देखा जाए तो अपने देश में ऐसे बहुत से वीर पैदा हुए हैं जिनकी बहादुरी के किस्से आज भी जगह-जगह सुनाये जाते हैं. ऐसे ही दो वीर भाई थे आल्हा-उदल. इन दो वीर भाइयों के किस्से आज भी उत्तर भारत में सुनाये और गाये जाते हैं.Mystery Here Bells Ring And Water Fills Up Automatically in…
देखा जाए तो अपने देश में ऐसे बहुत से वीर पैदा हुए हैं जिनकी बहादुरी के किस्से आज भी जगह-जगह सुनाये जाते हैं. ऐसे ही दो वीर भाई थे आल्हा-उदल. इन दो वीर भाइयों के किस्से आज भी उत्तर भारत में सुनाये और गाये जाते हैं.
कहा जाता है जिन मंदिरों में ये भाई पूजा करने के लिए जाते थे, आज भी उन मंदिरों में अजीबो-गरीब घटनाएं घटती रहती हैं. आज हम आपको उसी मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जहां आल्हा-उदल पूजा करने के लिए जाते थे.
इस मंदिर में आज भी कई प्रकार की रहस्यमय घटनाएं घटती हैं. जैसे कभी यहां पर मंदिर के घंटे अपने आप बजने लगते हैं या कभी मंदिर का परिसर अपने आप ही पानी से भर जाता है. जानकारी के लिए बता दें कि यह मंदिर उत्तर प्रदेश के झांसी में स्थित है और महोबा नामक स्थान के पास है. लोग इस मंदिर को “मां चंडिका देवी मंदिर” के नाम से जानते हैं.
यह मंदिर 831 ई. में महोबा के महाराज कीर्ति चंद्र वर्मन ने बनवाया था. इस मंदिर में चंडिका देवी की 10 फ़ीट ऊंची प्रतिमा लगी है मंदिर के पुजारी का कहना है कि आल्हा-उदल किसी भी युद्ध में जाने से पहले इस मंदिर में आशीर्वाद लेने के लिए जरूर आते थे इस मंदिर में दर्जनों छोटे-बड़े घंटे लगे हुए हैं जो कभी भी अपने आप बजने लगते हैं और चंडिका देवी की प्रतिमा के आस-पास पानी भर जाता है इस प्रकार की रहस्यमय घटनाओं का अभी तक कुछ पता नहीं चल पाया है.
मंदिर के पुजारी का कहना है कि आज भी इस मंदिर में आल्हा-उदल आते हैं. उनको मैहर की देवी ने अमर होने का वरदान दिया था आज भी मंदिर के घंटे अचानक बजने लगते हैं और मंदिर परिसर पानी से भर जाता है. लोगों का कहना है कि यह मंदिर आल्हा-उदल की कुल देवी का था. इस मंदिर में रात को कोई भी नहीं रुकता है.
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