हम 21वीं सदी में पहुंच चुके हैं। लेकिन आज भी भारतीय समाज से अंध विश्वास समाप्त नहीं हुआ है। पीढ़ियाँ दर पीढ़ियाँ गुजर गयी लेकिन आज भी कई जगहों पर अंधविश्वास ने अपने पैर जमाये हुए हैं। आज आधुनिकीकरण ने देश में पनप रहे कुछ अंध विश्वास को खत्म किया है लेकिन आज भी कुछ…
यह आलेख निम्नलिखित के बारे में जानकारी प्रदान करता है : अन्धविश्वास and वास्तुशास्त्र
हम 21वीं सदी में पहुंच चुके हैं। लेकिन आज भी भारतीय समाज से अंध विश्वास समाप्त नहीं हुआ है। पीढ़ियाँ दर पीढ़ियाँ गुजर गयी लेकिन आज भी कई जगहों पर अंधविश्वास ने अपने पैर जमाये हुए हैं। आज आधुनिकीकरण ने देश में पनप रहे कुछ अंध विश्वास को खत्म किया है लेकिन आज भी कुछ अंध विश्वास वैसे ही चले जा रहे हैं जैसे वे पहले थे।
उद्धाहरण के लिए बालों को ही ले लीजिये। आज माएं अपनी बेटियों को रात में बाल कंघी नहीं करने देती हैं, और ना ही खोलने देती हैं। इसी तरह बालों को ले के हमारे भारतीय समाज में और भी कई अंध विश्वास हैं आइये जाने।