अगर आप को बताया जाए कि भारत में भगवान शंकर के 8 प्रसिद्ध मंदिर एक ही देशांतर यानी 79 डिग्री पूर्व देशांतर में स्थित है तो आपको यकीन नहीं होगा.Shiva Temples At 79 Degree East in Hindi :- लेकिन से सच है. अलग-अलग समय अलग-अलग राजाओं द्वारा कई शताब्दी पूर्व सुदूर उत्तर से दक्षिण तक…
अगर आप को बताया जाए कि भारत में भगवान शंकर के 8 प्रसिद्ध मंदिर एक ही देशांतर यानी 79 डिग्री पूर्व देशांतर में स्थित है तो आपको यकीन नहीं होगा.
लेकिन से सच है. अलग-अलग समय अलग-अलग राजाओं द्वारा कई शताब्दी पूर्व सुदूर उत्तर से दक्षिण तक फैले ये सभी मंदिर ईशान दिशा में एक ही डिग्री पर बने हैं.
जबकि उस समय आज के आधुनिक युग की तरह जीपीएस सिस्टम भी नहीं था. भगवान शंकर के 8 प्रसिद्ध मंदिर 79 डिग्री पूर्व देशांतर में स्थित हैं एक नजर आप भी देख लीजिए.
1 कालेश्वरम-
तेलंगाना में गोदावरी और प्राणहिता के संगम पर स्थित यह कई शताब्दी पुराना है. यहां पूजा अर्चना से मोक्ष मिलता है. इसलिए कालेश्वर-मुक्तेश्वर भी कहा जाता है.
2 रामेशवरम-
सेतुबंध रामेश्वरम के नाम से विख्यात यह मंदिर भी 79 डिग्री पूर्व देशांतर में स्थित है.
3 चिदंबरम नटराज-
यह भगवान शंकर का आकाश स्वरूप लिंगम है. यह मंदिर कब बना यह तो सही-सही नहीं मालूम लेकिन चोल शासकों ने इस मंदिर को खूब दान दिया.
4 तिरुवनाईकवल-
महान गणितिज्ञ सीवी रमन की जन्म स्थली और कावेरी नदी के तट पर बने तिरुवनायीकवल मंदिर लगभग 79 डिग्री पूर्व देशांतर पर स्थित है.
5 तिरुवनामलाई-
यहां मिले शिलालेखों के आधार कहा जाता है अन्ना मलाई पर्वत श्रंखला पर भगवान शंकर के इस मंदिर का निर्माण 9वीं शताब्दी में चोल शासकों ने करवाया था.
6 एकम्बरनाथ-
तमिलनाडु के कांचीपुरम स्थित एकम्बरनाथ मंदिर को 500 ईसवीं सदी में विजयनगरम सम्राट ने बनवाया था. इस मंदिर में भगवान शंकर के लिंग स्वरूप में दर्शन होते हैं.
7 कालहस्ती-
सुदूर दक्षिण में आंध्र प्रदेश की स्वर्णमुखी नदी तट पर भगवान शंकर के इस अदभुत मंदिर को पल्लव वंश के राजाओं ने स्थापित किया था.
8 केदारनाथ-
धर्मशास्त्रों में बताया गया है कि केदारनाथ में पाण्डवों ने भगवान शंकर को प्रसन्न करने के लिए यहां तप किया था. भगवान शिव ने जिस स्थान पर पाण्डवों को दर्शन दिये उसी स्थान पर केदारनाथ मंदिर है. यह मंदिर भी 79 डिग्री पूर्व देशांतर में स्थित है.
ये है भगवान शंकर के 8 प्रसिद्ध मंदिर जो 79 डिग्री पूर्व देशांतर में स्थित हैं. इन सभी मंदिरों का ईशान में एक ही डिग्री पर होना बताता है कि वैदिक विज्ञान आज के विज्ञान से कहीं ज्यादा आगे था. लेकिन भारत में जब कभी लोगों को धर्म और उनसे जुड़ी विशेषताओं के बारे में बताया जाता है तो वे इसको पोंगा पंथी कहकर मजाक में उड़ा देतें हैं.
यह आलेख निम्नलिखित के बारे में जानकारी प्रदान करता है : Kedarnath, केदारनाथ