हनुमान जंयती को भगवान हनुमान के जन्म के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। चैत्र मास के 15 वें दिन को भगवान हनुमान का जन्मदिवस होता है। हनुमान जी की पूजा सभी हिंदुओं के द्वारा की जाती है और कई मंदिर भी हनुमान जी को समर्पित होते हैं। जिन मंदिरों में भगवान राम की पूजा होती…
यह आलेख निम्नलिखित के बारे में जानकारी प्रदान करता है : भगवान हनुमान
हनुमान जंयती को भगवान हनुमान के जन्म के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। चैत्र मास के 15 वें दिन को भगवान हनुमान का जन्मदिवस होता है।
हनुमान जी की पूजा सभी हिंदुओं के द्वारा की जाती है और कई मंदिर भी हनुमान जी को समर्पित होते हैं। जिन मंदिरों में भगवान राम की पूजा होती है वहां भी हनुमान जी की पूजा की जाती है।
लोक पंरपराओं के अनुसार, हनुमान जी के पास कई असीम शक्तियां थी, जिनके कारण वह बुरी शक्तियों और आत्माओं को दूर भगा देते थे। उनके जन्मदिवस के अवसर पर भी नकारात्मक ऊर्जा और बुरी शक्तियों से छुटकारा पाने के लिए पूजा की जाती है। आइए जानते हैं हनुमान जयंती के महत्व और किंवदंतियों के बारे में:
हनुमान जयंती के बारे में किंवदंती –
माना जाता है कि भगवान हनुमान ने एक बार माता सीता को सिंदुर लगाते हुए देखा। उन्होंने जिज्ञासवश माता सीता से पूछा कि वह यह लाल रंग का पाउडर अपने माथे पर क्यूं लगा रही है। इस पर माता सीता ने कहा कि ऐसा करने से भगवान राम की आयु बढ़ेगी। ऐसा सुनकर, भगवान हनुमान गए और उन्होंने अपने पूरे बदन पर सिंदुर का लेप कर लिया, ताकि भगवान राम की आयु दीर्घ हो जाएं। तब से लेकर आज तक, भगवान हनुमान की पूजा सामग्री में सिंदुर भी चढ़ाया जाता है।
हनुमान जयंती का महत्व –
माना जाता है कि भगवान हनुमान, भगवान शिव का रूप हैं। वो निष्ठा और भक्ति का अवतार हैं। उनकी ताकत अतुलनीय है और उन्हें महान बौद्धिक माना जाता है। इसलिए, लोग, उनके जन्मदिवस पर उपवास रखते हैं। हनुमान चालीसा का जाप करते हैं और प्रसाद बांटते हैं।
इस प्रकार भगवान हनुमान के जन्म को हनुमान जयंती नाम दिया गया, इस दिन सभी श्रद्धालु पूजा-पाठ करते हैं और शक्ति प्राप्त करने की उपासना करते हैं।