तिरुपति के भगवान वेंकटेश्वर एक सबसे प्रसिद्ध हिंदू देवता हैं। हर साल लाखों लोग भगवान का आशीर्वाद लेने के लिए तिरुमाला की पहाड़ियों पर भीड़ लगाते हैं। माना जाता है कि भगवान वेंकटेश्वर अपनी पत्नी पद्मावती के साथ तिरुमला में निवास करते हैं। भगवान वेंकटेश्वर को बालाजी, श्रीनिवास और गोविंदा के नाम से भी जाना…
तिरुपति के भगवान वेंकटेश्वर एक सबसे प्रसिद्ध हिंदू देवता हैं। हर साल लाखों लोग भगवान का आशीर्वाद लेने के लिए तिरुमाला की पहाड़ियों पर भीड़ लगाते हैं। माना जाता है कि भगवान वेंकटेश्वर अपनी पत्नी पद्मावती के साथ तिरुमला में निवास करते हैं। भगवान वेंकटेश्वर को बालाजी, श्रीनिवास और गोविंदा के नाम से भी जाना जाता है। भगवान वेंकटेश्वर, भारत के सबसे अमीर देवताओं में से एक माने जाते हैं।
भगवान वेंकटेश्वर एक बहुत शक्तिशाली देवता के रूप में जाने जाते हैं। ऐसे कहा जाता है कि यदि कोई भक्त कुछ भी सच्चे दिल से मांगता है, तो भगवान उसकी सारी मुरादें पूरी करते हैं। वे लोग जिनकी मुराद भगवान पूरी कर देते हैं, वे अपनी इच्छा अनुसार वहां पर अपने बाल दान कर के आते हैं। हम लोगों ने भगवान वेंकटेश्वर के बारे में बहुत सुना है पर हमें उनकी कहानी के बारे में कुछ भी नहीं पता।
महालक्ष्मी ने वैकुंठ क्यूं छोड़ा ?
एक बार ऋषि भृगु, जिन्हें माना जाता है कि उनकी एक आंख उनके पैर पर है, वो सच्चा ज्ञान प्राप्त करने के लिये पूरे ब्रह्मांड के चक्कर लगा रहे थे। पहले तो उन्होने भगावन ब्रह्मा का दरवाजा खटखटाया, लेकिन भगवान ब्रह्मा उस समय विष्णु का नाम जपने में इतना तल्लीन थे कि उन्हें ऋषि भृगु की आवाज नहीं सुनाई दी। ब्रह्मा के इस व्यवहार पर गुस्साए ऋषि भृगु ने ब्रह्मा को शापित कर दिया कि इस पृथ्वी पर अब कोई उन्हें नहीं पूजेगा।
उसके बाद ऋषि भृगु शिवा के पास गए। उस समय भगवान शिव माता पार्वती से बाते करने में इतने डूबे हुए थे कि उन्होने ऋषि की बात पर ध्यान नहीं दिया। तब गुस्साए ऋषि ने भगवान शिव को श्राप दिया कि अब से केवल उनके लिंग की पूजा होगी।
इसके बाद ऋषि भृगु , भगवान विष्णु के पास गए और उन्होने भी उनकी बात को अनसुना कर दिया। इससे गुस्साए ऋषि भृगु ने भगवान विष्णु के सीने पर जोर का वार किया। माना यह जाता है कि भगवान विष्णु के सीने में माता लक्ष्मी का निवास होता है। ऋषि भृगु को शां करने के लिये भगवान विष्णु ने ऋषि के पैर पकड़ लिये और उसे आहिस्ता से दबाने लगे। पैर दबाते वक्त विष्णु ने ऋषि के पैरों में लगी आंख को नोंच लिया, जिससे ऋषि का अहंकार समाप्त हो गया। ऋषि ने अपनी गलती के लिए माफी मांगी। लेकिन माता लक्ष्मी भगवान विष्णु से नाराज हो जाती हैं और वैकुंठ छोड़ कर धरती पर चली जाती हैं।
लाचार प्रभु विष्णु , देवी को ढूंढने के लिये पृथ्वी पर वेंकट पहाड़ी पर एक इमली के पेड़ के नीचे श्ररण लेते हैं। इस दौरान भगवन ने खाना-पीना और नींद त्याग कर माता लक्ष्मी को वापस बुलाने के लिये ध्यान करने लग गए।
श्रीनिवास एवं पद्मावती कैसे मिलते हैं?
भगवान विष्णु का दर्द देखकर भगवान ब्रह्मा और शिव एक गाय और बछड़े का रूप लेते हैं। चोल देश के राजा उन्हें खरीदते हैं और वेंकट पहाड़ी के खेतों में चरने के लिए भेज देते हैं। भगवान विष्णु को ढूंढ कर गाय उन्हें अपना दूध पिलाती है। लेकिन जब रानी को पता चलता है कि गाय दूध नहीं दे रही है तो, वह बहुत नाराज हो जाती हैं। तब वह एक आदमी को गाय पर नजर रखने को बोलती हैं। वह देखता है कि गाय अपना सारा दूध पहाड़ी पर गिरा देती है। इससे गुस्साए आदमी ने जब गाय को मारने के लिये कुल्हाड़ी उठाई, तभी वहां पर भगवान विष्णु प्रकट होते हैं। वह पूरी तरह से खून से लतपत होते हैं, जिसे देख कर वह आदमी डर के मारे मर जाता है।
यह देख राजा दौड़ा हुआ उस जगह पर आता है, तब भगवान विष्णु वहां प्रकट होते हैं उसे श्राप देते हैं कि वह अगले जन्म में उनके दास के रूप में एक असुर का रूप धारण करेगा। यह बात सुन कर राजा भगवान से माफी मांगता है। इसलिये भगवान विष्णु उसे मांफ कर देते हैं और वरदान देते हैं, कि वह अक़सा राजा के रूप में पैदा होगा और अपनी बेटी पद्मावती का हाथ विष्णु के हाथ में देगा। इस प्रकार भगवान विष्णु श्रीनिवास का रूप ले कर वराह में रहने लगे। फिर कई सालों के बाद एक अकसा नामक राजा आया जिसकी एक बहुत ही खूबसूरत सी बेटी थी, जिसका नाम पद्मावती था।
भगवान विष्णु ने जब रानी पद्मावती को देखा तो, वह उसके प्यार में घायल हो गए। राजा ने दोनों की शादी पक्की कर दी। भगवान विष्णु ने अपनी शादी का खर्चा उठाने के लिये धन के देव कुबेर से पैसे उधार लिए। तब जा कर दोनों की शादी हुई और तब से माता लक्ष्मी फिर से भगवान विष्णु के दिन में समा गईं। लोग इस मंदिर में आ कर शादी इसलिये करते हैं, जिससे वह जन्मो जन्म साथ रह सकें।
यह आलेख निम्नलिखित के बारे में जानकारी प्रदान करता है : 11 Mysterious facts about Tirupati Balaji Temple, facts about Tirupati Balaji Temple, History Of Tirumala Tirupati Temple, History of Tirupati Balaji temple, Lord Vishnu, Mahalaxmi, Money Tirupati Balaji Story, Mysterious facts about Tirupati Balaji Temple, Temple, Tirumala, tirupati balaji, tirupati balaji and mahalaxmi story in marathi, tirupati balaji darshan, tirupati balaji hair donation story in hindi, tirupati balaji ki khasiyat, Tirupati Balaji ki story in hindi, tirupati balaji live darshan, tirupati balaji location, Tirupati Balaji Mandir, tirupati balaji photos, Tirupati balaji story, Tirupati balaji story in Hindi, tirupati balaji story in hindi video, tirupati balaji story in hindi wikipedia, tirupati balaji story in marathi, Tirupati balaji temple, tirupati balaji temple address, Tirupati Balaji Temple History, Tirupati Balaji Temple History In Hindi, tirupati balaji vrat katha in hindi, tirupati temple history in malayalam, tirupati temple history in tamil, Venkateswara Temple, तिरुपति बालाजी, तिरुपति बालाजी कहा है, तिरुपति बालाजी का इतिहास, तिरुपति बालाजी का मंदिर व इसका इतिहास, तिरुपति बालाजी का सच, तिरुपति बालाजी की कहानी, तिरुपति बालाजी कैसे पहुंचे, तिरुपति बालाजी मंदिर का इतिहास, तिरुपति बालाजी मंदिर दर्शन, तिरुपति बालाजी मंदिर वीडियो, तिरुपति बालाजी यात्रा, तिरुपति वेंकटेश्वर मन्दिर, बालाजी मंदिर, बालाजी मंदिर तिरुपति, भगवान तिरुपति बालाजी, भगवान विष्णु, मंदिर तिरुपति बालाजी