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होम | व्रत त्योहार | पितृ पक्ष | Pitru Paksha 2020 Date: जानिये कौन सा श्राद्ध किस दिन है?

Pitru Paksha 2020 Date: जानिये कौन सा श्राद्ध किस दिन है?

Pitru Paksha 2020 Date: जानिये कौन सा श्राद्ध किस दिन है?
In पितृ पक्ष, व्रत त्योहार
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Pitru Paksha 2020 Date: पितृ पक्ष के दौरान लोग अपने पूर्वजों का तर्पण कराते हैं और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करते हैं. ऐसी मान्यता है कि जो लोग पितृ पक्ष में पूर्वजों का तर्पण नहीं कराते, उन्हें पितृदोष लगता है. इससे मुक्ति पाने का सबसे आसान उपाय पितरों का श्राद्ध कराना है….

Pitru Paksha 2020 Date: पितृ पक्ष के दौरान लोग अपने पूर्वजों का तर्पण कराते हैं और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करते हैं. ऐसी मान्यता है कि जो लोग पितृ पक्ष में पूर्वजों का तर्पण नहीं कराते, उन्हें पितृदोष लगता है. इससे मुक्ति पाने का सबसे आसान उपाय पितरों का श्राद्ध कराना है. श्राद्ध करने के बाद ही पितृदोष से मुक्ति मिलती है.

Pitra Paksh Date When Pitra Paksha Begins Shradh Date in Hindi :-

साल 2020 में पितृ-पक्ष 24 सितंबर 2020 सोमवार से शुरू हो रहा है. यह 8 अक्टूबर 2020 सोमवार तक रहेगा.

Pitru Paksha 2020 Date

  • 24 सितंबर 2020 सोमवार पूर्णिमा श्राद्ध
  • 25 सितंबर 2020 मंगलवार प्रतिपदा श्राद्ध
  • 26 सितंबर 2020 बुधवार द्वितीय श्राद्ध
  • 27 सितंबर 2020 गुरुवार तृतीय श्राद्ध
  • 28 सितंबर 2020 शुक्रवार चतुर्थी श्राद्ध
  • 29 सितंबर 2020 शनिवार पंचमी श्राद्ध
  • 30 सितंबर 2020 रविवार षष्ठी श्राद्ध
  • 1 अक्टूबर 2020 सोमवार सप्तमी श्राद्ध
  • 2 अक्टूबर 2020 मंगलवार अष्टमी श्राद्ध
  • 3 अक्टूबर 2020 बुधवार नवमी श्राद्ध
  • 4 अक्टूबर 2020 गुरुवार दशमी श्राद्ध
  • 5 अक्टूबर 2020 शुक्रवार एकादशी श्राद्ध
  • 6 अक्टूबर 2020 शनिवार द्वादशी श्राद्ध
  • 7 अक्टूबर 2020 रविवार त्रयोदशी श्राद्ध, चतुर्दशी श्राद्ध
  • 8 अक्टूबर 2020 सोमवार सर्वपितृ अमावस्या, महालय अमावस्या

महालय अमावस्या :

पितृ पक्ष के सबसे आखिरी दिन को महालय अमावस्या के नाम से जाना जाता है. इसे सर्वपितृ अमावस्या भी कहते हैं. क्योंकि इस दिन उन सभी मृत पूर्वजों का तर्पण करवाते हैं, जिनका किसी न किसी रूप में हमारे जीवन में योगदान रहा है. इस दिन उनके प्रति आभार प्रक्रट करते हैं और उनसे अपनी गलतियों की माफी मांगते हैं. इस दिन किसी भी मृत व्यक्ति का श्राद्ध किया जा सकता है. खासतौर से वह लोग जो अपने मृत पूर्वजों की तिथि नहीं जानते, वह इस दिन तर्पण करा सकते हैं.

{ पढ़ें :- श्राद्ध की वस्तुएं पितरों को कैसे मिलती हैं?  }

2020 में कौन सा श्राद्ध किस दिन है?

पहला श्राद्ध : (24 सितंबर 2020, सोमवार)

  • तिथि – पूर्णिमा
  • श्राद्ध करने का सही समय
    • कुतुप मुहूर्त = 11:48 से 12:36 तक
    • रौहिण मुहूर्त = 12:36 से 13:24 तक
    • अपराह्न काल = 13:24 से 15:48 तक
  • किसके लिए : जिनकी मृत्यु पूर्णिमा तिथि को हुई हो।

दूसरा श्राद्ध : (25 सितंबर 2020, मंगलवार)

  • तिथि – प्रतिपदा
  • श्राद्ध करने का सही समय
    • कुतुप मुहूर्त = 11:48 से 12:36 तक
    • रोहिण मुहूर्त = 12:36 से 13:24 तक
    • अपराह्न काल = 13:24 से 15:47 तक
  • किसके लिए : जिनकी मृत्यु प्रतिपदा तिथि को हुई हो। नानी-नाना का श्राद्ध भी इस दिन किया जा सकता है।

तीसरा श्राद्ध : (26 सितंबर 2020, बुधवार)

  • तिथि – द्वितीय
  • श्राद्ध करने का सही समय
    • कुतुप मुहूर्त = 11:48 से 12:36 तक
    • रोहिण मुहूर्त = 12:36 से 13:23 तक
    • अपराह्न काल = 13:23 से 15:46 तक
  • किसके लिए : जिनकी मृत्यु द्वितीय तिथि को हुई हो।

चौथा श्राद्ध : (27 सितंबर 2020, गुरुवार)

  • तिथि – तृतीय
  • श्राद्ध करने का सही समय
    • कुतुप मुहूर्त = 11:48 से 12:35 तक
    • रोहिण मुहूर्त = 12:35 से 13:23 तक
    • अपराह्न काल = 13:23 से 15:45 तक
  • किसके लिए : जिनकी मृत्यु तृतीय तिथि को हुई हो।

पांचवा श्राद्ध : (28 सितंबर 2020, शुक्रवार)

  • तिथि – चतुर्थी
  • श्राद्ध करने का सही समय
    • कुतुप मुहूर्त = 11:47 से 12:35 तक
    • रोहिण मुहूर्त = 12:35 से 13:22 तक
    • अपराह्न काल = 13:22 से 15:44 तक
  • किसके लिए : जिनकी मृत्यु चतुर्थी तिथि को हुई हो।

छठा श्राद्ध :  (29 सितंबर 2020, शनिवार)

  • तिथि – पंचमी
  • श्राद्ध करने का सही समय
    • कुतुप मुहूर्त = 11:47 से 12:34 तक
    • रोहिण मुहूर्त = 12:34 से 13:22 तक
    • अपराह्न काल = 13:22 से 15:43 तक
  • किसके लिए : जिनकी मृत्यु पंचमी तिथि को हुई हो। यह श्राद्ध उन परिवारजनों के लिए भी किया जाता है जिनकी मृत्यु कुवारेंपन में हुई हो। इसलिए इसे कुंवारा पंचमी श्राद्ध भी कहा जाता है।

सातवां श्राद्ध : (30 सितंबर 2020, रविवार)

  • तिथि – षष्ठी
  • श्राद्ध करने का सही समय
    • कुतुप मुहूर्त = 11:47 से 12:34 तक
    • रोहिण मुहूर्त = 12:34 से 13:21 तक
    • अपराह्न काल = 13:21 से 15:43 तक
  • किसके लिए : जिनकी मृत्यु षष्ठी तिथि को हुई हो।

आठवां श्राद्ध :  (1 अक्टूबर 2020, सोमवार)

  • तिथि – सप्तमी
  • श्राद्ध करने का सही समय
    • कुतुप मुहूर्त = 11:47 से 12:34 तक
    • रोहिण मुहूर्त = 12:34 से 13:21 तक
    • अपराह्न काल = 13:21 से 15:42 तक
  • किसके लिए : जिनकी मृत्यु सप्तमी तिथि को हुई हो।

नौवां श्राद्ध : (2 अक्टूबर 2020, मंगलवार)

  • तिथि – अष्टमी
  • श्राद्ध करने का सही समय
    • कुतुप मुहूर्त = 11:46 से 12:33 तक
    • रोहिण मुहूर्त = 12:33 से 13:20 तक
    • अपराह्न काल = 13:20 से 15:41 तक
  • किसके लिए : जिनकी मृत्यु अष्टमी तिथि को हुई हो।

दसवां श्राद्ध : (3 अक्टूबर 2020, बुधवार)

  • तिथि – नवमी
  • श्राद्ध करने का सही समय
    • कुतुप मुहूर्त = 11:46 से 12:33 तक
    • रोहिण मुहूर्त = 12:33 से 13:20 तक
    • अपराह्न काल = 13:20 से 15:40 तक
  • किसके लिए : जिनकी मृत्यु नवमी तिथि को हुई हो। इस दिन को मुख्य रूप से माताओं और परिवार की सभी स्त्रियों के श्राद्ध के लिए भी उचित माना जाता है। इसलिए इसे मातृनवमी भी कहा जाता है।

ग्यारहवां श्राद्ध : (4 अक्टूबर 2020, गुरुवार)

  • तिथि – दशमी
  • श्राद्ध करने का सही समय
    • कुतुप मुहूर्त = 11:46 से 12:32 तक
    • रोहिण मुहूर्त = 12:32 से 13:19 तक
    • अपराह्न काल = 13:19 से 15:39 तक
  • किसके लिए : जिनकी मृत्यु दशमी तिथि को हुई हो।

बारहवां श्राद्ध : (5 अक्टूबर 2020, शुक्रवार)

  • तिथि – एकादशी (ग्यारस श्राद्ध)
  • श्राद्ध करने का सही समय
    • कुतुप मुहूर्त = 11:45 से 12:32 तक
    • रोहिण मुहूर्त = 12:32 से 13:19 तक
    • अपराह्न काल = 13:19 से 15:39 तक
  • किसके लिए : जिनकी मृत्यु एकादशी तिथि को हुई हो।

तेरहवां श्राद्ध : (6 अक्टूबर 2020, शनिवार)

  • तिथि – द्वादशी
  • श्राद्ध करने का सही समय
    • कुतुप मुहूर्त = 11:45 से 12:32 तक
    • रोहिण मुहूर्त = 12:32 से 13:18 तक
    • अपराह्न काल = 13:18 से 15:38 तक
  • किसके लिए : जिनकी मृत्यु द्वादशी तिथि को हुई हो। इस दिन उन लोगों का श्राद्ध भी किया जाता है जिन्होंने मृत्यु से पूर्व सन्यास ले लिया हो।

चौदहवां श्राद्ध : (7 अक्टूबर 2020, शनिवार)

  • तिथि – त्रयोदशी
  • श्राद्ध करने का सही समय
    • कुतुप मुहूर्त = 11:45 से 12:31 तक
    • रोहिण मुहूर्त = 12:31 से 13:18 तक
    • अपराह्न काल = 13:18 से 15:37 तक
  • किसके लिए : जिनकी मृत्यु त्रयोदशी तिथि को हुई हो। घर के मृत बच्चों का श्राद्ध करने के लिए भी इस दिन को शुभ माना जाता है।

पंद्रहवां श्राद्ध : (7 अक्टूबर 2020, रविवार)

  • तिथि – चतुर्दशी
  • श्राद्ध करने का सही समय
    • कुतुप मुहूर्त = 11:45 से 12:31 तक
    • रोहिण मुहूर्त = 12:31 से 13:18 तक
    • अपराह्न काल = 13:18 से 15:37 तक
  • किसके लिए : चतुर्दशी तिथि का श्राद्ध केवल उनकी मृतजनों के लिए करना चाहिए जिनकी मृत्यु किसी हथियार से हुई हो, उनका क़त्ल हुआ हो, जिन्होंने आत्महत्या की हो या उनकी मृत्यु किसी हादसे में हुई हो। इसके अलावा अगर किसी की मृत्यु चतुर्दशी तिथि को हुई है तो उनका श्राद्ध अमावस्या श्राद्ध तिथि को ही किया जाएगा।

सोलहवां और अंतिम श्राद्ध : (8 अक्टूबर 2020, सोमवार)

  • तिथि – अमावस्या
  • श्राद्ध करने का सही समय
    • कुतुप मुहूर्त = 11:45 से 12:31 तक
    • रोहिण मुहूर्त = 12:31 से 13:17 तक
    • अपराह्न काल = 13:17 से 15:36 तक
  • किसके लिए : जिनकी मृत्यु अमावस्या तिथि, पूर्णिमा तिथि और चतुर्दशी तिथि को हुई हो। इसके अतिरिक्त जिन लोगों को अपने मृत परिवारजनों की तिथि याद नहीं रहती उनका श्राद्ध भी इसी दिन किया जा सकता है। क्योंकि इसे सर्व पितृ अमावस्या भी कहते है।

पितृ पक्ष का आखिरी दिन ‘सर्वपित्रू अमावस्या या महालय अमावस्या’ के रूप में जाना जाता है, पितृ पक्ष 2020 का यह सबसे महत्वपूर्ण दिन है।


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2013-08-30T09:04:14+05:30
Indian Spiritual Team
Indian Spiritual
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