य हैं, जिनसे कम ही लोग परिचित होंगे.

रावण ने क्यों की ब्रह्मा की तपस्या ??

{ पढ़ें :- रावण ने यहाँ की थी शिव की तपस्या, जहाँ शिव ने रावण को दिया एक वरदान ! एक चमत्कारी शिवलिंग की पूरी कहानी ! }

ऋषि विश्वेश्रवा ने रावण को धर्म और पांडित्य की शिक्षा दी. दसग्रीव इतना ज्ञानी बना कि उसके ज्ञान का पूरे ब्रह्माण्ड मे कोई सानी नहीं था. लेकिन दसग्रीव और कुंभकर्ण जैसे जैसे बड़े हुए उनके अत्याचार बढ़ने लगे. एक दिन कुबेर अपने पिता ऋषि विश्वेश्रवा से मिलने आश्रम पहुंचे तब कैकसी ने कुबेर के वैभव को देखकर अपने पुत्रों से कहा कि तुम्हें भी अपने भाई के समान वैभवशाली बनना चाहिए.

इसके लिए तुम भगवान ब्रह्मा की तपस्या करो. माता की अज्ञा मान तीनों पुत्रा भगवान ब्रह्मा के तप के लिए निकल गए. विभीषण पहले से ही धर्मात्मा थे, उन्होने पांच हजार वर्ष एक पैर पर खड़े होकर कठोर तप करके देवताओं से आशीर्वाद प्राप्त किया इसके बाद पांच हजार वर्ष अपना मस्तक और हाथ उफपर रखके तप किया जिससे भगवान ब्रह्मा प्रसन्न हुए विभीषण ने भगवान से असीम भक्ति का वर मांगा.

रावण ने किससे छीनी लंका ??

दसग्रीव अपने भाइयों से भी अधिक कठोर तप में लींन था. वो प्रत्येक हजारवें वर्ष में अपना एक शीश भगवान के चरणों में समर्पित कर देता. इस तरह उसने भी दस हजार साल में अपने दसों शीश भगवान को समर्पित कर दिया उसके तप से प्रसन्न हो भगवान ने उसे वर मांगने को कहा तब दसग्रीव ने कहा देव दानव गंधर्व किन्नर कोई भी उसका वध न कर सके वो मनुष्य और जानवरों को कीड़ों की भांति तुच्छ समझता था इसलिये वरदान मे उसने इनको छोड़ दिया.

{ पढ़ें :- अकेले श्री राम से ही नहीं बल्कि इन चार लोगों के आगे भी हारा था रावण ! }

यही कारण था कि भगवान विष्णु को उसके वध् के लिए मनुष्य अवतार में आना पड़ा. दसग्रीव स्वयं को सर्वशक्तिमान समझने लगा था. रसातल में छिपे राक्षस भी बाहर आ गये. राक्षसों का आतंक बढ़ गया. राक्षसों से कहने पर लंका के राजा कुबेर से लंका और पुष्पक विमान छीनकर स्वयं बन गया लंका का राजा.

कैसे दसग्रीव नाम पड़ा रावण का ?

दसग्रीव ने नंदी के श्राप और चेतावनी को अनसुना कर दिया और आगे बढ़ा . अपने बल के मद में चूर दसग्रीव ने जिस पर्वत पर भगवान शिव विश्राम कर रहे थे. उस पर्वत को अपनी भुजाओं पर उठा लिया. जिससे भगवान शंकर की तपस्या भंग हो गई और भगवान ने अपने पैर के अंगूठे से पर्वत को दबा दिया . पर्वत के नीचे दसग्रीव की भुजाएं दब गईं वो पीड़ा से इस तरह रोया कि चारों ओर त्राहि-त्राहि मच गई.

तब रावण ने मंत्रियों की सलाह पर एक हजार वर्षों तक भगवान शिव की स्तुति की. भगवान शिव ने दसग्रीव से प्रसन्न होकर उसे अपनी चंद्रहास खड्ग दी और कहा कि तुम्हारे रुदन से सारा विश्व कराह उठा इसलिये तुम्हारा नाम रावण होगा. रावण का अर्थ रुदन होता है. तबसे दसग्रीव रावण के नाम से प्रचलित हुआ.

{ पढ़ें :- रावण ने बनाई थी स्वर्ग तक की सीढ़ी, लेकिन क्यों वह असुरों को नहीं पहुंचा पाया वहां }


धार्मिक कथा और भारतीय संस्कृति संबंधित ख़बरें

  1. सिंह माता दुर्गा की सवारी कैसे बना ये जानकार हैरान हो जायेंगे आप!

  2. क्‍या है भगवान शिव के बड़े भक्‍त भस्मासुर की कहानी

  3. भगवान शिव को नीलकंठ क्यों कहा जाता है?

  4. जानिये क्या है भगवान जगन्नाथ की अधूरी मूर्ति का राज

2012-01-05T13:33:22+05:30
Indian Spiritual Team
Indian Spiritual
Tags: #lankapati,  #ravan,  #रावण,  #रावण का इतिहास,  #रावण का गोत्र क्या था,  #रावण का जन्म स्थान,  #रावण का जन्म स्थान कहाँ है,  #रावण किस कुल का ब्राह्मण था,  #रावण किस जाति का था,  #रावण के माता पिता का क्या नाम था,  #रावण के माता पिता का नाम,  #लंकापति रावण,  #लंकापति रावण के तपस्या करने का कारण  
................... विज्ञापन ...................

ट्रेंडिंग टापिक

#सपने में घर की छत गिरते देखना #पुरुष की बायीं भुजा फड़कना #सपने में खुद को शौच करते देखना #Chipkali Ka Peshab Karna #सपने में इमारत का गिरना #Sapne Me Pita Ko Bimar Dekhna #Chipkali Ka Zameen Par Girna #जामवंत की पत्नी का नाम क्या था #Gems Stone (रत्न स्टोन) #Dream Meaning (स्वप्न फल)

पॉपुलर पोस्ट

  • List of Famous Indian Festival
  • Complete List of Indian Festival
  • ये 10 सपने बताते हैं घर में आने वाली है बड़ी खुशी
  • यह 10 सपने धन हान‌ि का संकेत माने जाते हैं
  • इन 10 अंगों पर छ‌िपकली का ग‌िरना अशुभ, यह होता है अंजाम
  • जानिए शरीर के किस अंग के फड़कने का क्या होता है मतलब !
  • जाने आखिर कैसे हुआ था रीछ मानव जामवन्त का जन्म, तथा उनसे जुड़े अनोखे राज !
  • एक रहस्य, ‘ब्रह्मा’ ने किया था अपनी ही पुत्री ‘सरस्वती’ से विवाह !

नया पोस्ट

  • वेलेंटाइन डे पर आजमाएं ज्योतिष के ये टोटके, मिलेगा मनचाहा वेलेंटाइन
  • नवरात्री साल में दो बार क्‍यूं मनाई जाती है?
  • आइये जाने मां दुर्गा की उत्‍पत्ति की कहानी !
  • नवरात्रों में ये 9 काम से परहेज रखनी चाहिए !
  • नवरात्रों में माता को प्रसन्न करने के ये 5 टोटके जो आपके जीवन को खुशियों से भर देंगे !
  • इस पूरे नवरात्र करें 10 महाविद्या की उपासना ! आपके सभी कार्य होंगे सिद्ध !
  • सिंह माता दुर्गा की सवारी कैसे बना ये जानकार हैरान हो जायेंगे आप!
  • होलिका दहन 2021 शुभ मुहूर्त!
  • होलिका दहन क्‍यों किया जाता है, जानें ?
  • आपकी हर इच्छा हो जाएगी पूरी, होलिका दहन की रात करें ये खास उपाय
  • होली की रात को किए जाने वाले कुछ ज्योतिष उपाय
  • होली की रात आजमाएं काली हल्दी के टोटके
  • होली पर आजमाएं धन और स्वास्थ्य के टोटके
  • होली की रात आजमाएं ये टोटके, हो जाएंगे मालामाल
  • धन वृद्घि के 5 टोटके आजमाएं इस होली के मौके पर

© Copyright 2022, Indian Spiritual: All about the spiritual news articles from around the globe in Hindi. All rights reserved.
Our Group Sites: Gotals | PardaPhash News | Holiday Travel