Indian Spiritual
  • होम
  • लोकप्रिय
  • धार्मिक तथ्य
  • धार्मिक कथा
  • धार्मिक स्थान
  • ज्योतिष
  • ग्रंथ
  • हस्त रेखाएं
  • व्रत त्योहार
  • तंत्र-मंत्र-यंत्र
  • वार्षिक राशिफल 2021
होम | धार्मिक तथ्य | शिव तांडव स्तोत्र – शिवजी को प्रसन्न करने के लिए रावण ने करी थी इसकी रचना

शिव तांडव स्तोत्र – शिवजी को प्रसन्न करने के लिए रावण ने करी थी इसकी रचना

शिव तांडव स्तोत्र – शिवजी को प्रसन्न करने के लिए रावण ने करी थी इसकी रचना
In धार्मिक तथ्य
  • Share on Facebook
  • Share on Twitter
  • Share on Email
  • Share on Whatsapp
  • Share on Facebook
  • Share on Twitter

यद्धपि रावण का जन्म एक राकक्ष कुल में हुआ था, परन्तु एक ऋषि पुत्र होने के कारण वो अत्यंत विद्वान था। उसने रावण संहिता और शिव तांडव स्तोत्र सहित अनेक ग्रंथो की रचना की थी। आज हम आपको रावण द्वारा रचित शिव तांडव स्तोत्र के बारे में बताएँगे, जिसकी रचना उन्होंने शिवजी को प्रसन्न करने…

यद्धपि रावण का जन्म एक राकक्ष कुल में हुआ था, परन्तु एक ऋषि पुत्र होने के कारण वो अत्यंत विद्वान था। उसने रावण संहिता और शिव तांडव स्तोत्र सहित अनेक ग्रंथो की रचना की थी। आज हम आपको रावण द्वारा रचित शिव तांडव स्तोत्र के बारे में बताएँगे, जिसकी रचना उन्होंने शिवजी को प्रसन्न करने के लिए की थी।

Ode Orgy To Please Shiva Shiva Ravana Was Composed Curry in Hindi :-

कथा
एक बार रावण ने अपनी शक्ति के मद में शिवजी के कैलाश पर्वत को ही उठा लिया था। उस समय भोलेनाथ ने मात्र अपने पैर के अंगूठे से ही कैलाश पर्वत का भार बढ़ा दिया और रावण उसे अधिक समय तक उठा नहीं सका। इस दौरान रावण का हाथ पर्वत के नीचे फंस गया। बहुत प्रयत्न के बाद भी रावण अपना हाथ वहां से नहीं निकाल सका। तब रावण ने शिवजी को प्रसन्न करने के लिए उसी समय शिव तांडव स्रोत रच दिया। शिवजी इस स्रोत से बहुत प्रसन्न हो गए।

॥ अथ रावण कृत शिव तांडव स्तोत्र ॥

{ पढ़ें :- रावण ने मरते वक्त लक्ष्मण को बताई थी ये 3 बाते जो आज भी है बड़े काम की। }

जटाटवीग लज्जलप्रवाहपावितस्थले
गलेऽवलम्ब्यलम्बितां भुजंगतुंगमालिकाम्‌।

डमड्डमड्डमड्डम न्निनादवड्डमर्वयं
चकार चंडतांडवं तनोतु नः शिवः शिवम ॥1॥

सघन जटामंडल रूप वन से प्रवाहित होकर श्री गंगाजी की धाराएँ जिन शिवजी के पवित्र कंठ प्रदेश को प्रक्षालित (धोती) करती हैं, और जिनके गले में लंबे-लंबे बड़े-बड़े सर्पों की मालाएँ लटक रही हैं तथा जो शिवजी डमरू को डम-डम बजाकर प्रचंड तांडव नृत्य करते हैं, वे शिवजी हमारा कल्याण करें।

जटा कटा हसंभ्रम भ्रमन्निलिंपनिर्झरी ।
विलोलवी चिवल्लरी विराजमानमूर्धनि ।

{ पढ़ें :- तो इस वजह से चढ़ाते है हनुमान जी को सिंदूर का चोला ! }

धगद्धगद्ध गज्ज्वलल्ललाट पट्टपावके
किशोरचंद्रशेखरे रतिः प्रतिक्षणं ममं ॥2॥

अति अम्भीर कटाहरूप जटाओं में अतिवेग से विलासपूर्वक भ्रमण करती हुई देवनदी गंगाजी की चंचल लहरें जिन शिवजी के शीश पर लहरा रही हैं तथा जिनके मस्तक में अग्नि की प्रचंड ज्वालाएँ धधक कर प्रज्वलित हो रही हैं, ऐसे बाल चंद्रमा से विभूषित मस्तक वाले शिवजी में मेरा अनुराग (प्रेम) प्रतिक्षण बढ़ता रहे।

धरा धरेंद्र नंदिनी विलास बंधुवंधुर-
स्फुरदृगंत संतति प्रमोद मानमानसे ।

कृपाकटा क्षधारणी निरुद्धदुर्धरापदि
कवचिद्विगम्बरे मनो विनोदमेतु वस्तुनि ॥3॥

पर्वतराजसुता के विलासमय रमणीय कटाक्षों से परम आनंदित चित्त वाले (माहेश्वर) तथा जिनकी कृपादृष्टि से भक्तों की बड़ी से बड़ी विपत्तियाँ दूर हो जाती हैं, ऐसे (दिशा ही हैं वस्त्र जिसके) दिगम्बर शिवजी की आराधना में मेरा चित्त कब आनंदित होगा।

{ पढ़ें :- अनेक बुराइयों के बावजूद रावण में थी यह 11 अच्छाइयां ! }

जटा भुजं गपिंगल स्फुरत्फणामणिप्रभा-
कदंबकुंकुम द्रवप्रलिप्त दिग्वधूमुखे ।

मदांध सिंधु रस्फुरत्वगुत्तरीयमेदुरे
मनो विनोदद्भुतं बिंभर्तु भूतभर्तरि ॥4॥

जटाओं में लिपटे सर्प के फण के मणियों के प्रकाशमान पीले प्रभा-समूह रूप केसर कांति से दिशा बंधुओं के मुखमंडल को चमकाने वाले, मतवाले, गजासुर के चर्मरूप उपरने से विभूषित, प्राणियों की रक्षा करने वाले शिवजी में मेरा मन विनोद को प्राप्त हो।

सहस्र लोचन प्रभृत्य शेषलेखशेखर-
प्रसून धूलिधोरणी विधूसरांघ्रिपीठभूः ।

भुजंगराज मालया निबद्धजाटजूटकः
श्रिये चिराय जायतां चकोर बंधुशेखरः ॥5॥

इंद्रादि समस्त देवताओं के सिर से सुसज्जित पुष्पों की धूलिराशि से धूसरित पादपृष्ठ वाले सर्पराजों की मालाओं से विभूषित जटा वाले प्रभु हमें चिरकाल के लिए सम्पदा दें।

{ पढ़ें :- रावण ने मंदोदरी को बताए थे ‘स्त्रियों के 8 अवगुण’ }

ललाट चत्वरज्वलद्धनंजयस्फुरिगभा-
निपीतपंचसायकं निमन्निलिंपनायम्‌ ।

सुधा मयुख लेखया विराजमानशेखरं
महा कपालि संपदे शिरोजयालमस्तू नः ॥6॥

इंद्रादि देवताओं का गर्व नाश करते हुए जिन शिवजी ने अपने विशाल मस्तक की अग्नि ज्वाला से कामदेव को भस्म कर दिया, वे अमृत किरणों वाले चंद्रमा की कांति तथा गंगाजी से सुशोभित जटा वाले, तेज रूप नर मुंडधारी शिवजीहमको अक्षय सम्पत्ति दें।

कराल भाल पट्टिकाधगद्धगद्धगज्ज्वल-
द्धनंजया धरीकृतप्रचंडपंचसायके ।

धराधरेंद्र नंदिनी कुचाग्रचित्रपत्रक-
प्रकल्पनैकशिल्पिनि त्रिलोचने मतिर्मम ॥7॥

जलती हुई अपने मस्तक की भयंकर ज्वाला से प्रचंड कामदेव को भस्म करने वाले तथा पर्वत राजसुता के स्तन के अग्रभाग पर विविध भांति की चित्रकारी करने में अति चतुर त्रिलोचन में मेरी प्रीति अटल हो।

नवीन मेघ मंडली निरुद्धदुर्धरस्फुर-
त्कुहु निशीथिनीतमः प्रबंधबंधुकंधरः ।

{ पढ़ें :- खंडित शिवलिंग की पूजा हो सकती है पर खंडित शिव मूर्ति की नहीं, जाने क्यों ? }

निलिम्पनिर्झरि धरस्तनोतु कृत्ति सिंधुरः
कलानिधानबंधुरः श्रियं जगंद्धुरंधरः ॥8॥

नवीन मेघों की घटाओं से परिपूर्ण अमावस्याओं की रात्रि के घने अंधकार की तरह अति गूढ़ कंठ वाले, देव नदी गंगा को धारण करने वाले, जगचर्म से सुशोभित, बालचंद्र की कलाओं के बोझ से विनम, जगत के बोझ को धारण करने वाले शिवजी हमको सब प्रकार की सम्पत्ति दें।

प्रफुल्ल नील पंकज प्रपंचकालिमच्छटा-
विडंबि कंठकंध रारुचि प्रबंधकंधरम्‌

स्मरच्छिदं पुरच्छिंद भवच्छिदं मखच्छिदं
गजच्छिदांधकच्छिदं तमंतकच्छिदं भजे ॥9॥

फूले हुए नीलकमल की फैली हुई सुंदर श्याम प्रभा से विभूषित कंठ की शोभा से उद्भासित कंधे वाले, कामदेव तथा त्रिपुरासुर के विनाशक, संसार के दुखों के काटने वाले, दक्षयज्ञविध्वंसक, गजासुरहंता, अंधकारसुरनाशक और मृत्यु के नष्ट करने वाले श्री शिवजी का मैं भजन करता हूँ।

अगर्वसर्वमंगला कलाकदम्बमंजरी-
रसप्रवाह माधुरी विजृंभणा मधुव्रतम्‌ ।

स्मरांतकं पुरातकं भावंतकं मखांतकं
गजांतकांधकांतकं तमंतकांतकं भजे ॥10॥

कल्याणमय, नाश न होने वाली समस्त कलाओं की कलियों से बहते हुए रस की मधुरता का आस्वादन करने में भ्रमररूप, कामदेव को भस्म करने वाले, त्रिपुरासुर, विनाशक, संसार दुःखहारी, दक्षयज्ञविध्वंसक, गजासुर तथा अंधकासुर को मारनेवाले और यमराज के भी यमराज श्री शिवजी का मैं भजन करता हूँ।

{ पढ़ें :- जानिए आरती के बाद क्यों बोलते हैं कर्पूरगौरं मंत्र }

जयत्वदभ्रविभ्रम भ्रमद्भुजंगमस्फुर-
द्धगद्धगद्वि निर्गमत्कराल भाल हव्यवाट्-

धिमिद्धिमिद्धिमि नन्मृदंगतुंगमंगल-
ध्वनिक्रमप्रवर्तित प्रचण्ड ताण्डवः शिवः ॥11॥

अत्यंत शीघ्र वेगपूर्वक भ्रमण करते हुए सर्पों के फुफकार छोड़ने से क्रमशः ललाट में बढ़ी हुई प्रचंड अग्नि वाले मृदंग की धिम-धिम मंगलकारी उधा ध्वनि के क्रमारोह से चंड तांडव नृत्य में लीन होने वाले शिवजी सब भाँति से सुशोभित हो रहे हैं।

दृषद्विचित्रतल्पयोर्भुजंग मौक्तिकमस्रजो-
र्गरिष्ठरत्नलोष्टयोः सुहृद्विपक्षपक्षयोः ।

तृणारविंदचक्षुषोः प्रजामहीमहेन्द्रयोः
समं प्रवर्तयन्मनः कदा सदाशिवं भजे ॥12॥

कड़े पत्थर और कोमल विचित्र शय्या में सर्प और मोतियों की मालाओं में मिट्टी के टुकड़ों और बहुमूल्य रत्नों में, शत्रु और मित्र में, तिनके और कमललोचननियों में, प्रजा और महाराजाधिकराजाओं के समान दृष्टि रखते हुए कब मैं शिवजी का भजन करूँगा।

कदा निलिंपनिर्झरी निकुजकोटरे वसन्‌
विमुक्तदुर्मतिः सदा शिरःस्थमंजलिं वहन्‌ ।

विमुक्तलोललोचनो ललामभाललग्नकः
शिवेति मंत्रमुच्चरन्‌ कदा सुखी भवाम्यहम्‌ ॥13॥

कब मैं श्री गंगाजी के कछारकुंज में निवास करता हुआ, निष्कपटी होकर सिर पर अंजलि धारण किए हुए चंचल नेत्रों वाली ललनाओं में परम सुंदरी पार्वतीजी के मस्तक में अंकित शिव मंत्र उच्चारण करते हुए परम सुख को प्राप्त करूँगा।

{ पढ़ें :- रामायण में वर्णित पुष्पक विमान क्या है? }

निलिम्प नाथनागरी कदम्ब मौलमल्लिका-
निगुम्फनिर्भक्षरन्म धूष्णिकामनोहरः ।

तनोतु नो मनोमुदं विनोदिनींमहनिशं
परिश्रय परं पदं तदंगजत्विषां चयः ॥14॥

देवांगनाओं के सिर में गूँथे पुष्पों की मालाओं के झड़ते हुए सुगंधमय पराग से मनोहर, परम शोभा के धाम महादेवजी के अंगों की सुंदरताएँ परमानंदयुक्त हमारेमन की प्रसन्नता को सर्वदा बढ़ाती रहें।

प्रचण्ड वाडवानल प्रभाशुभप्रचारणी
महाष्टसिद्धिकामिनी जनावहूत जल्पना ।

विमुक्त वाम लोचनो विवाहकालिकध्वनिः
शिवेति मन्त्रभूषगो जगज्जयाय जायताम्‌ ॥15॥

प्रचंड बड़वानल की भाँति पापों को भस्म करने में स्त्री स्वरूपिणी अणिमादिक अष्ट महासिद्धियों तथा चंचल नेत्रों वाली देवकन्याओं से शिव विवाह समय में गान की गई मंगलध्वनि सब मंत्रों में परमश्रेष्ठ शिव मंत्र से पूरित, सांसारिक दुःखों को नष्ट कर विजय पाएँ।

इमं हि नित्यमेव मुक्तमुक्तमोत्तम स्तवं
पठन्स्मरन्‌ ब्रुवन्नरो विशुद्धमेति संततम्‌ ।

हरे गुरौ सुभक्तिमाशु याति नांयथा गतिं
विमोहनं हि देहना तु शंकरस्य चिंतनम ॥16॥

इस परम उत्तम शिवतांडव श्लोक को नित्य प्रति मुक्तकंठ सेपढ़ने से या श्रवण करने से संतति वगैरह से पूर्ण हरि और गुरु मेंभक्ति बनी रहती है। जिसकी दूसरी गति नहीं होती शिव की ही शरण में रहता है।

पूजाऽवसानसमये दशवक्रत्रगीतं
यः शम्भूपूजनमिदं पठति प्रदोषे ।

{ पढ़ें :- वामन पुराण: शिव-पार्वती पुत्र था राक्षस अंधक, इस तरह हुआ था जन्म }

तस्य स्थिरां रथगजेंद्रतुरंगयुक्तां
लक्ष्मी सदैव सुमुखीं प्रददाति शम्भुः ॥17॥

शिव पूजा के अंत में इस रावणकृत शिव तांडव स्तोत्र का प्रदोष समय में गान करने से या पढ़ने से लक्ष्मी स्थिर रहती है। रथ गज-घोड़े से सर्वदा युक्त रहता है।

॥ इति शिव तांडव स्तोत्रं संपूर्णम्‌ ॥


धार्मिक तथ्य और भारतीय संस्कृति संबंधित ख़बरें

  1. क्‍या है शिवलिंग पर दूध चढ़ाने का वैज्ञानिक रहस्‍य?

  2. जानिये आखिर कहाँ जाती है गंगा में विसर्जित की जाने वाली अस्थियाँ

  3. जाने मृत्यु के बाद जीवन के बारे में हैरान कर देने वाली अनसुनी बातें

  4. एक रहस्य, ‘ब्रह्मा’ ने किया था अपनी ही पुत्री ‘सरस्वती’ से विवाह !

यह आलेख निम्नलिखित के बारे में जानकारी प्रदान करता है : ravana,  ravana krutha shiva tandava stotram,  shiv tandav audio,  shiv tandav ringtone,  shiv tandav stotram in hindi,  shiv tandav stotram pdf,  shiv tandav stotram video download,  shiv tandav video download,  shiva,  Shiva orgy hymnal,  shiva tandava stotram by ravana,  shiva tandava stotram in tamil mp3 download,  uma mohan shiva tandava stotram,  रावण,  रावण का इतिहास,  रावण का गांव,  रावण का गोत्र क्या था,  रावण का जन्म स्थान,  रावण का जन्म स्थान कहाँ है,  रावण किस जाति का था,  रावण की कहानी,  रावण की जाति क्या थी,  रावण के माता पिता का नाम,  शिव तांडव वीडियो डाउनलोड,  शिव तांडव स्तोत्र,  शिव तांडव स्तोत्र pdf,  शिव तांडव स्तोत्र हिंदी pdf download,  शिव तांडव स्तोत्रम रिंगटोन,  शिव तांडव स्तोत्रम लिरिक्स इन हिंदी,  शिव तांडव स्त्रोत के लाभ,  शिवजी  

2012-02-06T22:03:13+05:30
Indian Spiritual Team
Indian Spiritual
Tags: #ravana,  #ravana krutha shiva tandava stotram,  #shiv tandav audio,  #shiv tandav ringtone,  #shiv tandav stotram in hindi,  #shiv tandav stotram pdf,  #shiv tandav stotram video download,  #shiv tandav video download,  #shiva,  #Shiva orgy hymnal,  #shiva tandava stotram by ravana,  #shiva tandava stotram in tamil mp3 download,  #uma mohan shiva tandava stotram,  #रावण,  #रावण का इतिहास,  #रावण का गांव,  #रावण का गोत्र क्या था,  #रावण का जन्म स्थान,  #रावण का जन्म स्थान कहाँ है,  #रावण किस जाति का था,  #रावण की कहानी,  #रावण की जाति क्या थी,  #रावण के माता पिता का नाम,  #शिव तांडव वीडियो डाउनलोड,  #शिव तांडव स्तोत्र,  #शिव तांडव स्तोत्र pdf,  #शिव तांडव स्तोत्र हिंदी pdf download,  #शिव तांडव स्तोत्रम रिंगटोन,  #शिव तांडव स्तोत्रम लिरिक्स इन हिंदी,  #शिव तांडव स्त्रोत के लाभ,  #शिवजी  
................... विज्ञापन ...................

ट्रेंडिंग टापिक

#सपने में घर की छत गिरते देखना #पुरुष की बायीं भुजा फड़कना #सपने में खुद को शौच करते देखना #Chipkali Ka Peshab Karna #सपने में इमारत का गिरना #Sapne Me Pita Ko Bimar Dekhna #Chipkali Ka Zameen Par Girna #जामवंत की पत्नी का नाम क्या था #Gems Stone (रत्न स्टोन) #Dream Meaning (स्वप्न फल)

पॉपुलर पोस्ट

  • List of Famous Indian Festival
  • Complete List of Indian Festival
  • ये 10 सपने बताते हैं घर में आने वाली है बड़ी खुशी
  • यह 10 सपने धन हान‌ि का संकेत माने जाते हैं
  • इन 10 अंगों पर छ‌िपकली का ग‌िरना अशुभ, यह होता है अंजाम
  • जानिए शरीर के किस अंग के फड़कने का क्या होता है मतलब !
  • जाने आखिर कैसे हुआ था रीछ मानव जामवन्त का जन्म, तथा उनसे जुड़े अनोखे राज !
  • एक रहस्य, ‘ब्रह्मा’ ने किया था अपनी ही पुत्री ‘सरस्वती’ से विवाह !

नया पोस्ट

  • वेलेंटाइन डे पर आजमाएं ज्योतिष के ये टोटके, मिलेगा मनचाहा वेलेंटाइन
  • नवरात्री साल में दो बार क्‍यूं मनाई जाती है?
  • आइये जाने मां दुर्गा की उत्‍पत्ति की कहानी !
  • नवरात्रों में ये 9 काम से परहेज रखनी चाहिए !
  • नवरात्रों में माता को प्रसन्न करने के ये 5 टोटके जो आपके जीवन को खुशियों से भर देंगे !
  • इस पूरे नवरात्र करें 10 महाविद्या की उपासना ! आपके सभी कार्य होंगे सिद्ध !
  • सिंह माता दुर्गा की सवारी कैसे बना ये जानकार हैरान हो जायेंगे आप!
  • होलिका दहन 2021 शुभ मुहूर्त!
  • होलिका दहन क्‍यों किया जाता है, जानें ?
  • आपकी हर इच्छा हो जाएगी पूरी, होलिका दहन की रात करें ये खास उपाय
  • होली की रात को किए जाने वाले कुछ ज्योतिष उपाय
  • होली की रात आजमाएं काली हल्दी के टोटके
  • होली पर आजमाएं धन और स्वास्थ्य के टोटके
  • होली की रात आजमाएं ये टोटके, हो जाएंगे मालामाल
  • धन वृद्घि के 5 टोटके आजमाएं इस होली के मौके पर

© Copyright 2022, Indian Spiritual: All about the spiritual news articles from around the globe in Hindi. All rights reserved.
Our Group Sites: Gotals | PardaPhash News | Holiday Travel