देश में सूर्यपुत्र शनिदेव के कई मंदिर हैं। उन्हीं में से एक प्रमुख मंदिर है महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में स्थित शिंगणापुर का शनि मंदिर। विश्व प्रसिद्ध इस शनि मंदिर की विशेषता यह है कि यहां स्थित शनिदेव की पाषाण प्रतिमा बगैर किसी छत्र या गुंबद के खुले आसमान के नीचे एक संगमरमर के चबूतरे…
यह आलेख निम्नलिखित के बारे में जानकारी प्रदान करता है : Locks and Sat Singnapur and shani dev and Shani sooryaputr and Singnapur and ताले and शनि शिंगणापुर and शनिदेव and शिंगणापुर and सूर्यपुत्र शनिदेव
देश में सूर्यपुत्र शनिदेव के कई मंदिर हैं। उन्हीं में से एक प्रमुख मंदिर है महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में स्थित शिंगणापुर का शनि मंदिर। विश्व प्रसिद्ध इस शनि मंदिर की विशेषता यह है कि यहां स्थित शनिदेव की पाषाण प्रतिमा बगैर किसी छत्र या गुंबद के खुले आसमान के नीचे एक संगमरमर के चबूतरे पर विराजित है।
प्रतिमा लगभग पांच फीट नौ इंच ऊंची व एक फीट छह इंच चौड़ी है। शनि शिंगणापुर, शनि के सभी मंदिरों में से सबसे अलग एवं सबसे अनूठा है इसका अपना एक अलग महत्व रहा है।
क्या है इस मंदिर की विशेषता
शनि शिंगणापुर में स्थित शनि देव की काले रंग की पाषाण प्रतिमा स्वयंभू मानी जाती है। इस प्रतिमा को लेकर एक कथा प्रचलित है जिसके अनुसार यह शिला एक गड़ेरिए को मिली थी। शनिदेव ने उसे आदेश दिया कि इस प्रतिमा को किसी खुले परिसर में रखा जाए व इस पर तेल द्वारा अभिषेक किया जाए। प्रभु का ऐसा आदेश पाकर उसने इस प्रतिमा को यहां स्थापित किया तब से एक चबूतरे पर शनि देवजी का पूजन एवं तेल अभिषेक करने की परंपरा चली आ रही है।
शनि शिंगणापुर मंदिर महत्व
महाराष्ट्र के अहमदनगर में स्थित शनि शिंगणापुर धाम एक पवित्र तीर्थ स्थल है। शिंगणापुर के इस चमत्कारी शनि मंदिर में देश-विदेश के अनेक शनि भक्त आते हैं। शनिदेव की इस दुर्लभ प्रतिमा के दर्शन प्राप्त करके शनि आशीर्वाद की प्रार्थना करते हैं। मंदिर के बारे में अनेक मान्यताएं भी प्रचलित हैं। शनिवार के दिन और प्रत्येक माह में आने वाली अमावस्या को यहां पर भक्तों का तांता लगा रहता है भारत के कोने-कोने से श्रद्धालु यहां आकर भक्ति भाव सहित शनिदेव की पूजा अर्चना करते हैं। शनि जयंती और शनिश्चरी अमावस्या पर विशेष प्रबंध किए जाते हैं।
इस गांव में नहीं लगाए जाते कहीं ताले
शिंगणापुर गांव इस स्थान की खासियत ये है कि इस छोटे-से गांव में आज भी किसी घर में ताला या कुंडी नहीं लगाई जाती। इसके साथ ही लोगों को अपने कीमती सामान को किसी अलमारी या तिजोरी में भी नहीं रखते। माना जाता है कि केवल शनि भगवान जब इस गांव के रक्षक हैं। लोग मानते हैं की यदि कोई चोरी करता है तो वह इस गांव से बाहर भी नहीं जा पाता और उस पर शनि देव जी का कहर बरपता है। यहां आने वाले लोग भी अपने वाहनों में ताला नहीं लगाते व बिना किसी परेशानी के अपने को सुरक्षित महसूस करते हैं।