यह एक असीम सच्चाई है कि ‘जो देता है वही पाता है’। ब्रह्मांड एक रहस्यमय जगह है जिसके अनेक रहस्यमयी कानून हैं। जिंदगी में सफलता प्राप्त करने का एक मंत्र है साफ़ दिल से और निःस्वार्थ भाव से दूसरों को देना। जिन्होंने ऐसा किया है वे सच्चे दिल से देने की इस ताकत को समझते…
यह आलेख निम्नलिखित के बारे में जानकारी प्रदान करता है : Lord Shiva and गरीबी से मुक्ति and भगवान शिव
यह एक असीम सच्चाई है कि ‘जो देता है वही पाता है’। ब्रह्मांड एक रहस्यमय जगह है जिसके अनेक रहस्यमयी कानून हैं। जिंदगी में सफलता प्राप्त करने का एक मंत्र है साफ़ दिल से और निःस्वार्थ भाव से दूसरों को देना। जिन्होंने ऐसा किया है वे सच्चे दिल से देने की इस ताकत को समझते हैं। हमारे पूर्वजों के अनुसार जितना आप दान करते हैं वह किसी न किसी रूप में उससे कई गुना आपके पास वापस आता है… इतना की तुम आशा भी नहीं कर सकते।
लाभप्राप्ति के लिए दान देने के इस पौराणिक विज्ञान को अक्षय तृतीया या स्वर्णिम दिन के पवित्र मौके पर आप आजमा सकते हैं। स्वर्णिम दिन या सोने के दिन से तात्पर्य यह नहीं है कि इस दिन आप सोना खरीदें। यह दिन तीसरा चन्द्रमा है जो अप्रैल या मई के बीच में आता है जो कि दान के लिए सबसे महत्वपूर्ण दिन है।
इस दिन सूर्य और चन्द्रमा अपनी चमकदार स्थिति में होते हैं और यह दान और उदारतापूर्व कार्यों के लिए एक पवित्र दिन माना जाता है।
इस दिन दान करने से होता है लाभ
पैसा या अन्य कोई वस्तु का दान आप आज देते हैं, वह निकट भविष्य में उससे कई गुना अपने पास आती है। भूखे को खाना देना या गरीब की मदद करने से आपको आर्थिक और आध्यात्मिक आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस दिन देने से वह किसी न किसी रूप में उससे कई गुना होकर आपके पास लोटती है। यह कहा जाता है कि जब भगवान ने जब इस दुनिया को रचने की ठानी तो सबसे पहले उनके मुह से शब्द निकला ‘अक्षय’ जिसका अर्थ है अनंत या असीमित। धन को बढ़ने का यह एकमात्र दिन है। वर्षपर्यंत अच्छा भाग्य और समृद्धि की आशा में कई लोग इस दिन सोना भी खरीदते हैं
पौराणिक कथा के अुसार…
पौराणिक कथों के अनुसार इस दिन कुबेर को भगवान शिव के द्वारा धन की प्राप्ति हुई थी। इसके अलावा इसी दिन भगवान शिव ने देवी लक्ष्मी को धन का आशीर्वाद दिया था। वास्तव में भगवान शिव ने ही कुबेर को धन का देवता और लक्ष्मी को धन की देवी घोषित किया था। शिवपुरम में भगवान कुबेर ने शिव की आराधना की थी। यह आराधना उन्होंने जमीन के नीचे स्थित मंदिर में की जहाँ हजारों शिव लिंग थे। उन्होंने कहा कि इस जगह आने से और यहाँ पूजा करके धन धान्य की प्राप्ति होगी और बुरे कर्मों से छुटकारा मिलेगा।
भूखे को खाना जरुर खिलाएं
भूखे को खाना खिलाना सबसे महत्वपूर्ण दान है। कुछ लोग इस दिन गरीब बच्चों को छाते, चप्पल आदि भी दान करते हैं। तीसरे चन्द्रमा के दिन पूजा करने से भी फल की प्राप्ति होती है। चूँकि नया चाँद आने के तीसरे दिन यह दान का दि९न आता है इसलिए इसे तृतीया कहते हैं।
सोना खरीदने का कोई जिक्र नहीं
पुराणों में इस दिन सोना या अन्य ज्वेलरी आदि खरीदने के बारे में कोई जिक्र नहीं किया गया है। यह सिर्फ अपना व्यापार बढ़ाने और सामान बेचने वालों की चालें है जो धर्म और आस्था के नाम पर भोले भाले लोगों को सामान खरीदने पर मजबूर करते हैं।
हमारे पौराणिक ग्रंथों के अनुसार इस दिन दान करने के जो लाभ हैं वो हम आपको बता रहें हैं