हिन्दू धर्म (hindu religion) में देवी-देवताओं की आराधना के लिए मूर्ति पूजा ही सबसे प्रमुख माध्यम है। हर मंदिर के गर्भगृह में मंदिर के इष्ट देव की मूर्ति की स्थापना अवश्य की जाती है, ताकि भक्त अपने ईश्वर (ishwar) से जुड़ पाये। हिदू धर्म के अनुयायियों के लिए, मंदिर (mandir) में ईश्वर के दर्शन करना…
यह आलेख निम्नलिखित के बारे में जानकारी प्रदान करता है : Durga and hindu religion and Krishna and Lord Kartikeya and Radha and Saraswati and shivling and कृष्ण and दुर्गा and भगवान कार्तिकेय and राधा and लक्ष्मी and शिवलिंग and सरस्वती and हिदू धर्म
हिन्दू धर्म (hindu religion) में देवी-देवताओं की आराधना के लिए मूर्ति पूजा ही सबसे प्रमुख माध्यम है। हर मंदिर के गर्भगृह में मंदिर के इष्ट देव की मूर्ति की स्थापना अवश्य की जाती है, ताकि भक्त अपने ईश्वर (ishwar) से जुड़ पाये। हिदू धर्म के अनुयायियों के लिए, मंदिर (mandir) में ईश्वर के दर्शन करना महत्वपूर्ण होता है।
उनके लिए, भगवान अनंत शक्ति और ताकत का स्त्रोत हैं, उनकी आराधना और वंदना के माध्यम से लोगों को प्रेरणा मिलती है और वो मुश्किलों से उभरना सीख लेते हैं। मूर्ति के सामने रहने से उन्हें बुरे काम न करने की शिक्षा मिलती है और सदैव अच्छे व नेक पथ पर चलने की प्रेरणा मिलती है। साथ ही लोगों का मन साफ रहता है।
शास्त्र इस बारे में क्या कहते हैं?
अगर हिंदू धर्म के शास्त्रों की बात करें तो हर घर में एक मंदिर होना चाहिए और घर में स्थापित मंदिर के लिए कुछ नियमों का पालन (follow the rules) भी अवश्य करना चाहिए।
आगे पढ़िये अगर आपके घर में मंदिर या पूजा कक्ष है तो हिंदू धर्म के शास्त्रों के अनुसार आपको निम्न बातों का ध्यान अवश्य रखना चाहिए।
अलग पूजा कक्ष बनवाएं
घर में यदि स्थान की कमी न हो, तो अलग से पूजा कक्ष का निर्माण करें। पूजा कक्ष के द्वार का मुख पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए। दम्पत्तियों (avoid bed room) के कमरे में पूजा कक्ष नहीं बनाना चाहिए, ऐसा माना जाता है कि अगर आप शारीरिक सम्बंधों (physical relation) को घर के बाकी लोगों के सामने नहीं बनाते हैं तो ईश्वर के सामने भी ऐसा न करें।
मंदिर की स्थिति सबसे ज्यादा मायने रखती है
अगर आप दो मंजिला इमारत (double story building) पर रहते हैं तो अपने पूजा कक्ष को इस प्रकार बनाएं कि ऊपरी मंजिल में उसके ऊपर बाथरूम (bathroom) न हों। मंदिर एक पवित्र स्थान होता है, इसका पूरा ख्याल रखें।
रसोई के अंदर मंदिर न रखें
रसोई (kitchen) के ठीक विपरीत पूजा स्थल बनाएं। कई घरों में किचेन में ही डस्टबीन (dustbin) और बाकी का कूडा रखा रहने दिया जाता है तो ऐसे में भगवान रखना सही नहीं होता है
मंदिर में कभी बंद ना रखें
कई लोग ऐसे मंदिर रखते हैं कि पूजा करने के बाद उसे लॉक (lock) कर दें। ऐसा कतई न करें। मंदिर को खुला रहने दें, इससे घर व उस स्थान पर सकारात्मक ऊर्जा (positive energy) का प्रवाह होता है।
मंदिर की नियमित सफाई करें
आप प्रतिदिन स्नान (bath) करते हैं तो मंदिर हर दिन क्यों साफ नहीं कर सकते। घर के अन्य हिस्सों की तरह मंदिर की सफाई भी प्रतिदिन (everyday) कीजिए। हर मूर्ति व तस्वीर (picture) को साफ करें, इससे आपको ही अच्छा महसूस होगा और मंदिर भी साफ़ रहेगा
घर पर कौनसी मूर्तियां रखें?
मंदिर में सिर्फ भगवान होते हैं वहां भौतिकवादिता की कोई जगह नहीं होती है। लेकिन घरों में हम पारिवारिक जीवन जीते हैं इसलिए बहुत ज्यादा मूर्ति या तस्वीरें रखने की आवश्यकता नहीं होती है। घर पर कुछ सीमित ही मूर्तियों व तस्वीरों को रखना चाहिए.
लक्ष्मी, दुर्गा और सरस्वती :
कई लोगों का मानना है कि तीनों देवियों की मूर्ति आप घर में रख सकते हैं लेकिन कई बार, पुजारियों (pandit ji) व विद्वानों के द्वारा इन तीनों देवियों की मूर्ति एक साथ रखने को मना किया जाता है। ऐसा मानते हैं कि इससे घर में कुछ बुरा होता है और स्वास्थ्य (health) पर भी बुरा असर पड़ता है। गणेश जी के साथ लक्ष्मी जी का पूजन, दीपावली (deepawali) पर होता है तो इस प्रकार लक्ष्मी जी हर घर में प्रवेश करती हैं। हां, गणेश जी की मूर्ति को आप घर में किसी भी स्थान पर आराम से रख सकते हैं।
दो शिवलिंग :
घर के मंदिर में शिवलिंग (shivling) रखना निषिद्ध होता है। कई लोग एक ही शिवलिंग रखना सही मानते हैं, जबकि कायदानुसार एक भी शिवलिंग को नहीं रखना चाहिए। शिवलिंग को सिर्फ धार्मिक स्थलों पर ही रखना चाहिए। (avoid shivling in home).
मूर्तियां व चित्रों को लेकर नियम:
घर में कभी भी कृष्ण या राधा की तस्वीर (picture of radha krishan ji) को नहीं लगाना चाहिए। भगवान कार्तिकेय की उनकी दोनों पत्नियों वाल्ली और देवासेना के साथ भी कोई फोटो न लगाएं। गणेश भगवान की रिद्धि और सिद्धि के साथ भी मूर्ति या तस्वीर नहीं लगानी चाहिए, शास्त्रों में मना किया गया है। यह माना जाता है इससे शादी में समस्या (problem in marriage) आती है।