इस दिन तीव्र बुद्धि पाने के लिए सुबह स्नान कर लें. सभी देवी – देवताओं की समान्य रूप से पूजा करें और माँ काली के दर्शन करने के लिए मंदिर जाएँ. मंदिर में जाने के बाद उनसे हाथ जोड़कर अपनी कामनाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना करें. अब काली माँ को पेठे की मिठाई का…
इस दिन तीव्र बुद्धि पाने के लिए सुबह स्नान कर लें. सभी देवी – देवताओं की समान्य रूप से पूजा करें और माँ काली के दर्शन करने के लिए मंदिर जाएँ. मंदिर में जाने के बाद उनसे हाथ जोड़कर अपनी कामनाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना करें. अब काली माँ को पेठे की मिठाई का भोग लगायें या फल का भोग लगायें. इसके बाद निम्नलिखित मन्त्र का 11 बार जाप करें.
मन्त्र – ॐ ऐं ह्रीं क्लीं महा सरस्वत्यै नम:
अगर आप किसी केस में फसे हुए हैं और उसका परिणाम आपके हक में नहीं आ रहा हैं या आपको स्वास्थ्य से जुडी हुई किसी अन्य परेशानी का सामना करना पड रहा हैं या वैवाहिक जीवन में तनाव हैं. तो इन सभी परेशानियों से राहत पाने के लिए वसंत पंचमी के दिन प्रातः उठकर स्नान कर पीले वस्त्र धारण कर लें और दुर्गा सप्तशती की पुस्तक से अर्गला स्त्रोत एवं कीलक स्त्रोत का पाठ करें. इस उपाय को करने से आपको इन सभी समस्याओं से मुक्ति मिल जायेगी.
यदि आपको संगीत पसंद हैं और आप संगीत के क्षेत्र में ही आगे जाना चाहते हैं. तो इस दिन पीले रंग के वस्त्र धारण कर लें. अब सरस्वती जी की समान्य विधि से पूजन करें और माँ सरस्वती का ध्यान करके निम्नलिखित मन्त्र का जाप 21 बार करें. जाप सम्पूर्ण होने के बाद सरस्वती जी को शहद का भोग लगायें और उस प्रसाद को अपने घर के सभी सदस्यों में वितरित कर दें.
मन्त्र – ह्रीं वाग्देव्यै ह्रीं ह्रीं
यदि किसी विद्यार्थी को अथक परिश्रम करने के बाद भी सफलता हासिल नहीं हो पा रही हैं. तो उसे वसंत पंचमी के दिन इस उपाय को करना चाहिए. इस उपाय को आप किसी भी गुरूवार से शुरू कर सकते हैं. अगर आप इस उपाय को किसी शुभ समय में शुरू करना चाहते हैं तो इस उपाय को करने का सबसे अच्छा दिन शुक्ल पक्ष की पंचम तिथि हैं. इस उपाय को करने के लिए सुबह जल्दी उठकर स्नान कर ले. अब एक तांबे की या स्टील की थाली लें. अब इस थाली में कुमकुम से स्वास्तिक का चिन्ह बना लें और अपने मन में गणेश जी का ध्यान करें. अब इस थाली पर बने स्वास्तिक के चिन्ह के ऊपर एक सरस्वती माता का यंत्र स्थापित कर लें. इसके बाद 8 नारियल लें और इन्हें थाली के सामने रख दें. अब इस थाली में रखे यंत्र पर पुष्प, चन्दन व अक्षत चढाएं. इसके बाद धूप एवं शुद्ध घी का दीपक जला लें और माता सरस्वती जी की आरती करें. आरती करने के बाद अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए निम्नलिखित सरस्वती माँ के मन्त्र की एक स्फटिक की माला या तुलसी की एक माला का जाप करें.
मन्त्र – ॐ सरस्वत्यै नम:
सरस्वती जी के इस मन्त्र का जाप करने के बाद पूजन की सारी सामग्री को एकत्रित कर लें और उसे जल में प्रवाहित कर दें. इस उपाय को करने से आपको आपकी मेहनत का फल अवश्य मिलेगा.
वसंत पंचमी के अन्य उपायों को जानने के लिए आप तुरंत नीचे कमेंट करके जानकारी हासिल कर सकते है.
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