बिल्व पत्र शिवलिंग पर चढ़ाने से पहले ऐसा अवश्य करें : बिल्व पत्र तोडऩे से पहले निम्न मंत्र का उच्चारण करेें उसके बाद बिल्व पत्र तोडऩे चाहिए। बिल्व पत्र तोडऩे का मंत्र- अमृतोद्धव श्रीवृक्ष महादेवप्रिय: सदा।Shivling Puajn Vidhi in Hindi :- भगवान शिव पर अर्पित करने हेतु बिल्व पत्र तोडऩे से पहले निम्न मंत्र का उच्चारण…
यह आलेख निम्नलिखित के बारे में जानकारी प्रदान करता है : Bilwa letters and Mahadevpriy and ring finger and अनामिका and तोडऩे and बिल्व पत्र and महादेवप्रिय and शिवलिंग
बिल्व पत्र शिवलिंग पर चढ़ाने से पहले ऐसा अवश्य करें : बिल्व पत्र तोडऩे से पहले निम्न मंत्र का उच्चारण करेें उसके बाद बिल्व पत्र तोडऩे चाहिए। बिल्व पत्र तोडऩे का मंत्र- अमृतोद्धव श्रीवृक्ष महादेवप्रिय: सदा।
भगवान शिव पर अर्पित करने हेतु बिल्व पत्र तोडऩे से पहले निम्न मंत्र का उच्चारण करने के उपरांत बिल्व वृक्ष को प्रमाण करना चाहिए, उसके बाद बिल्व पत्र तोडऩे चाहिए। बिल्व पत्र तोडऩे का मंत्र- अमृतोद्धव श्रीवृक्ष महादेवप्रिय: सदा।
गृहामि तव पत्रणि श्पिूजार्थमादरात्।। चतुर्थी, अष्टमी, नवमी, चतुर्दशी और अमावस्या तिथियों को, संक्रांति के समय और सोमवार को बिल्व पत्र कभी नहीं तोडऩे चाहिए, किंतु बिल्व पत्र शंकर जी को बहुत प्रिय हैं। अत: निषिद्ध समय से पहले दिन का रखा बिल्व पत्र ही चढ़ाना चाहिए। बिल्व पत्र, धतूरा और पत्ते जैसे उगते हैं, वैसे ही इन्हें भगवान पर चढ़ाना चाहिए। उत्पन्न होते समय इनका मुख ऊपर की ओर होता है, अत: चढ़ाते समय इनका मुख ऊपर की ओर ही रखना चाहिए।
दूर्वा एवं तुलसी दल को अपनी ओर और बिल्व पत्र नीचे मुख पर चढ़ाना चाहिए। दाहिने हाथ की हथेली को सीधी करके मध्यमा, अनामिका और अंगूठे की सहायता से फूल एवं बिल्व पत्र चढ़ाने चाहिए। भगवान शिव पर चढ़े हुए पुष्पों एवं बिल्व पत्रों को अंगूठे और तर्जनी की सहायता से उतारें।